सैलरी नहीं देने के चलते कर्मचारियों ने अपने मालिक को घेरकर गाड़ी जब्त की.
वह कहते हैं, "हम पिछले 10 साल से पार्लियामेंट्री बिजनेस को चला रहे हैं. जिसमें हम ज्यादातर रिसर्च का काम करते हैं. पहले यह एक एनजीओ था लेकिन एक साल पहले हमने इसे मीडिया कंपनी के तौर पर लॉन्च किया है. पार्लियामेंट्री बिजनेस नाम से एक वेबसाइट, यूट्यूब और एक मैगजीन चलाते हैं. इस काम में रोहित सक्सेना उनके पार्टनर हैं."
गुप्ता कहते हैं, "कंपनी के ऑफिस का हम करीब पांच लाख रुपए महीने का किराया देते हैं. जल्दी ही हम इस पूरे मामले को शार्ट आउट कर लेंगे. 28 फरवरी तक हमें यह दफ्तर खाली करना है. मकान मालिक का किराए का पैसा भी देना है. कोरोनाकाल जैसे समय में हमने अपने कर्मचारियों को सैलरी दी है. जब लोगों को नौकरियों से निकाला जा रहा था. अगर मुझे भागना होता तो तब भाग जाता. कुछ अप डाउन हो जाता है लेकिन मैं भागने वालों में से नहीं हूं. सबका पैसा दूंगा. यह बहुत ही यूनिक प्रोडक्ट है. पूरा रिसर्च का काम करता है. कंपनी बंद नहीं हुई है यह चलती रहेगी."
वहीं इस बारे में हमने थाना सेक्टर 20 के एसएचओ राकेश कुमार सिंह से भी बात की. हालांकि वह ऐसे किसी भी मामले से अंजान नजर आते हैं. वह कहते हैं, "न तो थाने में ऐसी कोई गाड़ी खड़ी है. और न ही हमारे थाने में ऐसा कोई मामला सामने आया है."
वह कहते हैं, "हम पिछले 10 साल से पार्लियामेंट्री बिजनेस को चला रहे हैं. जिसमें हम ज्यादातर रिसर्च का काम करते हैं. पहले यह एक एनजीओ था लेकिन एक साल पहले हमने इसे मीडिया कंपनी के तौर पर लॉन्च किया है. पार्लियामेंट्री बिजनेस नाम से एक वेबसाइट, यूट्यूब और एक मैगजीन चलाते हैं. इस काम में रोहित सक्सेना उनके पार्टनर हैं."
गुप्ता कहते हैं, "कंपनी के ऑफिस का हम करीब पांच लाख रुपए महीने का किराया देते हैं. जल्दी ही हम इस पूरे मामले को शार्ट आउट कर लेंगे. 28 फरवरी तक हमें यह दफ्तर खाली करना है. मकान मालिक का किराए का पैसा भी देना है. कोरोनाकाल जैसे समय में हमने अपने कर्मचारियों को सैलरी दी है. जब लोगों को नौकरियों से निकाला जा रहा था. अगर मुझे भागना होता तो तब भाग जाता. कुछ अप डाउन हो जाता है लेकिन मैं भागने वालों में से नहीं हूं. सबका पैसा दूंगा. यह बहुत ही यूनिक प्रोडक्ट है. पूरा रिसर्च का काम करता है. कंपनी बंद नहीं हुई है यह चलती रहेगी."
वहीं इस बारे में हमने थाना सेक्टर 20 के एसएचओ राकेश कुमार सिंह से भी बात की. हालांकि वह ऐसे किसी भी मामले से अंजान नजर आते हैं. वह कहते हैं, "न तो थाने में ऐसी कोई गाड़ी खड़ी है. और न ही हमारे थाने में ऐसा कोई मामला सामने आया है."