असम में भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले पत्रकार की मौत पर उठे सवाल

पराग की मौत पर परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या की गई है, क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों को उजागर किया था.

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असम में गुरुवार को एक स्थानीय टेलीविजन चैनल के पत्रकार पराग भुइंया की सड़क हादसे में मौत हो गई. ‘प्रतिदिन टाइम’ चैनल के काकोपथार के वरिष्ठ संवाददाता पराग भुइयां को बुधवार रात एक वाहन ने उनके घर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-15 पर टक्कर मार दी थी. इलाज के दौरान डिब्रूगढ़ के एक नर्सिंग होम में गुरुवार सुबह उनकी मौत हो गई.

पराग की मौत पर परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या की गई है. क्योंकि उसने अपने इलाके में भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों को उजागर किया था. हालांकि, पत्रकार की मौत पर शोक जताते हुए असम के मुख्यमंत्री और गृह विभाग के प्रभारी सर्बानंद सोनोवाल ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी है.

टीवी चैनल के प्रधान संपादक नितुमोनी सैकिया ने एक बयान जारी करके आरोप लगाते हुए कहा, “पुलिस का प्रारंभिक दृष्टिकोण संदेह का कारण था. हमें संदेह है कि पत्रकार की हत्या कर दी गई, क्योंकि वह काकोपथार के आसपास अवैध गतिविधियों और भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली रिपोर्टिंग की एक श्रृंखला चला रहे थे. इन रिपोर्टों के लिए उन्हें धमकी मिली थी. हम ‘प्रतिदिन टाइम’ में इसे एक संदिग्ध सुनियोजित हत्या के तौर पर देखते हैं और पूरी घटना की विस्तृत जांच और भुइयां के परिवार और ‘प्रतिदिन टाइम’ की ओर से न्याय की मांग करते हैं.”

इस मामले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर असम की बीजेपी सरकार पर सवाल उठाए हैं.

राहुल ने ट्वीट कर लिखा, “भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने वाले असम के पत्रकार पराग भुइयां की संदिग्ध परिस्थिति में हत्या हो गई. उनके परिवार को मेरी संवेदनाएं. असम, मध्य प्रदेश या यूपी, बीजेपी शासित राज्यों में सच्ची पत्रकारिता का गला घोटा जा रहा है और तमाशा करने वालों को सुरक्षा मिल रही है.”

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पराग की मौत पर परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या की गई है. क्योंकि उसने अपने इलाके में भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों को उजागर किया था. हालांकि, पत्रकार की मौत पर शोक जताते हुए असम के मुख्यमंत्री और गृह विभाग के प्रभारी सर्बानंद सोनोवाल ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी है.

टीवी चैनल के प्रधान संपादक नितुमोनी सैकिया ने एक बयान जारी करके आरोप लगाते हुए कहा, “पुलिस का प्रारंभिक दृष्टिकोण संदेह का कारण था. हमें संदेह है कि पत्रकार की हत्या कर दी गई, क्योंकि वह काकोपथार के आसपास अवैध गतिविधियों और भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली रिपोर्टिंग की एक श्रृंखला चला रहे थे. इन रिपोर्टों के लिए उन्हें धमकी मिली थी. हम ‘प्रतिदिन टाइम’ में इसे एक संदिग्ध सुनियोजित हत्या के तौर पर देखते हैं और पूरी घटना की विस्तृत जांच और भुइयां के परिवार और ‘प्रतिदिन टाइम’ की ओर से न्याय की मांग करते हैं.”

इस मामले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर असम की बीजेपी सरकार पर सवाल उठाए हैं.

राहुल ने ट्वीट कर लिखा, “भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने वाले असम के पत्रकार पराग भुइयां की संदिग्ध परिस्थिति में हत्या हो गई. उनके परिवार को मेरी संवेदनाएं. असम, मध्य प्रदेश या यूपी, बीजेपी शासित राज्यों में सच्ची पत्रकारिता का गला घोटा जा रहा है और तमाशा करने वालों को सुरक्षा मिल रही है.”

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