सेबी ने कहा, लोन समझौते में कई शर्तें ऐसी थीं जो सीधे मीडिया कंपनी का कामकाज प्रभावित करती थीं.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एनडीटीवी पर वीसीपीएल लोन समझौते की जानकारी का खुलासा न करने पर पांच करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है. सेबी ने कहा, लोन समझौते में कई शर्तें ऐसी थीं जो सीधे मीडिया कंपनी का कामकाज प्रभावित करती थीं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, सेबी ने अपनी जांच में पाया कि क्वांटम सिक्योरिटीज ने 2017 में वीसीपीएल से लोन समझौते की जानकारी शेयर धारकों से साझा न करने पर शिकायत दर्ज कराई थी.
सेबी के मुताबिक, एनडीटीवी के प्रमोटरों ने 2009 में हुए समझौते से आईसीआईसीआई बैंक से लिए कर्ज चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये लिए. इसके बाद साल के अंत में वसीपीएल से 53.85 करोड़ का एक और समझौता किया.
द हिंदू की खबर के मुताबिक, 2009-10 में, एनडीटीवी की होल्डिंग कंपनी, राधिका रॉय प्रणय रॉय प्राइवेट लिमिटेड, ने एक शेल कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड से 403.85 करोड़ रुपये का लोन लिया था. विश्वप्रधान को शिनानो रिटेल (जो रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग के स्वामित्व वाले) से 403.85 करोड़ रुपये का ऋण मिला था, जिसने रिलायंस वेंचर्स लिमिटेड (एक सहायक रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड) से 403.85 करोड़ रुपये का लोन लिया था.
बता दें कि अमर उजाला की खबर के मुताबिक पिछले सप्ताह ही सेबी ने एनडीटीवी के प्रमोटरों पर कुछ कर्ज समझौतों के बारे में शेयरधारकों से जानकारी छिपाकर विभिन्न प्रतिभूति नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 27 करोड़ का जुर्माना लगाया था.
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इस मामले को समझने के लिए पढ़िए कब और कैसे एनडीटीवी बनी रिलायंस की कर्ज़दार.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एनडीटीवी पर वीसीपीएल लोन समझौते की जानकारी का खुलासा न करने पर पांच करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है. सेबी ने कहा, लोन समझौते में कई शर्तें ऐसी थीं जो सीधे मीडिया कंपनी का कामकाज प्रभावित करती थीं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, सेबी ने अपनी जांच में पाया कि क्वांटम सिक्योरिटीज ने 2017 में वीसीपीएल से लोन समझौते की जानकारी शेयर धारकों से साझा न करने पर शिकायत दर्ज कराई थी.
सेबी के मुताबिक, एनडीटीवी के प्रमोटरों ने 2009 में हुए समझौते से आईसीआईसीआई बैंक से लिए कर्ज चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये लिए. इसके बाद साल के अंत में वसीपीएल से 53.85 करोड़ का एक और समझौता किया.
द हिंदू की खबर के मुताबिक, 2009-10 में, एनडीटीवी की होल्डिंग कंपनी, राधिका रॉय प्रणय रॉय प्राइवेट लिमिटेड, ने एक शेल कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड से 403.85 करोड़ रुपये का लोन लिया था. विश्वप्रधान को शिनानो रिटेल (जो रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग के स्वामित्व वाले) से 403.85 करोड़ रुपये का ऋण मिला था, जिसने रिलायंस वेंचर्स लिमिटेड (एक सहायक रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड) से 403.85 करोड़ रुपये का लोन लिया था.
बता दें कि अमर उजाला की खबर के मुताबिक पिछले सप्ताह ही सेबी ने एनडीटीवी के प्रमोटरों पर कुछ कर्ज समझौतों के बारे में शेयरधारकों से जानकारी छिपाकर विभिन्न प्रतिभूति नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 27 करोड़ का जुर्माना लगाया था.
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इस मामले को समझने के लिए पढ़िए कब और कैसे एनडीटीवी बनी रिलायंस की कर्ज़दार.