न्यूज़लॉन्ड्री के रिपोर्टर्स सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद हैं. वहां हो रहे एक एक घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं.
गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कहा, जियो के खराब इंटरनेट कनेक्शन की वजह से हम एयरटेल में अपना सिम पोर्ट करवा रहे हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुचरन सिंह ने आंदोलन में शामिल लोगों के लिए फ्री में मोबाइल चार्जिंग की सेवा शुरू की है.
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी बता रहे हैं कि शुक्रवार को जो यहां हमला हुआ उसमें भाजपा और आरएसएस के लोग शामिल थे.
ट्राली में खड़े इस ट्रैक्टर को यह फॉर्च्यूनर गाड़ी खींचकर गाजीपुर बॉर्डर लायी है. प्रदर्शन स्थल पर यह नजारा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लोग अपने मोबाइल में इस दृश्य को कैद रहे हैं.
मेरठ से गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे किसान अपने साथ गन्ना भी लेकर आए हैं. कहते हैं- पानी नहीं मिला तो गन्ना खाकर ही पानी की पूर्ति करेंगे.
राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद हैं. उन्होंने मंच से कहा- किसान जीत कर जाएगा किसान हार कर नहीं जाएगा. एक दिन सरकार को भी जय किसान बोलना पड़ेगा. मीडिया का भी धन्यवाद.
गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार से हालात बदल चुके है. अब यहां किसानों की भारी भीड़ सड़क के दोनों तरफ है.
किसान आंदोलन के समर्थन में बिहार की सभी विपक्षी पार्टियों ने बनाया मानव श्रृंखला.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की भारी भीड़.
शुक्रवार को रहवारियों और किसानों के बीच हुए टकराव के बाद से अभी हालात वैसे ही है. पुलिस की चारो तरफ घेराबंदी.
26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के बाद से सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल बढ़ गई है. एक तरफ पुलिस और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कुछ लोग आंदोलनकारियों पर धरना खत्म करने का दबाव बना रहे हैं तो वहीं किसान धरना प्रदर्शन स्थल से उठने के लिए तैयार नहीं हैं. तीनों ही बॉडर्स पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है.
26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के बाद अपने घर लौटे किसान भी अब वापसी करने लगे हैं. 28 जनवरी की शाम को गाजीपुर बॉर्डर पर माहौल तब खराब हो गया था जब बीजेपी के विधायक नंदकिशोर अपने 200-250 समर्थकों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर धरना खत्म करने पहुंचे. इस दौरान वहां पुलिस भी मौजूद थी. इसके बाद भारी पुलिस बल भी धरना प्रदर्शन खत्म करने के लिए पहुंच गया था. हालांकि किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने धरना खत्म नहीं करने की चेतावनी देते हुए आत्महत्या की धमकी दे डाली. वह मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गए और रोने लगे. उनका रोने वाला वीडियो कुछ ही देर में वायरल हो गया जिसके बाद से वहां लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है.
ऐसा ही कुछ सिंघु बॉर्डर पर भी हुआ. शुक्रवार को वहां भी हज़ारों की संख्या में स्थानीय निवासी पहुंच गए और पुलिस की उपस्थिति में प्रदर्शनकारी किसानों पर हमला बोल दिया. धरना स्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि आरएसएस के करीब 150 लोग यहां आए थे. उन्होंने प्रदर्शन स्थल को खाली करने की धमकी देते हुए कहा कि आज खाली नहीं किया गया तो कल हज़ारों की संख्या में आएंगे और हटाएंगे. इन घटनों के बाद तीनों बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है.
पल-पल की अपडेट देने के लिए तीनों बॉडर्स पर न्यूज़लॉन्ड्री के रिपोटर्स मौजूद हैं. सिंघु से निधि सुरेश, टिकरी से बसंत कुमार और गाजीपुर बॉर्डर पर ताहिर मौजूद हैं. ताजा अपडेट के लिए बने रहिए न्यूज़लॉन्ड्री के साथ...
गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कहा, जियो के खराब इंटरनेट कनेक्शन की वजह से हम एयरटेल में अपना सिम पोर्ट करवा रहे हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुचरन सिंह ने आंदोलन में शामिल लोगों के लिए फ्री में मोबाइल चार्जिंग की सेवा शुरू की है.
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी बता रहे हैं कि शुक्रवार को जो यहां हमला हुआ उसमें भाजपा और आरएसएस के लोग शामिल थे.
ट्राली में खड़े इस ट्रैक्टर को यह फॉर्च्यूनर गाड़ी खींचकर गाजीपुर बॉर्डर लायी है. प्रदर्शन स्थल पर यह नजारा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लोग अपने मोबाइल में इस दृश्य को कैद रहे हैं.
मेरठ से गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे किसान अपने साथ गन्ना भी लेकर आए हैं. कहते हैं- पानी नहीं मिला तो गन्ना खाकर ही पानी की पूर्ति करेंगे.
राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद हैं. उन्होंने मंच से कहा- किसान जीत कर जाएगा किसान हार कर नहीं जाएगा. एक दिन सरकार को भी जय किसान बोलना पड़ेगा. मीडिया का भी धन्यवाद.
गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार से हालात बदल चुके है. अब यहां किसानों की भारी भीड़ सड़क के दोनों तरफ है.
किसान आंदोलन के समर्थन में बिहार की सभी विपक्षी पार्टियों ने बनाया मानव श्रृंखला.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की भारी भीड़.
शुक्रवार को रहवारियों और किसानों के बीच हुए टकराव के बाद से अभी हालात वैसे ही है. पुलिस की चारो तरफ घेराबंदी.
26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के बाद से सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल बढ़ गई है. एक तरफ पुलिस और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कुछ लोग आंदोलनकारियों पर धरना खत्म करने का दबाव बना रहे हैं तो वहीं किसान धरना प्रदर्शन स्थल से उठने के लिए तैयार नहीं हैं. तीनों ही बॉडर्स पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है.
26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के बाद अपने घर लौटे किसान भी अब वापसी करने लगे हैं. 28 जनवरी की शाम को गाजीपुर बॉर्डर पर माहौल तब खराब हो गया था जब बीजेपी के विधायक नंदकिशोर अपने 200-250 समर्थकों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर धरना खत्म करने पहुंचे. इस दौरान वहां पुलिस भी मौजूद थी. इसके बाद भारी पुलिस बल भी धरना प्रदर्शन खत्म करने के लिए पहुंच गया था. हालांकि किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने धरना खत्म नहीं करने की चेतावनी देते हुए आत्महत्या की धमकी दे डाली. वह मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गए और रोने लगे. उनका रोने वाला वीडियो कुछ ही देर में वायरल हो गया जिसके बाद से वहां लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है.
ऐसा ही कुछ सिंघु बॉर्डर पर भी हुआ. शुक्रवार को वहां भी हज़ारों की संख्या में स्थानीय निवासी पहुंच गए और पुलिस की उपस्थिति में प्रदर्शनकारी किसानों पर हमला बोल दिया. धरना स्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि आरएसएस के करीब 150 लोग यहां आए थे. उन्होंने प्रदर्शन स्थल को खाली करने की धमकी देते हुए कहा कि आज खाली नहीं किया गया तो कल हज़ारों की संख्या में आएंगे और हटाएंगे. इन घटनों के बाद तीनों बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है.
पल-पल की अपडेट देने के लिए तीनों बॉडर्स पर न्यूज़लॉन्ड्री के रिपोटर्स मौजूद हैं. सिंघु से निधि सुरेश, टिकरी से बसंत कुमार और गाजीपुर बॉर्डर पर ताहिर मौजूद हैं. ताजा अपडेट के लिए बने रहिए न्यूज़लॉन्ड्री के साथ...