पत्रकार ने कहा मुझे सच नहीं दिखाने दिया जा रहा है. इसलिए मैं इस नौकरी को छोड़ रहा हूं.
एबीपी न्यूज के सीनियर रिपोर्टर रक्षित सिंह ने मेरठ में हो रही एक किसान महापंचायत के मंच से नौकरी छोड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “यह पत्रकारिता इसलिए चुनी क्योंकि मुझे सच दिखाना था, लेकिन मुझे सच नहीं दिखाने दिया जा रहा है.”
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियों में पत्रकार रक्षित कहते है, “15 सालों से पत्रकारिता में हूं. हमेशा सच्चाई के साथ काम किया है. कई संस्थानों में काम किया लेकिन एक रुपए का भी आरोप नहीं है मेरे खिलाफ. इतना मुश्किल फैसला इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें किसान आंदोलन का सच दिखाने से रोका जा रहा है."
रक्षित पिछले साठ सालों से एबीपी न्यूज में कार्यरत हैं. उन्होंने मंच से बताया, "उनका सालाना वेतन करीब 12 लाख रुपए है. पिता का देहांत हो चुका है, परिवार में सिर्फ वे ही कमाने वाले एक सदस्य हैं. सबकी जिम्मेदारी है, लेकिन इतनी जिम्मेदारियां सिर पर होने के बावजूद उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला काफी दिनों तक सोचने के बाद किया."
इस वायरल वीडियो को वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर शेयर किया है.
The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.
Contributeरक्षित ने मंच से नौकरी छोड़ते हुए कहा, “इस फैसले के बाद मुझे मालूम है क्या होगा. एफआईआर दर्ज होगी, मुकदमे दर्ज होंगे. हो सकता है मैं सड़क से जा रहा होऊं तो ट्रक का ब्रेक भी फेल हो सकता है. कुछ भी हो सकता है इस राज में लेकिन 56 इंच का न सही 5-6 इंच का सीना है, सीना तान के खड़ें हैं.
इस पूरे मामले पर एबीपी न्यूज ने कहा, “हम एबीपी नेटवर्क में नैतिक पत्रकारिता के उच्चतम स्तर पर विश्वास करते हैं और ऐसी कठोर नीतियां हैं जिनके कारण हमारे संवाददाता निष्पक्षता, स्वतंत्रता, पत्रकारिता नैतिकता और संपादकीय सिद्धांत का पालन करते है. तथ्य आधारित रिपोर्टिंग हमेशा हमारी संपादकीय नीति के लिए केंद्रीय रही है. हम यह देखकर हैरान और दुखी हैं कि हमारे एक पत्रकार ने हमारे ब्रांड का दुरुपयोग किया है और नेटवर्क के संबंध में गलत टिप्पणी की है."
एबीपी न्यूज के सीनियर रिपोर्टर रक्षित सिंह ने मेरठ में हो रही एक किसान महापंचायत के मंच से नौकरी छोड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “यह पत्रकारिता इसलिए चुनी क्योंकि मुझे सच दिखाना था, लेकिन मुझे सच नहीं दिखाने दिया जा रहा है.”
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियों में पत्रकार रक्षित कहते है, “15 सालों से पत्रकारिता में हूं. हमेशा सच्चाई के साथ काम किया है. कई संस्थानों में काम किया लेकिन एक रुपए का भी आरोप नहीं है मेरे खिलाफ. इतना मुश्किल फैसला इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें किसान आंदोलन का सच दिखाने से रोका जा रहा है."
रक्षित पिछले साठ सालों से एबीपी न्यूज में कार्यरत हैं. उन्होंने मंच से बताया, "उनका सालाना वेतन करीब 12 लाख रुपए है. पिता का देहांत हो चुका है, परिवार में सिर्फ वे ही कमाने वाले एक सदस्य हैं. सबकी जिम्मेदारी है, लेकिन इतनी जिम्मेदारियां सिर पर होने के बावजूद उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला काफी दिनों तक सोचने के बाद किया."
इस वायरल वीडियो को वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर शेयर किया है.
रक्षित ने मंच से नौकरी छोड़ते हुए कहा, “इस फैसले के बाद मुझे मालूम है क्या होगा. एफआईआर दर्ज होगी, मुकदमे दर्ज होंगे. हो सकता है मैं सड़क से जा रहा होऊं तो ट्रक का ब्रेक भी फेल हो सकता है. कुछ भी हो सकता है इस राज में लेकिन 56 इंच का न सही 5-6 इंच का सीना है, सीना तान के खड़ें हैं.
इस पूरे मामले पर एबीपी न्यूज ने कहा, “हम एबीपी नेटवर्क में नैतिक पत्रकारिता के उच्चतम स्तर पर विश्वास करते हैं और ऐसी कठोर नीतियां हैं जिनके कारण हमारे संवाददाता निष्पक्षता, स्वतंत्रता, पत्रकारिता नैतिकता और संपादकीय सिद्धांत का पालन करते है. तथ्य आधारित रिपोर्टिंग हमेशा हमारी संपादकीय नीति के लिए केंद्रीय रही है. हम यह देखकर हैरान और दुखी हैं कि हमारे एक पत्रकार ने हमारे ब्रांड का दुरुपयोग किया है और नेटवर्क के संबंध में गलत टिप्पणी की है."
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