गुजरात में दैनिक भास्कर ग्रुप के चार पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज

पत्रकारिता धर्म का पालन कर रहे थे. और अगर ये अपराध है तो हम ये अपराध करते रहेंगे.

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शुक्रवार 4 दिसम्बर को गुजरात पुलिस ने दैनिक भास्कर ग्रुप के स्थानीय अखबार ‘दिव्य भास्कर’ के चार पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज की है. इनमें दिव्य भास्कर के दो जर्नलिस्ट और दो फोटो जर्नलिस्ट शामिल हैं. हेड कांस्टेबल जिग्नेश गढ़वी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने राजकोट में पत्रकार- महेंद्र सिंह जडेजा, प्रदीप सिंह गोहिल, प्रकाश रवरानी और इमरान होथी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में कहा गया है कि पत्रकारों ने पुलिस बल को बदनाम करने का प्रयास किया और मामले में जांच को प्रभावित किया.

महेंद्र सिंह जडेजा अखबार के क्राइम रिपोर्टर हैं जबकि प्रदीप सिंह गोहिल सिटी रिपोर्टिंग के हेड हैं. प्रकाश रवरानी फोटोग्राफर हैं और इमरान होथी इंवेस्टिगेटिव प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं. एफआईआर दर्ज करने के बाद दिव्य भास्कर के स्टेट एडिटर देवेंद्र भटनागर ने कई ट्वीट कर इस पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि पत्रकार, पत्रकारिता धर्म का पालन कर रहे थे. और अगर ये अपराध है तो हम ये अपराध करते रहेंगे.

स्टेट एडिटर के मुताबिक, इन चारों पत्रकारों ने राजकोट तालुका पुलिस स्टेशन में एक स्टिंग ऑपरेशन किया था और उसके आधार पर एक रिपोर्ट प्रकाशित कर दावा किया था कि राजकोट के एक निजी अस्पताल में आग लगने के संबंध में गिरफ्तार तीन लोगों को वीआईपी सुविधाएं मुहैया कराई गईं हैं.

इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी एक दिसंबर को गुजरात सरकार की रिपोर्ट पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा था कि तथ्यों को छिपाने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए.

देवेंद्र ने एक ट्वीट में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को टैग कर लिखा, “राजकोट अग्निकांड में पांच मरीजों की मौत पर सरकारी नाकामी, अपराधियों को बचाने के सरकारी खेल को उजागर कर दिव्य भास्कर ने सिर्फ अपना पत्रकारिता धर्म निभाया है. सच उजागर करना अपराध है तो भास्कर ये अपराध करता रहेगा, आप एफआईआर दर्ज करते रहिए @vijayrupanibjp सरकार.”

दरअसल गुजरात के राजकोट में 27 नवंबर को सुबह उदय शिवानंद कोविड हॉस्पिटल में भीषण आग लगने से पांच मरीजों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी और कई अन्य मरीज झुलस भी गए थे. कोविड अस्पताल होने की वजह से अस्पताल के आईसीयू में 11 मरीज सहित कुल 33 मरीज भर्ती थे. इसी के आरोपियों डॉ. मोढा, उनके बेटे विशाल और डॉ. तेजस करमाता को वीआईपी सुविधाएं मुहैया कराने का स्टिंग में दावा किया गया था.

देवेंद्र ने विजय रूपाणी का एक वीडियो ट्वीट किया है. जिसमें वे मुम्बई पुलिस दवारा रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते नजर आ रहे हैं. ट्वीट करते हुए देवेंद्र ने लिखा, “इनके इस बयान पर क्या कहा जाए.”

देवेंद्र ने इस मामले में लोगों का साथ देने के लिए शुक्रिया भी अदा करते हुए लिखा है, “साथियो, शब्द नहीं हैं मेरे पास आपको शुक्रिया कहने के लिए. मैंने पत्रकारिता को हमेशा धर्म माना है. ईश्वर से ज्यादा अखबार को पूजता हूं. ये लड़ाई किसी को हराने के लिए नहीं थी. ये लड़ाई तो खुद को जिंदा रखने के लिए थी. आपने जिस तरह साथ दिया, उसके लिए मैं दिल से आभार प्रकट करता हूं.”

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शुक्रवार 4 दिसम्बर को गुजरात पुलिस ने दैनिक भास्कर ग्रुप के स्थानीय अखबार ‘दिव्य भास्कर’ के चार पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज की है. इनमें दिव्य भास्कर के दो जर्नलिस्ट और दो फोटो जर्नलिस्ट शामिल हैं. हेड कांस्टेबल जिग्नेश गढ़वी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने राजकोट में पत्रकार- महेंद्र सिंह जडेजा, प्रदीप सिंह गोहिल, प्रकाश रवरानी और इमरान होथी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में कहा गया है कि पत्रकारों ने पुलिस बल को बदनाम करने का प्रयास किया और मामले में जांच को प्रभावित किया.

महेंद्र सिंह जडेजा अखबार के क्राइम रिपोर्टर हैं जबकि प्रदीप सिंह गोहिल सिटी रिपोर्टिंग के हेड हैं. प्रकाश रवरानी फोटोग्राफर हैं और इमरान होथी इंवेस्टिगेटिव प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं. एफआईआर दर्ज करने के बाद दिव्य भास्कर के स्टेट एडिटर देवेंद्र भटनागर ने कई ट्वीट कर इस पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि पत्रकार, पत्रकारिता धर्म का पालन कर रहे थे. और अगर ये अपराध है तो हम ये अपराध करते रहेंगे.

स्टेट एडिटर के मुताबिक, इन चारों पत्रकारों ने राजकोट तालुका पुलिस स्टेशन में एक स्टिंग ऑपरेशन किया था और उसके आधार पर एक रिपोर्ट प्रकाशित कर दावा किया था कि राजकोट के एक निजी अस्पताल में आग लगने के संबंध में गिरफ्तार तीन लोगों को वीआईपी सुविधाएं मुहैया कराई गईं हैं.

इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी एक दिसंबर को गुजरात सरकार की रिपोर्ट पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा था कि तथ्यों को छिपाने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए.

देवेंद्र ने एक ट्वीट में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को टैग कर लिखा, “राजकोट अग्निकांड में पांच मरीजों की मौत पर सरकारी नाकामी, अपराधियों को बचाने के सरकारी खेल को उजागर कर दिव्य भास्कर ने सिर्फ अपना पत्रकारिता धर्म निभाया है. सच उजागर करना अपराध है तो भास्कर ये अपराध करता रहेगा, आप एफआईआर दर्ज करते रहिए @vijayrupanibjp सरकार.”

दरअसल गुजरात के राजकोट में 27 नवंबर को सुबह उदय शिवानंद कोविड हॉस्पिटल में भीषण आग लगने से पांच मरीजों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी और कई अन्य मरीज झुलस भी गए थे. कोविड अस्पताल होने की वजह से अस्पताल के आईसीयू में 11 मरीज सहित कुल 33 मरीज भर्ती थे. इसी के आरोपियों डॉ. मोढा, उनके बेटे विशाल और डॉ. तेजस करमाता को वीआईपी सुविधाएं मुहैया कराने का स्टिंग में दावा किया गया था.

देवेंद्र ने विजय रूपाणी का एक वीडियो ट्वीट किया है. जिसमें वे मुम्बई पुलिस दवारा रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते नजर आ रहे हैं. ट्वीट करते हुए देवेंद्र ने लिखा, “इनके इस बयान पर क्या कहा जाए.”

देवेंद्र ने इस मामले में लोगों का साथ देने के लिए शुक्रिया भी अदा करते हुए लिखा है, “साथियो, शब्द नहीं हैं मेरे पास आपको शुक्रिया कहने के लिए. मैंने पत्रकारिता को हमेशा धर्म माना है. ईश्वर से ज्यादा अखबार को पूजता हूं. ये लड़ाई किसी को हराने के लिए नहीं थी. ये लड़ाई तो खुद को जिंदा रखने के लिए थी. आपने जिस तरह साथ दिया, उसके लिए मैं दिल से आभार प्रकट करता हूं.”

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