एमजे अकबर- प्रिया रमानी केस: ट्विटर अकाउंट डिलीट करना दुर्भावना और शरारतपूर्ण कदम- लूथरा

एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने कोर्ट में कहा, रमानी ने ट्वीट कर अकबर को ‘मीडिया का सबसे बड़ा शिकारी’ कहा.

एमजे अकबर- प्रिया रमानी केस: ट्विटर अकाउंट डिलीट करना दुर्भावना और शरारतपूर्ण कदम- लूथरा
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गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में एमजे अकबर द्वारा प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई हुई. मेट्रोपोलिटन दंडाधिकारी विशाल पाहूजा के ट्रांसफर होने के बाद जज रवीन्द्र कुमार पांडेय की कोर्ट में फिर से बहस हो रही है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की तरफ से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कोर्ट में कहा रमानी द्वारा, “ट्विटर अकाउंट का डिलीट करना दुर्भावना और शरारत को दर्शाता है. यह गैरजिम्मेदारी की सरल भावना नहीं है. मुकदमे के दौरान यह अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की कोशिश करने जैसा है.”

लूथरा ने आगे दलील में कहा कि, उसने कुछ नहीं किया. लेकिन अगली सांस में आप उन्हें शिकारी कहती हैं.

कोर्ट में सीनियर वकील प्रिया रमानी के ट्वीट को पढ़ती हैं जिसमें रमानी अकबर को ‘मीडिया का सबसे बड़ा शिकारी’ कहती हैं. जिसके बाद वह कहती हैं कि इस ट्वीट के लिए कोई बचाव पेश नहीं किया गया.

एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा कहती है, किसी को शिकारी कहना बदनामी है. ऐसा कोई भी बयान मानहानि करता है. यह बयान स्पष्ट रूप से मानहानि है.

बता दें कि इस मानहानि मामले में कोर्ट को यह तय करना है कि प्रिया रमानी के ट्वीट से एमजे अकबर की प्रतिष्ठा खराब हुई है या नहीं.

गौरतलब हैं कि पिछली सुनवाई में गीता लूथरा ने कहा कि उनके मुवक्किल पर आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी ने कल तक अकबर को अपना प्रोफेशनल हीरो बताया. रमानी के आरोपों का सच्चाई से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने यह दलील भी दी कि यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली अन्य महिलाओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई न करना मौजूदा कार्यवाही में कानूनी बचाव का आधार नहीं बनाया जा सकता.

कोर्ट ने फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को तय की है. साथ ही 7 और 12 जनवरी को भी इस मामले की सुनवाई होगी.

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लूथरा ने आगे दलील में कहा कि, उसने कुछ नहीं किया. लेकिन अगली सांस में आप उन्हें शिकारी कहती हैं.

कोर्ट में सीनियर वकील प्रिया रमानी के ट्वीट को पढ़ती हैं जिसमें रमानी अकबर को ‘मीडिया का सबसे बड़ा शिकारी’ कहती हैं. जिसके बाद वह कहती हैं कि इस ट्वीट के लिए कोई बचाव पेश नहीं किया गया.

एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा कहती है, किसी को शिकारी कहना बदनामी है. ऐसा कोई भी बयान मानहानि करता है. यह बयान स्पष्ट रूप से मानहानि है.

बता दें कि इस मानहानि मामले में कोर्ट को यह तय करना है कि प्रिया रमानी के ट्वीट से एमजे अकबर की प्रतिष्ठा खराब हुई है या नहीं.

गौरतलब हैं कि पिछली सुनवाई में गीता लूथरा ने कहा कि उनके मुवक्किल पर आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी ने कल तक अकबर को अपना प्रोफेशनल हीरो बताया. रमानी के आरोपों का सच्चाई से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने यह दलील भी दी कि यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली अन्य महिलाओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई न करना मौजूदा कार्यवाही में कानूनी बचाव का आधार नहीं बनाया जा सकता.

कोर्ट ने फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को तय की है. साथ ही 7 और 12 जनवरी को भी इस मामले की सुनवाई होगी.

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