एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने असम में पत्रकारों पर हो रहे हमलों को लेकर सीएम सोनोवाल को लिखा पत्र

गिल्ड ने इस पत्र में 1991 के बाद से राज्य में मारे गए 32 पत्रकारों के नाम भी अंकित किए हैं.

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एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने असम में लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है. गिल्ड ने इसे लेकर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को एक पत्र भी लिखा है. गिल्ड ने पत्रकारों पर हो रहे हमलों का जिक्र करते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है. इस पत्र में 1991 के बाद से राज्य में मारे गए 32 पत्रकारों के नाम भी अंकित किए हैं.

गिल्ड ने पत्र में लिखा, "असम में पत्रकारों पर भीड़ द्वारा किए जा रहे हमले और उन्हें डराने धमकाने की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसी घटनाओं से स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया के लिए ठीक माहौल नहीं है."

गिल्ड ने कहा कि, "1991 के बाद से राज्य में कई पत्रकार मारे गए हैं. इन मामलों में ठीक से जांच भी नहीं हुई है और अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं. अपराधी उनके परिजनों को भी धमका रहे हैं. ऐसे में आपसे उम्मीद की जाती है कि आप राज्य पुलिस से उचित कदम उठाने को कहेंगे ताकि पत्रकार निष्पक्ष पत्रकारिता और बिना डरे काम कर सकें." गिल्ड ने पत्रकारों के साथ हो रही घटनाओं के मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.

गिल्ड ने अपने पत्र में कुछ दिन पहले ही वरिष्ठ पत्रकार मिलन महंता पर हुए हमले का भी जिक्र किया है. बता दें कि पत्रकार मिलन महंता पर कुछ लोगों ने हमला कर उन्हें एक बिजली के खंभे से बांधकर पीटा था. उनकी पिटाई का यह वीडियो सोशल मीडिया में भी काफी वायरल हुआ है. पिटाई वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से लोग अब आरोपियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही स्थानीय टेलीविजन चैनल के पत्रकार पराग भुइंया की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. पत्रकार की मौत पर परिजनों ने आरोप लगाया था कि यह हत्या है क्योंकि उसने अपने इलाके में भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों को उजागर किया था. इस पत्र में गिल्ड ने पराग भुइंया का भी जिक्र किया है.

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गिल्ड ने पत्र में लिखा, "असम में पत्रकारों पर भीड़ द्वारा किए जा रहे हमले और उन्हें डराने धमकाने की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसी घटनाओं से स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया के लिए ठीक माहौल नहीं है."

गिल्ड ने कहा कि, "1991 के बाद से राज्य में कई पत्रकार मारे गए हैं. इन मामलों में ठीक से जांच भी नहीं हुई है और अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं. अपराधी उनके परिजनों को भी धमका रहे हैं. ऐसे में आपसे उम्मीद की जाती है कि आप राज्य पुलिस से उचित कदम उठाने को कहेंगे ताकि पत्रकार निष्पक्ष पत्रकारिता और बिना डरे काम कर सकें." गिल्ड ने पत्रकारों के साथ हो रही घटनाओं के मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.

गिल्ड ने अपने पत्र में कुछ दिन पहले ही वरिष्ठ पत्रकार मिलन महंता पर हुए हमले का भी जिक्र किया है. बता दें कि पत्रकार मिलन महंता पर कुछ लोगों ने हमला कर उन्हें एक बिजली के खंभे से बांधकर पीटा था. उनकी पिटाई का यह वीडियो सोशल मीडिया में भी काफी वायरल हुआ है. पिटाई वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से लोग अब आरोपियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही स्थानीय टेलीविजन चैनल के पत्रकार पराग भुइंया की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. पत्रकार की मौत पर परिजनों ने आरोप लगाया था कि यह हत्या है क्योंकि उसने अपने इलाके में भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों को उजागर किया था. इस पत्र में गिल्ड ने पराग भुइंया का भी जिक्र किया है.

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