भले न्यूज़ चैनल का एक सर्वे यह बता रहा हो कि ज्यादातर किसान अब आंदोलन खत्म करना चाहते हैं. लेकिन जब आप किसान आंदोलन में पहुंचेंगे तो आपको पता चलेगा कि आंदोलन खत्म तो दूर की बात, अगर अगले कई महीनों तक भी यह आंदोलन चला तो किसान पीछे हटते हुए नहीं दिख रहे हैं. आंदोलन में की गईं व्यवस्थाएं बताती हैं कि उनके हौसले कितने बुलंद हैं. नए कृषि कानूनों के विरोध में आज आंदोलन का 29वां दिन है, और न्यूज़लॉन्ड्री की टीम पहले दिन से किसान आंदोलन को कवर कर रही है. इन दिनों में एक भी किसान ऐसा नहीं मिला जिसने कहा हो कि वह आंदोलन को खत्म करना चाहते हैं. हालांकि ऐसे लोग जरूर मिले जो कहते हैं कि कृषि कानून वापस होने तक हम अपने घर नहीं जाएंगे, भले उनकी जान ही क्यों न चली जाए.
बता दें कि आंदोलन में शामिल करीब दो दर्जन किसानों की ठंड से मौत हो चुकी है. इसके बावजूद भी वह दिंसबर जैसी सर्द रातों में डटे हुए हैं. आंदोलन में जाने के बाद ही पता चलता है कि अब कई सुविधाओं के साथ उन्होंने पक्के डेरे डाल लिए हैं. बात सिंघु बॉर्डर की हो, टिकरी की या फिर गाजीपुर बर्डर की. सभी जगहों पर आपको किसानों के अनेक रंग देखने को मिल जाएंगे. इन्हीं रगों को न्यूज़लॉन्ड्री ने अपने कैमरे में उतारा है. देखिए ये कुछ तस्वीरें...