चिराग पासवान के सहयोगी ने एक न्यूज़ वेबसाइट को तीन करोड़ का लीगल नोटिस भेजा

News4Nation ने रिपोर्ट किया था कि लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान के सहायक सौरभ पांडे ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें दिग्भ्रमित किया था. पांडे का दावा है कि वेबसाइट उन्हें ब्लैकमेल कर रही है.

WrittenBy:आयुष तिवारी
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पटना की एक न्यूज़ वेबसाइट news4nation को 34 वर्षीय सौरभ पांडे, जो लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया चिराग पासवान के सहयोगी हैं, ने मानहानि और वसूली के आरोप में लीगल नोटिस भेजा है. पांडे ने बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों के पश्चात वेबसाइट पर छपी एक रिपोर्ट में किए गए झूठे और मनगढ़ंत दावों की वजह से हुए आर्थिक नुकसान के कारण तीन करोड़ का मुआवजा मांगा है.

सौरभ पांडे दिल्ली में अधिवक्ता हैं. वह यह भी दावा करते हैं कि वेबसाइट के कर्मचारियों ने उनके नकारात्मक कवरेज को कम करने के एवज में उनसे पैसा वसूलने की कोशिश की है. हालांकि वेबसाइट ने इस दावे का खंडन किया है.

वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट का सार यह है कि बिहार चुनाव में चिराग पासवान की चुनावी रणनीति के रचनाकार पांडे थे. उन्होंने ही लोजपा के मुखिया को अपने सहयोगी दलों के विरुद्ध खड़ा होने का सुझाव दिया था, खासतौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ. news4nation कहता है कि यह रणनीति मुंह के बल गिरी क्योंकि लोजपा ने 243 सीटों में से केवल 1 सीट जीती और पांडे वहां से विदा हो गए.

news4nation के पत्रकार विवेकानंद ने अपने दर्शकों से कहा, "अपने जाने से पहले वो बिहार चुनाव में पार्टी की सारी चुनावी उम्मीदों पर पानी फेर गए."

पत्रकार विवेकानंद

कथित पत्रकार जिनका पूरी रिपोर्ट में बोलने का लहजा बहुत ही नाटकीय और व्यंगात्मक था, ने अपनी जानकारी का स्रोत लोजपा में एक विश्वसनीय सूत्र को बताया.

उनका दावा था कि, "तथाकथित राजनीतिक तांत्रिक पांडे ने चिराग को सब्जबाग बेचे और पहले उनके पिता को पार्टी के उत्तर प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बनाया और फिर उनके लिए राज्यसभा सीट की मांग की". इसके साथ पत्रकार ने यह भी जोड़ा कि पासवान के सहयोगी में उन्हें दिग्भ्रमित किया और दबाव डाला कि वह बिहार विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होकर लड़ें.

news4nation जिसके यूट्यूब पर आठ लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं की इस रिपोर्ट को 62000 बार से ज्यादा देखा गया.

सौरभ पांडे

रिपोर्ट प्रकाशित होने के अगले दिन ही लीगल नोटिस आ गया.

सौरभ पांडे की तरफ से गए नोटिस के अनुसार, "मेरे क्लाइंट को तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए तथ्यों के द्वारा अपनी मानहानि के खिलाफ सबूत रखने का पूरा अधिकार है. मेरे क्लाइंट से की गई अवैध मांग आपको ज्ञात होगी और ऐसा प्रतीत होता है कि आप उनसे पहले की गई अवैध मांगों को न मानने के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, खास तौर पर श्री विवेकानंद."

नोटिस यह भी कहता है कि न्यूज़ वेबसाइट ने अपने दावों को पांडे से सत्यापित नहीं किया और न ही रिपोर्ट में किए गए अपने दावों के लिए कोई तथ्य पेश किया. नोटिस में तीन मांगें की गईं: एक वकील के नाते पांडे के खोए हुए अवसरों के लिए तीन करोड़ का मुआवजा, लिखित में बिना शर्त माफी और वेबसाइट से रिपोर्ट का हटाया जाना.

news4nation के संपादक और डायरेक्टर कौशलेंद्र प्रियदर्शी ये न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उन्हें कोई लीगल नोटिस नहीं मिला था और उन्हें इसके बारे में व्हाट्सएप से पता चला. प्रियदर्शी कहते हैं: "यह समझ के परे है. हमने केवल उनकी आलोचना की थी. यह केवल एक समीक्षा थी इससे ज्यादा कुछ नहीं."

क्या उन्होंने पांडे से अपनी रिपोर्ट पर टिप्पणी मांगी, इस पर उन्होंने बताया कि वह रिपोर्ट केवल राजनीतिक गलियारों के सूत्रों के मुताबिक की गई एक समीक्षा थी और उस पर पांडे की टिप्पणी की कोई आवश्यकता नहीं थी.

पांडे ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उनके पास विवेकानंद और news4nation के और कर्मचारियों के साथ व्हाट्सएप पर वसूली के लिए हुई बातचीत मौजूद है. वे दावा करते हैं, "उन्होंने मुझे ब्लैकमेल किया और रिश्वत मांगी यह कहते हुए कि अगर मैंने पैसे नहीं दिए तो वह मेरे खिलाफ नकारात्मक खबरें चलाएंगे."

प्रियदर्शी ने इस बात से इनकार किया और जोर देकर कहा कि news4nation से किसी ने भी लोजपा के राजनीतिक सहयोगी से वसूली करने की कोशिश की. उन्होंने तल्खी से कहा, "ऐसा कुछ भी नहीं है. आपको उनसे सबूत मांगना चाहिए."

सौरभ पांडे ने हमसे यह सारी बातचीत साझा करने से यह कहते हुए इनकार किया कि वह वेबसाइट के खिलाफ सबूत केवल अदालत में ही पेश करेंगे.

सौरभ पांडे, जिन्होंने सात वर्ष तक पासवान और लोजपा के साथ काम किया है, का कहना है, "चुनावों के दौरान कुछ वेबसाइट हैं जो इस तरीके से पैसे बनाने की कोशिश करती हैं. नकारात्मक खबरें ठीक हैं पर उसे कार्यशैली क्यों बनाना? ऐसा करने वाले लोगों का लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए. इन लोगों को भारतीय कानून संहिता के अंदर आरोपित करना चाहिए. इन पर तो केवल मुझे ही नहीं लोजपा को भी दावा ठोकना चाहिए."

सौरभ पांडे का औचित्य कितना ही स्पष्ट हो, पर उनके द्वारा की जा रही कानूनी प्रक्रिया में एक राजनीतिक किरदार के द्वारा एक समाचार संस्था को अप्रिय खबरों के लिए डराने के लक्षण दिखाई देते हैं. हालांकि वह उसे इस दृष्टि से नहीं देखते. "ऐसे पत्रकारों को एक सबक सिखाना चाहिए: अपने अधिकारों के बाहर मत जाओ. उन्होंने जो खबर चलाई वह अपमानित और शर्मसार कर देने वाली थी. मैं एक जागरूक नागरिक हूं और मैं उन्हें छोडूंगा नहीं."

लोक जनशक्ति पार्टी के पदाधिकारी दावा करते हैं कि वह news4nation के खिलाफ अगले हफ्ते अदालत जाएंगे. पटना स्थित वेबसाइट के ऑफिस में संपादक प्रियदर्शनी कुछ ज्यादा परेशान नहीं प्रतीत हुए. उन्होंने यह कहते हुए फोन काटा: "उन्हें करने दो, हम अपना दिमाग क्यों खपाएं?"

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सौरभ पांडे दिल्ली में अधिवक्ता हैं. वह यह भी दावा करते हैं कि वेबसाइट के कर्मचारियों ने उनके नकारात्मक कवरेज को कम करने के एवज में उनसे पैसा वसूलने की कोशिश की है. हालांकि वेबसाइट ने इस दावे का खंडन किया है.

वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट का सार यह है कि बिहार चुनाव में चिराग पासवान की चुनावी रणनीति के रचनाकार पांडे थे. उन्होंने ही लोजपा के मुखिया को अपने सहयोगी दलों के विरुद्ध खड़ा होने का सुझाव दिया था, खासतौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ. news4nation कहता है कि यह रणनीति मुंह के बल गिरी क्योंकि लोजपा ने 243 सीटों में से केवल 1 सीट जीती और पांडे वहां से विदा हो गए.

news4nation के पत्रकार विवेकानंद ने अपने दर्शकों से कहा, "अपने जाने से पहले वो बिहार चुनाव में पार्टी की सारी चुनावी उम्मीदों पर पानी फेर गए."

पत्रकार विवेकानंद

कथित पत्रकार जिनका पूरी रिपोर्ट में बोलने का लहजा बहुत ही नाटकीय और व्यंगात्मक था, ने अपनी जानकारी का स्रोत लोजपा में एक विश्वसनीय सूत्र को बताया.

उनका दावा था कि, "तथाकथित राजनीतिक तांत्रिक पांडे ने चिराग को सब्जबाग बेचे और पहले उनके पिता को पार्टी के उत्तर प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बनाया और फिर उनके लिए राज्यसभा सीट की मांग की". इसके साथ पत्रकार ने यह भी जोड़ा कि पासवान के सहयोगी में उन्हें दिग्भ्रमित किया और दबाव डाला कि वह बिहार विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होकर लड़ें.

news4nation जिसके यूट्यूब पर आठ लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं की इस रिपोर्ट को 62000 बार से ज्यादा देखा गया.

सौरभ पांडे

रिपोर्ट प्रकाशित होने के अगले दिन ही लीगल नोटिस आ गया.

सौरभ पांडे की तरफ से गए नोटिस के अनुसार, "मेरे क्लाइंट को तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए तथ्यों के द्वारा अपनी मानहानि के खिलाफ सबूत रखने का पूरा अधिकार है. मेरे क्लाइंट से की गई अवैध मांग आपको ज्ञात होगी और ऐसा प्रतीत होता है कि आप उनसे पहले की गई अवैध मांगों को न मानने के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, खास तौर पर श्री विवेकानंद."

नोटिस यह भी कहता है कि न्यूज़ वेबसाइट ने अपने दावों को पांडे से सत्यापित नहीं किया और न ही रिपोर्ट में किए गए अपने दावों के लिए कोई तथ्य पेश किया. नोटिस में तीन मांगें की गईं: एक वकील के नाते पांडे के खोए हुए अवसरों के लिए तीन करोड़ का मुआवजा, लिखित में बिना शर्त माफी और वेबसाइट से रिपोर्ट का हटाया जाना.

news4nation के संपादक और डायरेक्टर कौशलेंद्र प्रियदर्शी ये न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उन्हें कोई लीगल नोटिस नहीं मिला था और उन्हें इसके बारे में व्हाट्सएप से पता चला. प्रियदर्शी कहते हैं: "यह समझ के परे है. हमने केवल उनकी आलोचना की थी. यह केवल एक समीक्षा थी इससे ज्यादा कुछ नहीं."

क्या उन्होंने पांडे से अपनी रिपोर्ट पर टिप्पणी मांगी, इस पर उन्होंने बताया कि वह रिपोर्ट केवल राजनीतिक गलियारों के सूत्रों के मुताबिक की गई एक समीक्षा थी और उस पर पांडे की टिप्पणी की कोई आवश्यकता नहीं थी.

पांडे ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उनके पास विवेकानंद और news4nation के और कर्मचारियों के साथ व्हाट्सएप पर वसूली के लिए हुई बातचीत मौजूद है. वे दावा करते हैं, "उन्होंने मुझे ब्लैकमेल किया और रिश्वत मांगी यह कहते हुए कि अगर मैंने पैसे नहीं दिए तो वह मेरे खिलाफ नकारात्मक खबरें चलाएंगे."

प्रियदर्शी ने इस बात से इनकार किया और जोर देकर कहा कि news4nation से किसी ने भी लोजपा के राजनीतिक सहयोगी से वसूली करने की कोशिश की. उन्होंने तल्खी से कहा, "ऐसा कुछ भी नहीं है. आपको उनसे सबूत मांगना चाहिए."

सौरभ पांडे ने हमसे यह सारी बातचीत साझा करने से यह कहते हुए इनकार किया कि वह वेबसाइट के खिलाफ सबूत केवल अदालत में ही पेश करेंगे.

सौरभ पांडे, जिन्होंने सात वर्ष तक पासवान और लोजपा के साथ काम किया है, का कहना है, "चुनावों के दौरान कुछ वेबसाइट हैं जो इस तरीके से पैसे बनाने की कोशिश करती हैं. नकारात्मक खबरें ठीक हैं पर उसे कार्यशैली क्यों बनाना? ऐसा करने वाले लोगों का लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए. इन लोगों को भारतीय कानून संहिता के अंदर आरोपित करना चाहिए. इन पर तो केवल मुझे ही नहीं लोजपा को भी दावा ठोकना चाहिए."

सौरभ पांडे का औचित्य कितना ही स्पष्ट हो, पर उनके द्वारा की जा रही कानूनी प्रक्रिया में एक राजनीतिक किरदार के द्वारा एक समाचार संस्था को अप्रिय खबरों के लिए डराने के लक्षण दिखाई देते हैं. हालांकि वह उसे इस दृष्टि से नहीं देखते. "ऐसे पत्रकारों को एक सबक सिखाना चाहिए: अपने अधिकारों के बाहर मत जाओ. उन्होंने जो खबर चलाई वह अपमानित और शर्मसार कर देने वाली थी. मैं एक जागरूक नागरिक हूं और मैं उन्हें छोडूंगा नहीं."

लोक जनशक्ति पार्टी के पदाधिकारी दावा करते हैं कि वह news4nation के खिलाफ अगले हफ्ते अदालत जाएंगे. पटना स्थित वेबसाइट के ऑफिस में संपादक प्रियदर्शनी कुछ ज्यादा परेशान नहीं प्रतीत हुए. उन्होंने यह कहते हुए फोन काटा: "उन्हें करने दो, हम अपना दिमाग क्यों खपाएं?"

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