गुवाहाटी प्रेस क्लब में प्रतिबंधित अलगाववादी नेता का इंटरव्यू करने को लेकर केस दर्ज

गुवाहाटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष और महासचिव के खिलाफ दर्ज हुआ हैं केस.

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गुवाहाटी प्रेस क्लब के पूर्व सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार बिस्वजीत नाथ की शिकायत पर पुलिस ने प्रेस क्लब के अध्यक्ष और महासचिव के खिलाफ केस दर्ज किया है.

वरिष्ठ पत्रकार ने प्रेस क्लब पर आरोप लगाते हुए कहा, एक प्रतिबंधित संगठन (यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट) के अलगाववादी नेता परेश बरूआ को अपने क्लब में जगह देने के लिए इंटरव्यू किया गया. यह संगठन भारत की अखंडता और संप्रभुता के लिए एक खतरा है.

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जीपीसी के अध्यक्ष मनोज नाथ और महासचिव संजय रे को विभिन्न चैनलों के माध्यम से क्लब के ऑडिटोरियम मंच पर देखा गया. वह साउंड सिस्टम को स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहे थे, ताकि वहां मौजूद सभी पत्रकार परेश बरुआ को सुन सकें और उनसे बातचीत कर सकें.

बिस्वजीत नाथ ने अपने पत्र में लिखा- हालांकि, सिटी पुलिस के हस्तक्षेप के कारण कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सका और यह अचानक समाप्त हो गया. लेकिन यह संदेह से परे है कि गुवाहाटी प्रेस क्लब की वर्तमान समिति ने ये कार्यक्रम आयोजित किया और पहले से इसके बारे में घोषणा की.

नाथ ने पुलिस को उचित कार्रवाई लेने का आग्रह करते हुए लिखा, कि इन देश विरोधी लोगों के खिलाफ केस हो ताकि इससे लोगों की मानसिकता को हतोत्साहित किया जा सके.

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वरिष्ठ पत्रकार ने प्रेस क्लब पर आरोप लगाते हुए कहा, एक प्रतिबंधित संगठन (यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट) के अलगाववादी नेता परेश बरूआ को अपने क्लब में जगह देने के लिए इंटरव्यू किया गया. यह संगठन भारत की अखंडता और संप्रभुता के लिए एक खतरा है.

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जीपीसी के अध्यक्ष मनोज नाथ और महासचिव संजय रे को विभिन्न चैनलों के माध्यम से क्लब के ऑडिटोरियम मंच पर देखा गया. वह साउंड सिस्टम को स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहे थे, ताकि वहां मौजूद सभी पत्रकार परेश बरुआ को सुन सकें और उनसे बातचीत कर सकें.

बिस्वजीत नाथ ने अपने पत्र में लिखा- हालांकि, सिटी पुलिस के हस्तक्षेप के कारण कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सका और यह अचानक समाप्त हो गया. लेकिन यह संदेह से परे है कि गुवाहाटी प्रेस क्लब की वर्तमान समिति ने ये कार्यक्रम आयोजित किया और पहले से इसके बारे में घोषणा की.

नाथ ने पुलिस को उचित कार्रवाई लेने का आग्रह करते हुए लिखा, कि इन देश विरोधी लोगों के खिलाफ केस हो ताकि इससे लोगों की मानसिकता को हतोत्साहित किया जा सके.

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