बदांयू गैंगरेप: नजरबंद किए गए पूर्व आईएएस ने कहा- मुझे "दिल्ली मीडिया" से नहीं कोई उम्मीद

पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह गैंगरेप पीड़ित महिला के परिजनों से मिलने बदांयू जा रहे थे. इस दौरान उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

Article image

उत्तर प्रदेश के बदांयू में 50 वर्षीय महिला की गैंगरेप के बाद जघन्य हत्या कर दी. हैरानी की बात है कि घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया जब महिला मंदिर में पूजा करने गई थी. आरोप मंदिर के पुजारी और उनके दो साथियों पर लगा है. घटना रविवार शाम की है. महिला के परिजनों का आरोप है कि इस मामले को पुलिस ने दबाने की कोशिश की है. इस घटना ने पूरे देश को एक बार फिर शर्मसार कर दिया है.

मामला सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं पूर्व आईएएस और बदांयू के कलेक्टर रह चुके सूर्य प्रताप सिंह पीड़ित परिवार से मिलने बदांयू जा रहे थे. इस दौरान उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उनका आरोप है कि उन्हें बुधवार देर रात हिरासत में लेकर एक गेस्टहाउस में नजरबंद कर दिया. जिसके बाद उन्होंने लगातार कई ट्वीट किए. इस दौरान उन्होंने मेनस्ट्रीम मीडिया पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया.

उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा- "अब 15 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं, बड़ी संख्या में पुलिस बल बाहर खड़ा है और मुझे बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है. दिल्ली मीडिया से मुझे कोई उम्मीद नहीं है, पर सोशल मीडिया के मित्रों से उम्मीद जरूर करूंगा, ये लड़ाई आपकी है, लोकतंत्र की रक्षा की है, डरिए मत, आगे बढ़िए.

इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि- "मैं अकेला बदायूं जाकर पीड़ित परिवार से मिल उनका दर्द बांटना चाहता था, उत्तरप्रदेश पुलिस ने मुझे शाहजहांपुर में रोक कर गेस्टहाउस में नजरबंद कर दिया है. मैं सुरक्षित हूं पर फिलहाल सरकारी कैद में हूं. मुझ अकेले के जाने से कानून व्यवस्था कैसे भंग हो जाएगी? लोकतंत्र की हत्या है ये!

हालांकि अब 16 घंटे बाद उन्हें बदांयू जाने की इजाजत मिल गई है. उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी साझा करते हुए कहा- सत्यमेव जयते - Truth Alone Triumphs

16 घंटों के बाद आखिरकार आप सभी की आवाज सरकार तक पहुंची और मुझे पुलिस की निगरानी में ही सही बदायूं जाने की अनुमति दे दी गयी है. दुःख की घड़ी में संबल देने का काम ही मानवता है, और ये हक हर भारतीय का है, इसे आपसे कोई नहीं छीन सकता. जय हिंद!

बता दें कि उन्होंने इससे पहले भी कई ट्वीट किए- "मैं अकेला बदायूं जा रहा हूं, ये कोई रैली या सभा नहीं है जिसके लिए मुझे सरकारी अनुमति की जरूरत हो. मैं बस पीड़ित परिवार से मिल कर उनका दुःख दर्द बांटना चाहता हूं और सरकार क्यूं इतनी असंवेदनशील है कि उसे गैंगरेप जैसे अपराध छिपाने पड़ रहे हैं इसके पीछे का कारण समझना चाहता हूं."

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "मैं बदायूं कलेक्टर रहा हूं, मैं ऐसी असंवेदनशीलता बर्दाश्त नहीं कर सकता, पोस्टमार्टम के लिए 2 दिन इंतज़ार करना? FIR दर्ज करने से मना करना, क्या एक गैंगरेप और हत्या के मामले में यह व्यवहार उचित है? मैं तत्काल बदायूं के लिए प्रस्थान कर रहा हूं, परिवार से मिल कर उनकी पीड़ा सुनूंगा."

उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए लिखा- "मुझे रिहा करिए @myogiadityanath जी, मैंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है, पीड़ित परिवार से मिलना, संवेदना व्यक्त करना इस देश में जुर्म कहलाएगा? पुलिस बल का दुरुपयोग कर आप लोकतंत्र की हत्या क्यूं करना चाहते हैं? मेरी आपसे विनती है कि मुझे इस कैद से मुक्त कर बदायूं जाने दिया जाए.

Also see
article imageयोगीजी की माया: टाइम मैगजीन का ‘विज्ञापन’ बना भारतीय मीडिया में ‘रिपोर्ट’
article imageकेरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की हिरासत 90 दिन बढ़ी

उत्तर प्रदेश के बदांयू में 50 वर्षीय महिला की गैंगरेप के बाद जघन्य हत्या कर दी. हैरानी की बात है कि घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया जब महिला मंदिर में पूजा करने गई थी. आरोप मंदिर के पुजारी और उनके दो साथियों पर लगा है. घटना रविवार शाम की है. महिला के परिजनों का आरोप है कि इस मामले को पुलिस ने दबाने की कोशिश की है. इस घटना ने पूरे देश को एक बार फिर शर्मसार कर दिया है.

मामला सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं पूर्व आईएएस और बदांयू के कलेक्टर रह चुके सूर्य प्रताप सिंह पीड़ित परिवार से मिलने बदांयू जा रहे थे. इस दौरान उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उनका आरोप है कि उन्हें बुधवार देर रात हिरासत में लेकर एक गेस्टहाउस में नजरबंद कर दिया. जिसके बाद उन्होंने लगातार कई ट्वीट किए. इस दौरान उन्होंने मेनस्ट्रीम मीडिया पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया.

उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा- "अब 15 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं, बड़ी संख्या में पुलिस बल बाहर खड़ा है और मुझे बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है. दिल्ली मीडिया से मुझे कोई उम्मीद नहीं है, पर सोशल मीडिया के मित्रों से उम्मीद जरूर करूंगा, ये लड़ाई आपकी है, लोकतंत्र की रक्षा की है, डरिए मत, आगे बढ़िए.

इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि- "मैं अकेला बदायूं जाकर पीड़ित परिवार से मिल उनका दर्द बांटना चाहता था, उत्तरप्रदेश पुलिस ने मुझे शाहजहांपुर में रोक कर गेस्टहाउस में नजरबंद कर दिया है. मैं सुरक्षित हूं पर फिलहाल सरकारी कैद में हूं. मुझ अकेले के जाने से कानून व्यवस्था कैसे भंग हो जाएगी? लोकतंत्र की हत्या है ये!

हालांकि अब 16 घंटे बाद उन्हें बदांयू जाने की इजाजत मिल गई है. उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी साझा करते हुए कहा- सत्यमेव जयते - Truth Alone Triumphs

16 घंटों के बाद आखिरकार आप सभी की आवाज सरकार तक पहुंची और मुझे पुलिस की निगरानी में ही सही बदायूं जाने की अनुमति दे दी गयी है. दुःख की घड़ी में संबल देने का काम ही मानवता है, और ये हक हर भारतीय का है, इसे आपसे कोई नहीं छीन सकता. जय हिंद!

बता दें कि उन्होंने इससे पहले भी कई ट्वीट किए- "मैं अकेला बदायूं जा रहा हूं, ये कोई रैली या सभा नहीं है जिसके लिए मुझे सरकारी अनुमति की जरूरत हो. मैं बस पीड़ित परिवार से मिल कर उनका दुःख दर्द बांटना चाहता हूं और सरकार क्यूं इतनी असंवेदनशील है कि उसे गैंगरेप जैसे अपराध छिपाने पड़ रहे हैं इसके पीछे का कारण समझना चाहता हूं."

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "मैं बदायूं कलेक्टर रहा हूं, मैं ऐसी असंवेदनशीलता बर्दाश्त नहीं कर सकता, पोस्टमार्टम के लिए 2 दिन इंतज़ार करना? FIR दर्ज करने से मना करना, क्या एक गैंगरेप और हत्या के मामले में यह व्यवहार उचित है? मैं तत्काल बदायूं के लिए प्रस्थान कर रहा हूं, परिवार से मिल कर उनकी पीड़ा सुनूंगा."

उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए लिखा- "मुझे रिहा करिए @myogiadityanath जी, मैंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है, पीड़ित परिवार से मिलना, संवेदना व्यक्त करना इस देश में जुर्म कहलाएगा? पुलिस बल का दुरुपयोग कर आप लोकतंत्र की हत्या क्यूं करना चाहते हैं? मेरी आपसे विनती है कि मुझे इस कैद से मुक्त कर बदायूं जाने दिया जाए.

Also see
article imageयोगीजी की माया: टाइम मैगजीन का ‘विज्ञापन’ बना भारतीय मीडिया में ‘रिपोर्ट’
article imageकेरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की हिरासत 90 दिन बढ़ी

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like