सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को दी मंजूरी

कोर्ट के इस आदेश के साथ ही नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.

Article image

सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा को मंजूरी दे दी है. मंगलवार को जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने दो-एक के बहुमत से प्रोजेक्ट को मंजूरी दी. इसके साथ ही नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.

जस्टिस एएम खानविल्कर के साथ जस्टिस दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना भी बेंच में शामिल थे. इस फैसले में संजीव खन्ना की राय अलग थी.

जस्टिस खानविल्कर ने कहा कि दिल्ली के मास्टर प्लान के प्लॉट 228 में ज़मीन के उपयोग में बदलाव और ज़ोन सी और डी स्टैंड के लिए ज़ोनल डेवलपमेंट प्लान की पुष्टि की गई. साथ ही निर्माण के दौरान स्मॉग टॉवर लगाने और निर्माण से पहले हेरिटेज कमेटी की भी मंजूरी लेने को कहा.

बीबीसी की खबर के मुताबिक, जस्टिस खनविलकर और दिनेश माहेश्वरी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अनुमति दी जबकि जस्टिस संजीव खन्ना ने इसके ख़िलाफ़ अपना फ़ैसला सुनाया है. जस्टिस संजीव खन्ना ने ज़मीन के इस्तेमाल में बदलाव को लेकर आपत्ति जताई है.

बता दें कि मोदी सरकार ने सितंबर 2019 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी. जिसकी हाल ही में पीएम मोदी ने आधारशिला रखी थी. इस प्रोजेक्ट के निर्माण में करीब 20000 करोड़ की लागत का अनुमान है.

इस प्रोजेक्ट को लेकर पढ़िए हमारी सेंट्रल विस्टा एनएल सेना प्रोजेक्ट.

Also see
article imageकौन हैं वे किसान संगठन जो कृषि क़ानूनों पर मोदी सरकार को दे रहे हैं समर्थन?
article imageसाल 2020 में आश्वस्ति भरा स्त्री पत्रकार और पत्रकारिता का दयार
article imageकौन हैं वे किसान संगठन जो कृषि क़ानूनों पर मोदी सरकार को दे रहे हैं समर्थन?
article imageसाल 2020 में आश्वस्ति भरा स्त्री पत्रकार और पत्रकारिता का दयार

सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा को मंजूरी दे दी है. मंगलवार को जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने दो-एक के बहुमत से प्रोजेक्ट को मंजूरी दी. इसके साथ ही नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.

जस्टिस एएम खानविल्कर के साथ जस्टिस दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना भी बेंच में शामिल थे. इस फैसले में संजीव खन्ना की राय अलग थी.

जस्टिस खानविल्कर ने कहा कि दिल्ली के मास्टर प्लान के प्लॉट 228 में ज़मीन के उपयोग में बदलाव और ज़ोन सी और डी स्टैंड के लिए ज़ोनल डेवलपमेंट प्लान की पुष्टि की गई. साथ ही निर्माण के दौरान स्मॉग टॉवर लगाने और निर्माण से पहले हेरिटेज कमेटी की भी मंजूरी लेने को कहा.

बीबीसी की खबर के मुताबिक, जस्टिस खनविलकर और दिनेश माहेश्वरी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अनुमति दी जबकि जस्टिस संजीव खन्ना ने इसके ख़िलाफ़ अपना फ़ैसला सुनाया है. जस्टिस संजीव खन्ना ने ज़मीन के इस्तेमाल में बदलाव को लेकर आपत्ति जताई है.

बता दें कि मोदी सरकार ने सितंबर 2019 में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी. जिसकी हाल ही में पीएम मोदी ने आधारशिला रखी थी. इस प्रोजेक्ट के निर्माण में करीब 20000 करोड़ की लागत का अनुमान है.

इस प्रोजेक्ट को लेकर पढ़िए हमारी सेंट्रल विस्टा एनएल सेना प्रोजेक्ट.

Also see
article imageकौन हैं वे किसान संगठन जो कृषि क़ानूनों पर मोदी सरकार को दे रहे हैं समर्थन?
article imageसाल 2020 में आश्वस्ति भरा स्त्री पत्रकार और पत्रकारिता का दयार
article imageकौन हैं वे किसान संगठन जो कृषि क़ानूनों पर मोदी सरकार को दे रहे हैं समर्थन?
article imageसाल 2020 में आश्वस्ति भरा स्त्री पत्रकार और पत्रकारिता का दयार

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like