जेपी नड्डा पर 'पत्थरबाजी' और ममता बनर्जी पर हुए कथित 'हमले' पर नेशनल मीडिया के दो सुर

इन घटनाओं के बाद दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, लेकिन इस बीच नेशनल मीडिया द्वारा दोनों घटनाओं को कवर करने का तरीका एकदम जुदा है.

WrittenBy:बसंत कुमार
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रिपब्लिक भारत

अर्णब गोस्वामी के मालिकाना हक़ वाली मीडिया कंपनी रिपब्लिक भारत के भी दोनों घटनाओं के बाद की कवरेज में अंतर साफ नज़र आता है. जेपी नड्डा पर हुए हमले के बाद रिपब्लिक भारत के महाभारत शो में जो खबर चली उसका शीर्षक रहा, ममता की खूनी राज'नीति'.

शो के एंकर सैयद सोहेल कहते हैं, ‘‘आज हम बात करने वाले हैं, ममता की खूनी राजनीति की. क्या बंगाल में चुनाव है इसलिए तनाव है. ये सवाल इसलिए क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर थे. उनके काफिले पर, उनकी गाड़ी पर हमला किया गया. इससे पहले बंगाल में राजनीतिक हत्याएं कोई नई बात नहीं है. आए दिन बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्याएं होती हैं तो सवाल ये है कि अगले साल बंगाल में चुनाव है इसीलिए दीदी की बौखलाहट सामने आ रही है और राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं.’’

इस शो में स्क्रीन पर जो प्लेट आता है उसमें लिखा होता है-

दीदी का राज बंगाल में 'रक्तकाल'

टीएमसी का 'रक्तचरित्र' बम बंदूक और बवाल

'मोदी के मिशन बंगाल' से घबराई दीदी

रिपब्लिक बंगला के लांच होने के चलते करीब 20 दिन बाद अपने शो 'पूछता है भारत' करने लौटे अर्णब गोस्वामी इस घटना को लेकर सवाल करते हैं, 'क्या सुरक्षा घेरे में रहने वाली ममता के साथ हुई घटना की जांच नहीं होनी चाहिए, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक किसी भी तरह की बयानबाजी बंद करनी चाहिए,' इसके अलावा कुछ और सवाल अर्णब इस दावे के साथ पूछते हैं कि उनके साथ पूरा देश पूछना चाहता है.

एक तरफ जेपी नड्डा पर कथित हमले के बाद ममता बनर्जी की राजनीति को खूनी राजनीति करार देने वाला रिपब्लिक भारत ममता बनर्जी पर हुए हमले की सीबीआई जांच की मांग करता है ताकि सच सामने आ सके. जबकि दोनों घटनाओं के बाद दोनों दलों ने एक दूसरे पर साजिश का आरोप लगाया था.

इंडिया टीवी

रजत शर्मा के मालिकाना हक़ वाले टीवी चैनल इंडिया टीवी पर भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद 'नड्डा के काफिले पर हमला, बाल-बाल बचे कैलाश विजयवर्गीय' नाम से शो किया गया जिसमें एंकर कहते हैं, ‘‘बंगाल में लोकतंत्र का हनन हो रहा है. टीएमसी के कायर्कताओं ने जेपी नड्डा की गाड़ी पर जमकर पत्थरबाजी की. जबरदस्त हंगामा हुआ.’’

इस शो के दौरान स्क्रीन पर टिकर चल रहा था-

नड्डा के काफिले पर हमला.. टीएमसी का सियासी बदला

क्या पत्थर डंडे से ममता रोकेंगी बीजेपी का रास्ता?

क्या परिवर्तन के आहट से डर गई है ममता?

बंगाल में लोकतंत्र पर अटैक

वहीं ममता बनर्जी को चोट लगने के बाद रजत शर्मा के शो ‘आज की बात’ में एक खबर के जरिए बताने की कोशिश होती है कि ममता बनर्जी के साथ दुर्घटना हुई ना की कोई हमला हुआ. इसके बाद शर्मा कहते हैं, ‘‘मुझे तो लगता है कि चूंकि चुनाव का माहौल है तो इस मामले में सब के सब गलतबयानी कर रहे हैं. ममता बनर्जी को चोट तो लगी है. अच्छी खासी चोट लगी है. उनके पैर में फ्रैक्चर है. तो ये कहना तो गलत है कि ममता ड्रामा कर रही हैं, लेकिन ये कहना भी गलत है कि बीजेपी ने ममता पर हमला कराने की साजिश की और साजिश करने से पहले साजिश करने वाले ये संकेत दे देंगे कि वे साजिश करेंगे ये तो और बड़ी मूर्खता है.’’

एक तरफ चैनल जेपी नड्डा पर हुए हमले के बाद टीएमसी पर सवाल खड़े कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ जब ममता पर हमला हुआ तो वे इसके पीछे किसी साजिश से इंकार करते नजर आते हैं.

सिर्फ इंडिया टीवी, ज़ी न्यूज़, रिपब्लिक भारत और न्यूज़ 18 ही नहीं बल्कि दूसरे चैनलों पर ऐसी ही रिपोर्टिंग देखने को मिली. जहां जेपी नड्डा पर हुए हमले के दौरान पार्टी द्वारा टीएमसी पर आरोप लगाने पर ही चैनलों ने ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर सवाल खड़े कर दिए लेकिन जब ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने बीजेपी पर हमले का आरोप लगाया तो चैनलों की भाषा बदलती नज़र आई.

कई एंकरों ने सवाल उठाया कि ममता बनर्जी की सुरक्षा में इतने पुलिसकर्मी मौजूद थे ऐसे में उनपर कोई हमला करके चला गया, लेकिन किसी को पकड़ा नहीं गया. ऐसा कैसे? ये सवाल जायज है लेकिन यह सवाल तो जेपी नड्डा के ऊपर हुए हमले के बाद भी पूछा उनके पास भी तो जेड प्लस की सुरक्षा है ऐसे में उनपर हमला करने वाला क्यों नहीं पकड़ा गया. लेकिन यह सब सवाल नड्डा पर कथित हमले के दौरान नहीं पूछे गए. न्यूजलॉन्ड्री इन दोनों हादसों में क्या सच और क्या झूठ है यह मालूम नहीं कर पाया.

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रिपब्लिक भारत

अर्णब गोस्वामी के मालिकाना हक़ वाली मीडिया कंपनी रिपब्लिक भारत के भी दोनों घटनाओं के बाद की कवरेज में अंतर साफ नज़र आता है. जेपी नड्डा पर हुए हमले के बाद रिपब्लिक भारत के महाभारत शो में जो खबर चली उसका शीर्षक रहा, ममता की खूनी राज'नीति'.

शो के एंकर सैयद सोहेल कहते हैं, ‘‘आज हम बात करने वाले हैं, ममता की खूनी राजनीति की. क्या बंगाल में चुनाव है इसलिए तनाव है. ये सवाल इसलिए क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर थे. उनके काफिले पर, उनकी गाड़ी पर हमला किया गया. इससे पहले बंगाल में राजनीतिक हत्याएं कोई नई बात नहीं है. आए दिन बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्याएं होती हैं तो सवाल ये है कि अगले साल बंगाल में चुनाव है इसीलिए दीदी की बौखलाहट सामने आ रही है और राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं.’’

इस शो में स्क्रीन पर जो प्लेट आता है उसमें लिखा होता है-

दीदी का राज बंगाल में 'रक्तकाल'

टीएमसी का 'रक्तचरित्र' बम बंदूक और बवाल

'मोदी के मिशन बंगाल' से घबराई दीदी

रिपब्लिक बंगला के लांच होने के चलते करीब 20 दिन बाद अपने शो 'पूछता है भारत' करने लौटे अर्णब गोस्वामी इस घटना को लेकर सवाल करते हैं, 'क्या सुरक्षा घेरे में रहने वाली ममता के साथ हुई घटना की जांच नहीं होनी चाहिए, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक किसी भी तरह की बयानबाजी बंद करनी चाहिए,' इसके अलावा कुछ और सवाल अर्णब इस दावे के साथ पूछते हैं कि उनके साथ पूरा देश पूछना चाहता है.

एक तरफ जेपी नड्डा पर कथित हमले के बाद ममता बनर्जी की राजनीति को खूनी राजनीति करार देने वाला रिपब्लिक भारत ममता बनर्जी पर हुए हमले की सीबीआई जांच की मांग करता है ताकि सच सामने आ सके. जबकि दोनों घटनाओं के बाद दोनों दलों ने एक दूसरे पर साजिश का आरोप लगाया था.

इंडिया टीवी

रजत शर्मा के मालिकाना हक़ वाले टीवी चैनल इंडिया टीवी पर भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद 'नड्डा के काफिले पर हमला, बाल-बाल बचे कैलाश विजयवर्गीय' नाम से शो किया गया जिसमें एंकर कहते हैं, ‘‘बंगाल में लोकतंत्र का हनन हो रहा है. टीएमसी के कायर्कताओं ने जेपी नड्डा की गाड़ी पर जमकर पत्थरबाजी की. जबरदस्त हंगामा हुआ.’’

इस शो के दौरान स्क्रीन पर टिकर चल रहा था-

नड्डा के काफिले पर हमला.. टीएमसी का सियासी बदला

क्या पत्थर डंडे से ममता रोकेंगी बीजेपी का रास्ता?

क्या परिवर्तन के आहट से डर गई है ममता?

बंगाल में लोकतंत्र पर अटैक

वहीं ममता बनर्जी को चोट लगने के बाद रजत शर्मा के शो ‘आज की बात’ में एक खबर के जरिए बताने की कोशिश होती है कि ममता बनर्जी के साथ दुर्घटना हुई ना की कोई हमला हुआ. इसके बाद शर्मा कहते हैं, ‘‘मुझे तो लगता है कि चूंकि चुनाव का माहौल है तो इस मामले में सब के सब गलतबयानी कर रहे हैं. ममता बनर्जी को चोट तो लगी है. अच्छी खासी चोट लगी है. उनके पैर में फ्रैक्चर है. तो ये कहना तो गलत है कि ममता ड्रामा कर रही हैं, लेकिन ये कहना भी गलत है कि बीजेपी ने ममता पर हमला कराने की साजिश की और साजिश करने से पहले साजिश करने वाले ये संकेत दे देंगे कि वे साजिश करेंगे ये तो और बड़ी मूर्खता है.’’

एक तरफ चैनल जेपी नड्डा पर हुए हमले के बाद टीएमसी पर सवाल खड़े कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ जब ममता पर हमला हुआ तो वे इसके पीछे किसी साजिश से इंकार करते नजर आते हैं.

सिर्फ इंडिया टीवी, ज़ी न्यूज़, रिपब्लिक भारत और न्यूज़ 18 ही नहीं बल्कि दूसरे चैनलों पर ऐसी ही रिपोर्टिंग देखने को मिली. जहां जेपी नड्डा पर हुए हमले के दौरान पार्टी द्वारा टीएमसी पर आरोप लगाने पर ही चैनलों ने ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर सवाल खड़े कर दिए लेकिन जब ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने बीजेपी पर हमले का आरोप लगाया तो चैनलों की भाषा बदलती नज़र आई.

कई एंकरों ने सवाल उठाया कि ममता बनर्जी की सुरक्षा में इतने पुलिसकर्मी मौजूद थे ऐसे में उनपर कोई हमला करके चला गया, लेकिन किसी को पकड़ा नहीं गया. ऐसा कैसे? ये सवाल जायज है लेकिन यह सवाल तो जेपी नड्डा के ऊपर हुए हमले के बाद भी पूछा उनके पास भी तो जेड प्लस की सुरक्षा है ऐसे में उनपर हमला करने वाला क्यों नहीं पकड़ा गया. लेकिन यह सब सवाल नड्डा पर कथित हमले के दौरान नहीं पूछे गए. न्यूजलॉन्ड्री इन दोनों हादसों में क्या सच और क्या झूठ है यह मालूम नहीं कर पाया.

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