पुलिस के आरोपों पर रिपब्लिक मीडिया ने बयान जारी कर पुलिस के आरोपों को खारिज किया.
टीआरपी घोटले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने दावा किया है कि बार्क का पूर्व मैनेजमेंट टीआरपी घोटले में शामिल था. जागरण की खबर के मुताबिक, बार्क के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता इस रैकेट के मास्टरमाइंड हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, बार्क के नए मैनेजमेंट ने थर्ड पार्टी के द्वारा एक आडिट रिपोर्ट बनवाई, जिसे जुलाई महीने में जमा किया गया था. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व मैनेजमेंट के समय टीआरपी सिस्टम में छेड़छाड़ की गई थी.
इस ऑडिट रिपोर्ट को बनाने के लिए जनवरी में नए मैनेजमेंट ने थर्ड पार्टी को कहा था. ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) मिलिंद भारंबे ने कहा, “ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि मई 2017 से नवबंर 2019 के बीच, अंग्रेजी और तेलुगु न्यूज़ चैनलों की टीआरपी में छेड़छाड़ की गई. यह देखा गया कि टाइम्स नाउ जैसे चैनलों की टीआरपी घट गई वहीं तथाकथित एनालिसिस कर रिपब्लिक को लगातार नंबर वन दिखाया गया.”
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक भांरबे ने बार्क के पूर्व कर्मचारियों के “व्हाट्सएप और ईमेल” का भी खुलासा किया है जो चैनलों के कर्मचारियों की आपसी बातचीत के हैं. जिसमें एक बातचीत में कथित रूप से कहा गया है कि "कृपया अंग्रेजी समाचारों में संख्याओं के नीचे देखें. टाइम्स नाउ के नंबर को बदल दिया गया जबकि रिपब्लिक का वही है.”
वहीं पुलिस के इन आरोपों पर रिपब्लिक मीडिया ने बयान जारी कर इस पूरे मामले में पुलिस के आरोपों हास्यास्यपद बताया है. रिपब्लिक का यह भी दावा है कि मुंबई पुलिस की जांच गलत थी.
बता दें कि मुंबई पुलिस ने 24 दिसंबर को बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को पुणे से गिरफ्तार किया है. वहीं इससे पहले पुलिस ने बार्क के पूर्व सीओओ रामिल रामगढ़िया को गिरफ्तार किया गया था.
न्यूज़लॉन्ड्री हिन्दी के साप्ताहिक संपादकीय, चुनिंदा बेहतरीन रिपोर्ट्स, टिप्पणियां और मीडिया की स्वस्थ आलोचनाएं.
टीआरपी घोटले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने दावा किया है कि बार्क का पूर्व मैनेजमेंट टीआरपी घोटले में शामिल था. जागरण की खबर के मुताबिक, बार्क के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता इस रैकेट के मास्टरमाइंड हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, बार्क के नए मैनेजमेंट ने थर्ड पार्टी के द्वारा एक आडिट रिपोर्ट बनवाई, जिसे जुलाई महीने में जमा किया गया था. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व मैनेजमेंट के समय टीआरपी सिस्टम में छेड़छाड़ की गई थी.
इस ऑडिट रिपोर्ट को बनाने के लिए जनवरी में नए मैनेजमेंट ने थर्ड पार्टी को कहा था. ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) मिलिंद भारंबे ने कहा, “ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि मई 2017 से नवबंर 2019 के बीच, अंग्रेजी और तेलुगु न्यूज़ चैनलों की टीआरपी में छेड़छाड़ की गई. यह देखा गया कि टाइम्स नाउ जैसे चैनलों की टीआरपी घट गई वहीं तथाकथित एनालिसिस कर रिपब्लिक को लगातार नंबर वन दिखाया गया.”
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक भांरबे ने बार्क के पूर्व कर्मचारियों के “व्हाट्सएप और ईमेल” का भी खुलासा किया है जो चैनलों के कर्मचारियों की आपसी बातचीत के हैं. जिसमें एक बातचीत में कथित रूप से कहा गया है कि "कृपया अंग्रेजी समाचारों में संख्याओं के नीचे देखें. टाइम्स नाउ के नंबर को बदल दिया गया जबकि रिपब्लिक का वही है.”
वहीं पुलिस के इन आरोपों पर रिपब्लिक मीडिया ने बयान जारी कर इस पूरे मामले में पुलिस के आरोपों हास्यास्यपद बताया है. रिपब्लिक का यह भी दावा है कि मुंबई पुलिस की जांच गलत थी.
बता दें कि मुंबई पुलिस ने 24 दिसंबर को बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को पुणे से गिरफ्तार किया है. वहीं इससे पहले पुलिस ने बार्क के पूर्व सीओओ रामिल रामगढ़िया को गिरफ्तार किया गया था.
न्यूज़लॉन्ड्री हिन्दी के साप्ताहिक संपादकीय, चुनिंदा बेहतरीन रिपोर्ट्स, टिप्पणियां और मीडिया की स्वस्थ आलोचनाएं.