जम्मू कश्मीर: फहद शाह को हिरासत में लिए जाने पर गिल्ड ने जताई चिंता

यह तीसरी बार है जब कश्मीर वाला के एडिटर को हिरासत में लिया गया है.

Article image

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने द कश्मीर वाला के एडिटर फहद शाह को सुरक्षाबलों द्वारा हिरासत में लिए जाने को लेकर चिंता जताई है. गिल्ड ने बयान जारी कर कहा, प्रशासन एक ऐसा माहौल बनाए जहां पत्रकार आजाद होकर रिपोर्ट कर सके.

ईजीआई के इस बयान में कहा गया है कि, हैरानी हुई जिस आकस्मिक तरीके से कश्मीर स्थित प्रकाशन के संपादक को सुरक्षा बलों द्वारा रिपोर्टिंग या उनके संपादकीय कार्य के लिए नियमित रूप से हिरासत में रखा जाता है.

गिल्ड ने कहा यह तीसरी बार है जब कश्मीर वाला के एडिटर को हिरासत में लिया गया है. ऐसा लगता है जैसे वहां यह सामान्य हो गया है कि सरकार के नैरेटिव के खिलाफ लिखने पर पत्रकारों को हिरासत में लिया जाता हो.

इससे पहले डीजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन ने भी शनिवार को फहद शाह को हिरासत में लिए जाने को लेकर बयान जारी किया था. तब फहद को दो फोटो जर्नलिस्ट को पुलिस द्वारा मारपीट की रिपोर्ट को लेकर हिरासत में लिया गया था.

फहद को इससे पहले 2017 और फिर 2020 में भी हिरासत में लिया गया था. इन वर्षों में उन्हें करीब तीन दर्जन बार पूछताछ के लिए बुलाया गया.

Also see
article imageएडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने न्यू मीडिया गाइडलाइन पर जताई अपनी चिंता
article imageबिहार: पेपर लीक मामले में एक पत्रकार पर दर्ज एफआईआर में हमनाम दूसरे पत्रकार से भी पूछताछ

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने द कश्मीर वाला के एडिटर फहद शाह को सुरक्षाबलों द्वारा हिरासत में लिए जाने को लेकर चिंता जताई है. गिल्ड ने बयान जारी कर कहा, प्रशासन एक ऐसा माहौल बनाए जहां पत्रकार आजाद होकर रिपोर्ट कर सके.

ईजीआई के इस बयान में कहा गया है कि, हैरानी हुई जिस आकस्मिक तरीके से कश्मीर स्थित प्रकाशन के संपादक को सुरक्षा बलों द्वारा रिपोर्टिंग या उनके संपादकीय कार्य के लिए नियमित रूप से हिरासत में रखा जाता है.

गिल्ड ने कहा यह तीसरी बार है जब कश्मीर वाला के एडिटर को हिरासत में लिया गया है. ऐसा लगता है जैसे वहां यह सामान्य हो गया है कि सरकार के नैरेटिव के खिलाफ लिखने पर पत्रकारों को हिरासत में लिया जाता हो.

इससे पहले डीजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन ने भी शनिवार को फहद शाह को हिरासत में लिए जाने को लेकर बयान जारी किया था. तब फहद को दो फोटो जर्नलिस्ट को पुलिस द्वारा मारपीट की रिपोर्ट को लेकर हिरासत में लिया गया था.

फहद को इससे पहले 2017 और फिर 2020 में भी हिरासत में लिया गया था. इन वर्षों में उन्हें करीब तीन दर्जन बार पूछताछ के लिए बुलाया गया.

Also see
article imageएडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने न्यू मीडिया गाइडलाइन पर जताई अपनी चिंता
article imageबिहार: पेपर लीक मामले में एक पत्रकार पर दर्ज एफआईआर में हमनाम दूसरे पत्रकार से भी पूछताछ

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like