मुंबई पुलिस द्वारा जारी व्हाट्सएप चैट्स में अर्णब गोस्वामी वो सब करते नज़र आ रहे हैं जो एक 'पॉवर ब्रोकर' करता है.
टीआरपी के लिए बेचैन अर्णब
नंबर वन बनने के लिए अर्णब कुछ भी करने को तैयार रहे हैं. चाहे सुशांत सिंह राजपूत के मामले को नाटकीय करके अपने रिपोर्टरों के जरिए रिया चक्रवर्ती का पीछा कराना हो या विपक्ष के नेताओं को अपशब्द कहना. उन्होंने वो सब किया जो पत्रकारिता के एथिक्स में गलत है. टीआरपी के लिए उन्होंने कुछ भी किया लेकिन साल 2019 के जुलाई महीने में जब न्यूज़ 18 बार्क की रेटिंग में नंबर दो पर आ गया तो अर्णब बेचैन हो गए. वे दासगुप्ता से इसको लेकर बात करते हैं. अपनी खबरें गिनाते हैं, न्यूज़ 18 और उसके सीईओ राहुल जोशी की बुराई करते हैं और साथ ही गुप्ता से कुछ करने के लिए कहते हैं.
चिंतित अर्णब, दासगुप्ता को लैंडिंग पेज के खिलाफ काम करने के लिए कहते हैं. जिसे दूसरे चैनल कथित तौर पर उनसे आगे निकलने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे. गोस्वामी की आशंकाओं को दूर करने के लिए दासगुप्ता कहते हैं, वे उनके साथ बार्क का गोपनीय डेटा साझा करेंगे.
गोस्वामी ने 18 जुलाई, 2019 को गुप्ता को मैसेज किया, ‘‘न्यूज़ 18 नंबर 2 पर, यह अजीब है. हमने अपना सब कुछ खो दिया. इंडस्ट्री बंट गई है. सरकार को बार्क पर भरोसा नहीं है. इसका फायदा सिर्फ न्यूज़ 18 को मिला.’’
दासगुप्ता इसके जवाब में कहते हैं, ‘‘कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या कहते हैं. मैंने देखा है उस रोज बोर्ड के लोग क्या कह रहे थे. वे तुम्हारी चीजों के साथ नहीं जा रहे हैं. मैं यह सब इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं तुम्हें एक दोस्त मानता हूं. मैं अन्य चैनलों के लोगों के साथ भी ज्यादा बातचीत नहीं करता.’’
अर्णब, दासगुप्ता से कहते है कि लैंडिंग पेज की वजह से न्यूज़ 18 को जो फायदा हो रहा है उसे तुम कम कराओ.
दासगुप्ता कहते हैं, ‘‘एक दिन टीवी 18 की वास्तविक संख्या देखो फिर तुम तय करना कि यह मॉडरेट है या नहीं.’’
दस मिनट बाद बार्क के सीईओ अर्णब से कहते हैं कि उन्होंने बार्क के चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी रोमिल रामगढ़िया से पूछा, ‘‘आपको या विकास को यह दिखाने के लिए कि न्यूज़ 18 पर किस तरह की कटौती होती है.’’ वह कहते हैं, “यह पूरी तरह से गोपनीय है. हम किसी और के साथ इस स्तर पर बात तक नहीं करते हैं.’’
कई मौकों पर अर्णब अपने प्रतिद्वंद्वी चैनलों, खासकर टाइम्स नाउ और इंडिया टुडे की शिकायतों को लेकर दासगुप्ता बात करते नजर आते हैं. वे कहते हैं, ये चैनल अनुचित प्रक्रिया के जरिए उनकी रेटिंग बढ़ाते हैं.
21 जून को अर्णब ने दासगुप्ता को बताया कि उनके पास ‘‘पूरी जानकारी है कि टाइम्स तुम्हारे सिस्टम को कैसे तोड़ रहा है.’’ गुप्ता जवाब देते हुए कहते हैं, “बार्क को कानूनी रूप से स्वीकार्य प्रमाण' की ज़रूरत है और उसके लिए वह अपने स्तर पर जांच कर रहा हैं.”
अर्णब लिखते हैं, "मैं आपको इसके लिए कुछ मेटेरियल उपलब्ध करा सकता हूं जिसके जरिए आप इन्हें एक्सपोस कर सकते हैं.'' दासगुप्ता अर्णब से इस मेटेरियल को गुमनाम आईडी से खुद तक भेजने के लिए कहते हैं.
दासगुप्ता, यही चीज करते हुए अर्णब से कहते है, “पहली चीज जो लोग कहेंगे कि इसे विरोधियों ने खराब किया है.”
इसी बातचीत में एक जगह सामने आता है कि रिपब्लिक टीवी के लॉन्च होने के कुछ हफ़्ते बाद ही अर्णब तत्कालीन बार्क सीईओ दासगुप्ता से कहते हैं कि उनके पास एक पत्र है जिसमें "इंडिया टुडे दोहरी फ्रीक्वेंसी की मांग" कर रहा है. दोहरी फ्रीक्वेंसी टीवी चैनलों द्वारा अपनी टीआरपी बढ़ाने की प्रक्रिया है. इसके जरिए चैनल लिस्ट में दो बार मौजूद रहता है. एक जगह से अगर दर्शक ऊबकर आगे बढ़ते हैं तो दूसरे या तीसरे नंबर पर फिर वही चैनल आ जाता है. इससे चैनलों की टीआरपी बढ़ती है.
दासगुप्ता अर्णब से इसे 'लीक' करने के लिए बोलते हुए कहते हैं, ‘‘One must play dirty.’’
गोस्वामी इसके जवाब में कहते हैं, ‘‘अभी ये प्रेस में लीक होगा.’’
यह बिलकुल हैरान करने वाला है कि बातचीत में एक जगह खुद अर्णब स्वीकार करते हैं कि रिपब्लिक दोहरी फ्रीक्वेंसी चलाता है. 5 मई 2017 को वे दासगुप्ता को मैसेज करते हैं, ‘‘हमारे पास टाइम्स नाउ की तुलना में कम दोहरी फ्रीक्वेंसी है.’’
तू मेरी मदद कर, मैं तुम्हारी
ऐसा नहीं है कि अर्णब ही सिर्फ पार्थ दासगुप्ता से टीआरपी में खेल को लेकर मदद लेते हैं. दासगुप्ता भी कई मौकों पर अर्णब की पहुंच का फायदा लेने की कोशिश करते नजर आते हैं. बातचीत में दासगुप्ता लगातार इंडिया टीवी के मालिक और पत्रकार रजत शर्मा की आलोचना करते हैं. उनको इस बात का डर होता है कि शर्मा उन्हें बार्क से अलग करना चाहते हैं.
2019 के एक चैट में अर्णब और दासगुप्ता ने अभिनेत्री कंगना रनौत और टीआरपी को लेकर चर्चा की. अर्णब, दासगुप्ता से शिकायती अंदाज में कहते हैं कि कंगना 'रेटिंग अरनर' है लेकिन रिपब्लिक ने उसका इंटरव्यू किया तो टीआरपी बेहतर नहीं आई. जबकि यह ऐसे समय पर लिया गया इंटरव्यू था जब सब उस मामले के बारे में लोग जानना चाहते थे. हमारे बाद आजतक ने इंटरव्यू किया और वे नंबर एक बने.’’
अर्णब कहते हैं, ‘‘हमने दोपहर 3 बजे, शाम 8 बजे, रात 11 बजे इंटरव्यू चलाया. शाम 6 बजे इसको लेकर बहस की लेकिन हमारा औसत रेटिंग 2.5 रहा.’’
कंगना साल 2020 में सामने आती है जब अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के असमय निधन के बाद कंगना ने रिपब्लिक को इंटरव्यू दिया था. दासगुप्ता सुशांत की मौत वाली खबर करने के लिए अर्णब की तारीफ करते हैं.
5 अगस्त, 2019 की बातचीत में अर्णब ने बताया कि पिछले दिनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ उन्होंने बैठक की. अर्णब दावा करते हैं कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हटाने की खबर को ब्रेक किया था उसके बाद ही डोभाल ने उन्हें बुलाया था. और पूछा कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली. इस पर अर्णब अपना जवाब बताते हैं कि ‘‘एनएसए और पीएमओ में भी लोग रिपब्लिक भारत देखते हैं.’’
16 अगस्त को दासगुप्ता अर्णब से रजत शर्मा को लेकर शिकायत करते हैं. वे लिखते हैं, ''रजत शर्मा ने एकबार फिर पुनीत से मेरे तुम्हारे साथ के मसले को उठाया है.'' यह पुनीत गोयनका हैं जो बार्क के सदस्य हैं और वर्तमान में बार्क के सीईओ भी हैं.
अर्णब, दासगुप्ता से चिंता नहीं करने के लिए कहते हैं और लिखते हैं, ‘‘जेटली के निधन के बाद रजत की परेशानी शुरू हो गई है.’’
आपको बता दें कि रजत शर्मा और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली कॉलेज के समय के दोस्त थे. जेटली ने रजत शर्मा को आगे बढ़ने में मदद की है इसका जिक्र कई बार शर्मा कर चुके हैं.
अर्णब कहते हैं, ‘‘रजत इज ओवर... अब उसकी बातों को गंभीरता से मत लो.’’ इसके जवाब में दासगुप्ता कहते हैं, ‘‘मैं ध्यान नहीं देता लेकिन बाकी दूसरे लोग करते हैं.’’
कई चैट्स में अर्णब और दासगुप्ता सरकार में एक शक्तिशाली व्यक्ति का जिक्र करते हैं, जिसकी पहचान के लिए वे "AS" शब्द का इस्तेमाल करते हैं. रजत शर्मा को लेकर होने वाली बातचीत में AS का जिक्र आता है. एक जगह दासगुप्ता अर्णब से कहते हैं, ‘‘एएस के ऑफिस या मंत्रालय से एक शब्द भी रजत को चुप कराने में हमारी मदद करेगा. मैं तुम्हारा दोस्त हूं इसी के आधार पर रजत मुझ पर एक बड़े अटैक की तैयारी कर रहा है.’’
2019 में होने वाले इंडियन ब्राडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) की मीटिंग से पहले दासगुप्ता अर्णब से यह सब बताते हैं. वे कहते हैं, ‘‘किसी को उनसे पूछना चाहिए. दुर्भाग्य से आईबीएफ में हर कोई 'नपुंसक' है. एक शख्स जो मेरा और तुम्हारा करीबी है उसने बताया कि कल आईबीएफ में अर्णब बनाम रजत होने वाला है और इन सब में नुकसान पार्थो को होगा. अर्णब ये और अगली बैठक महत्वपूर्ण है. तुम्हारे बहुत सारे दुश्मन हैं पर मैं तुम्हारा दोस्त हूं, लेकिन मैं अपने वैल्यू से समझौता नहीं करूंगा.’’
न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) के अध्यक्ष पद पर रजत शर्मा की नियुक्ति पर दासगुप्ता ने अर्णब से कहा, ‘‘रजत एनबीए का प्रमुख चुन लिया गया. यहां मोटाभाई का प्रभाव काम नहीं आया.’’ यहां स्पष्ट नहीं है कि मोटाभाई किसको कहा जा रहा है.
सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष और अमित शाह के बेटे जय शाह सचिव बन गए थे इस पर अर्णब कहते हैं, “रजत मूर्ख की तरह दिखते हैं. उसने बीसीसीआई की कमान संभालने की बात की थी. यह एक धोखा है और एक ऐसा धोखा जो कभी कोई सांसद भी नहीं देता.’’
बातचीत के दौरान एक जगह दासगुप्ता अर्णब से पीएमओ में नौकरी दिलाने की बात करते नजर आते हैं. वे कहते हैं, ‘‘प्लीज क्या तुम मुझे पीएमओ में मीडिया सलाहकार जैसे पद पर ला सकते हो. मैं बार्क में अब तंग आ चुका हूं और निहित स्वार्थ के दबाव में हूं.’’
(आयुष तिवारी और प्रतीक गोयल के सहयोग से)
टीआरपी के लिए बेचैन अर्णब
नंबर वन बनने के लिए अर्णब कुछ भी करने को तैयार रहे हैं. चाहे सुशांत सिंह राजपूत के मामले को नाटकीय करके अपने रिपोर्टरों के जरिए रिया चक्रवर्ती का पीछा कराना हो या विपक्ष के नेताओं को अपशब्द कहना. उन्होंने वो सब किया जो पत्रकारिता के एथिक्स में गलत है. टीआरपी के लिए उन्होंने कुछ भी किया लेकिन साल 2019 के जुलाई महीने में जब न्यूज़ 18 बार्क की रेटिंग में नंबर दो पर आ गया तो अर्णब बेचैन हो गए. वे दासगुप्ता से इसको लेकर बात करते हैं. अपनी खबरें गिनाते हैं, न्यूज़ 18 और उसके सीईओ राहुल जोशी की बुराई करते हैं और साथ ही गुप्ता से कुछ करने के लिए कहते हैं.
चिंतित अर्णब, दासगुप्ता को लैंडिंग पेज के खिलाफ काम करने के लिए कहते हैं. जिसे दूसरे चैनल कथित तौर पर उनसे आगे निकलने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे. गोस्वामी की आशंकाओं को दूर करने के लिए दासगुप्ता कहते हैं, वे उनके साथ बार्क का गोपनीय डेटा साझा करेंगे.
गोस्वामी ने 18 जुलाई, 2019 को गुप्ता को मैसेज किया, ‘‘न्यूज़ 18 नंबर 2 पर, यह अजीब है. हमने अपना सब कुछ खो दिया. इंडस्ट्री बंट गई है. सरकार को बार्क पर भरोसा नहीं है. इसका फायदा सिर्फ न्यूज़ 18 को मिला.’’
दासगुप्ता इसके जवाब में कहते हैं, ‘‘कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या कहते हैं. मैंने देखा है उस रोज बोर्ड के लोग क्या कह रहे थे. वे तुम्हारी चीजों के साथ नहीं जा रहे हैं. मैं यह सब इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं तुम्हें एक दोस्त मानता हूं. मैं अन्य चैनलों के लोगों के साथ भी ज्यादा बातचीत नहीं करता.’’
अर्णब, दासगुप्ता से कहते है कि लैंडिंग पेज की वजह से न्यूज़ 18 को जो फायदा हो रहा है उसे तुम कम कराओ.
दासगुप्ता कहते हैं, ‘‘एक दिन टीवी 18 की वास्तविक संख्या देखो फिर तुम तय करना कि यह मॉडरेट है या नहीं.’’
दस मिनट बाद बार्क के सीईओ अर्णब से कहते हैं कि उन्होंने बार्क के चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी रोमिल रामगढ़िया से पूछा, ‘‘आपको या विकास को यह दिखाने के लिए कि न्यूज़ 18 पर किस तरह की कटौती होती है.’’ वह कहते हैं, “यह पूरी तरह से गोपनीय है. हम किसी और के साथ इस स्तर पर बात तक नहीं करते हैं.’’
कई मौकों पर अर्णब अपने प्रतिद्वंद्वी चैनलों, खासकर टाइम्स नाउ और इंडिया टुडे की शिकायतों को लेकर दासगुप्ता बात करते नजर आते हैं. वे कहते हैं, ये चैनल अनुचित प्रक्रिया के जरिए उनकी रेटिंग बढ़ाते हैं.
21 जून को अर्णब ने दासगुप्ता को बताया कि उनके पास ‘‘पूरी जानकारी है कि टाइम्स तुम्हारे सिस्टम को कैसे तोड़ रहा है.’’ गुप्ता जवाब देते हुए कहते हैं, “बार्क को कानूनी रूप से स्वीकार्य प्रमाण' की ज़रूरत है और उसके लिए वह अपने स्तर पर जांच कर रहा हैं.”
अर्णब लिखते हैं, "मैं आपको इसके लिए कुछ मेटेरियल उपलब्ध करा सकता हूं जिसके जरिए आप इन्हें एक्सपोस कर सकते हैं.'' दासगुप्ता अर्णब से इस मेटेरियल को गुमनाम आईडी से खुद तक भेजने के लिए कहते हैं.
दासगुप्ता, यही चीज करते हुए अर्णब से कहते है, “पहली चीज जो लोग कहेंगे कि इसे विरोधियों ने खराब किया है.”
इसी बातचीत में एक जगह सामने आता है कि रिपब्लिक टीवी के लॉन्च होने के कुछ हफ़्ते बाद ही अर्णब तत्कालीन बार्क सीईओ दासगुप्ता से कहते हैं कि उनके पास एक पत्र है जिसमें "इंडिया टुडे दोहरी फ्रीक्वेंसी की मांग" कर रहा है. दोहरी फ्रीक्वेंसी टीवी चैनलों द्वारा अपनी टीआरपी बढ़ाने की प्रक्रिया है. इसके जरिए चैनल लिस्ट में दो बार मौजूद रहता है. एक जगह से अगर दर्शक ऊबकर आगे बढ़ते हैं तो दूसरे या तीसरे नंबर पर फिर वही चैनल आ जाता है. इससे चैनलों की टीआरपी बढ़ती है.
दासगुप्ता अर्णब से इसे 'लीक' करने के लिए बोलते हुए कहते हैं, ‘‘One must play dirty.’’
गोस्वामी इसके जवाब में कहते हैं, ‘‘अभी ये प्रेस में लीक होगा.’’
यह बिलकुल हैरान करने वाला है कि बातचीत में एक जगह खुद अर्णब स्वीकार करते हैं कि रिपब्लिक दोहरी फ्रीक्वेंसी चलाता है. 5 मई 2017 को वे दासगुप्ता को मैसेज करते हैं, ‘‘हमारे पास टाइम्स नाउ की तुलना में कम दोहरी फ्रीक्वेंसी है.’’
तू मेरी मदद कर, मैं तुम्हारी
ऐसा नहीं है कि अर्णब ही सिर्फ पार्थ दासगुप्ता से टीआरपी में खेल को लेकर मदद लेते हैं. दासगुप्ता भी कई मौकों पर अर्णब की पहुंच का फायदा लेने की कोशिश करते नजर आते हैं. बातचीत में दासगुप्ता लगातार इंडिया टीवी के मालिक और पत्रकार रजत शर्मा की आलोचना करते हैं. उनको इस बात का डर होता है कि शर्मा उन्हें बार्क से अलग करना चाहते हैं.
2019 के एक चैट में अर्णब और दासगुप्ता ने अभिनेत्री कंगना रनौत और टीआरपी को लेकर चर्चा की. अर्णब, दासगुप्ता से शिकायती अंदाज में कहते हैं कि कंगना 'रेटिंग अरनर' है लेकिन रिपब्लिक ने उसका इंटरव्यू किया तो टीआरपी बेहतर नहीं आई. जबकि यह ऐसे समय पर लिया गया इंटरव्यू था जब सब उस मामले के बारे में लोग जानना चाहते थे. हमारे बाद आजतक ने इंटरव्यू किया और वे नंबर एक बने.’’
अर्णब कहते हैं, ‘‘हमने दोपहर 3 बजे, शाम 8 बजे, रात 11 बजे इंटरव्यू चलाया. शाम 6 बजे इसको लेकर बहस की लेकिन हमारा औसत रेटिंग 2.5 रहा.’’
कंगना साल 2020 में सामने आती है जब अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के असमय निधन के बाद कंगना ने रिपब्लिक को इंटरव्यू दिया था. दासगुप्ता सुशांत की मौत वाली खबर करने के लिए अर्णब की तारीफ करते हैं.
5 अगस्त, 2019 की बातचीत में अर्णब ने बताया कि पिछले दिनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ उन्होंने बैठक की. अर्णब दावा करते हैं कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हटाने की खबर को ब्रेक किया था उसके बाद ही डोभाल ने उन्हें बुलाया था. और पूछा कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली. इस पर अर्णब अपना जवाब बताते हैं कि ‘‘एनएसए और पीएमओ में भी लोग रिपब्लिक भारत देखते हैं.’’
16 अगस्त को दासगुप्ता अर्णब से रजत शर्मा को लेकर शिकायत करते हैं. वे लिखते हैं, ''रजत शर्मा ने एकबार फिर पुनीत से मेरे तुम्हारे साथ के मसले को उठाया है.'' यह पुनीत गोयनका हैं जो बार्क के सदस्य हैं और वर्तमान में बार्क के सीईओ भी हैं.
अर्णब, दासगुप्ता से चिंता नहीं करने के लिए कहते हैं और लिखते हैं, ‘‘जेटली के निधन के बाद रजत की परेशानी शुरू हो गई है.’’
आपको बता दें कि रजत शर्मा और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली कॉलेज के समय के दोस्त थे. जेटली ने रजत शर्मा को आगे बढ़ने में मदद की है इसका जिक्र कई बार शर्मा कर चुके हैं.
अर्णब कहते हैं, ‘‘रजत इज ओवर... अब उसकी बातों को गंभीरता से मत लो.’’ इसके जवाब में दासगुप्ता कहते हैं, ‘‘मैं ध्यान नहीं देता लेकिन बाकी दूसरे लोग करते हैं.’’
कई चैट्स में अर्णब और दासगुप्ता सरकार में एक शक्तिशाली व्यक्ति का जिक्र करते हैं, जिसकी पहचान के लिए वे "AS" शब्द का इस्तेमाल करते हैं. रजत शर्मा को लेकर होने वाली बातचीत में AS का जिक्र आता है. एक जगह दासगुप्ता अर्णब से कहते हैं, ‘‘एएस के ऑफिस या मंत्रालय से एक शब्द भी रजत को चुप कराने में हमारी मदद करेगा. मैं तुम्हारा दोस्त हूं इसी के आधार पर रजत मुझ पर एक बड़े अटैक की तैयारी कर रहा है.’’
2019 में होने वाले इंडियन ब्राडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) की मीटिंग से पहले दासगुप्ता अर्णब से यह सब बताते हैं. वे कहते हैं, ‘‘किसी को उनसे पूछना चाहिए. दुर्भाग्य से आईबीएफ में हर कोई 'नपुंसक' है. एक शख्स जो मेरा और तुम्हारा करीबी है उसने बताया कि कल आईबीएफ में अर्णब बनाम रजत होने वाला है और इन सब में नुकसान पार्थो को होगा. अर्णब ये और अगली बैठक महत्वपूर्ण है. तुम्हारे बहुत सारे दुश्मन हैं पर मैं तुम्हारा दोस्त हूं, लेकिन मैं अपने वैल्यू से समझौता नहीं करूंगा.’’
न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) के अध्यक्ष पद पर रजत शर्मा की नियुक्ति पर दासगुप्ता ने अर्णब से कहा, ‘‘रजत एनबीए का प्रमुख चुन लिया गया. यहां मोटाभाई का प्रभाव काम नहीं आया.’’ यहां स्पष्ट नहीं है कि मोटाभाई किसको कहा जा रहा है.
सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष और अमित शाह के बेटे जय शाह सचिव बन गए थे इस पर अर्णब कहते हैं, “रजत मूर्ख की तरह दिखते हैं. उसने बीसीसीआई की कमान संभालने की बात की थी. यह एक धोखा है और एक ऐसा धोखा जो कभी कोई सांसद भी नहीं देता.’’
बातचीत के दौरान एक जगह दासगुप्ता अर्णब से पीएमओ में नौकरी दिलाने की बात करते नजर आते हैं. वे कहते हैं, ‘‘प्लीज क्या तुम मुझे पीएमओ में मीडिया सलाहकार जैसे पद पर ला सकते हो. मैं बार्क में अब तंग आ चुका हूं और निहित स्वार्थ के दबाव में हूं.’’
(आयुष तिवारी और प्रतीक गोयल के सहयोग से)