सिंघू और टीकरी बॉर्डर से इतर एक आंदोलन गाजीपुर बॉर्डर पर भी चल रहा है. यहां ज्यादातर किसान पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड से आए हैं.
50 एकड़ के किसान भूपेंद्र 12वीं करने के बाद विदेश जाकर इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करने की तैयारी कर रहे हैं. वे भी इस ग्रुप के साथ हैं. उन्होंने कहा कि ये इंतजाम इस लिए करने पड़े हैं क्योंकि यहां बिजली और इंटरनेट काट दिया जाता है.
धरना स्थल के चारों ओर लंगर चल रहे थे. जहां किसानों को मैगी से लेकर चाय-पकौड़े, खीर आदि खाने कि लिए मुहैया कराया जा रहा था. संतरों का एक बड़ा ढ़ेर भी वहीं पड़ा हुआ था. किसानों के लिए रोटी की मशीन का प्रबंध भी किया गया है. मंच पर किसान नेता भाषण दे रहे थे. एक प्रवक्ता मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेहद झूठा बताते हुए उनसे कम झूठ बोलने की अपील कर रहा था.
लाइब्रेरी की शुरुआत
धरना स्थल के पास ही “विकल्प मंच” की तरफ से एक लाइब्रेरी की शुरुआत भी की गई है. इसमें किसानों को जागरुक करने के लिए खेती- किसानी से जुड़ी किताबें थीं. जिन्हें किसान पढ़कर वापस यहीं रख सकते थे. इस लाइब्रेरी का संचालन कर रहे मोहित ने हमें बताया कि हमने किसानों को जागरुक करने के लिए ये लाइब्रेरी शुरू की है. और इसका बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. अगर कोई खरीदना चाहे तो सिर्फ 10- 15 रूपए में खरीद सकता है, और अगर न खरीदना चाहे तो सिर्फ पढ़कर भी रख सकते हैं. मोहित ने हमें एक किताब भी दिखाई जो इन तीनों कृषि कानूनों से जुड़ी हुई थी. मोहित के साथ इस काम में शालू और अमित भी जुड़े हैं.
फसलों के फैसले किसान करेगा
उत्तराखंड के सितारगंज निवासी कमलजीत सिंह भी अपने ग्रुप के साथ यहीं बैठे हुए थे. 50 एकड़ खेती करने वाले कमलजीत की ट्रॉली सबका ध्यान अपनी ओर खींच रही थी. दरअसल उन्होंने अपनी ट्रॉली को पूरी तरह मॉडिफाइड करा कर उसमें अंदर एसी लगाया हुआ है. साथ ही चलो दिल्ली, फसलों के फैसले किसान करेगा, #किसान_आंदोलन जैसे नारे लिखे हैं.
50 एकड़ के किसान भूपेंद्र 12वीं करने के बाद विदेश जाकर इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करने की तैयारी कर रहे हैं. वे भी इस ग्रुप के साथ हैं. उन्होंने कहा कि ये इंतजाम इस लिए करने पड़े हैं क्योंकि यहां बिजली और इंटरनेट काट दिया जाता है.
धरना स्थल के चारों ओर लंगर चल रहे थे. जहां किसानों को मैगी से लेकर चाय-पकौड़े, खीर आदि खाने कि लिए मुहैया कराया जा रहा था. संतरों का एक बड़ा ढ़ेर भी वहीं पड़ा हुआ था. किसानों के लिए रोटी की मशीन का प्रबंध भी किया गया है. मंच पर किसान नेता भाषण दे रहे थे. एक प्रवक्ता मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेहद झूठा बताते हुए उनसे कम झूठ बोलने की अपील कर रहा था.
लाइब्रेरी की शुरुआत
धरना स्थल के पास ही “विकल्प मंच” की तरफ से एक लाइब्रेरी की शुरुआत भी की गई है. इसमें किसानों को जागरुक करने के लिए खेती- किसानी से जुड़ी किताबें थीं. जिन्हें किसान पढ़कर वापस यहीं रख सकते थे. इस लाइब्रेरी का संचालन कर रहे मोहित ने हमें बताया कि हमने किसानों को जागरुक करने के लिए ये लाइब्रेरी शुरू की है. और इसका बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. अगर कोई खरीदना चाहे तो सिर्फ 10- 15 रूपए में खरीद सकता है, और अगर न खरीदना चाहे तो सिर्फ पढ़कर भी रख सकते हैं. मोहित ने हमें एक किताब भी दिखाई जो इन तीनों कृषि कानूनों से जुड़ी हुई थी. मोहित के साथ इस काम में शालू और अमित भी जुड़े हैं.
फसलों के फैसले किसान करेगा
उत्तराखंड के सितारगंज निवासी कमलजीत सिंह भी अपने ग्रुप के साथ यहीं बैठे हुए थे. 50 एकड़ खेती करने वाले कमलजीत की ट्रॉली सबका ध्यान अपनी ओर खींच रही थी. दरअसल उन्होंने अपनी ट्रॉली को पूरी तरह मॉडिफाइड करा कर उसमें अंदर एसी लगाया हुआ है. साथ ही चलो दिल्ली, फसलों के फैसले किसान करेगा, #किसान_आंदोलन जैसे नारे लिखे हैं.