कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा.
बॉम्बे हाईकोर्ट में लगातार तीसरे दिन रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने सुनवाई के बाद जमानत पर कोई आदेश नहीं दिया. लेकिन साथ ही कहा कि वह सेशन कोर्ट में जाकर जमानत याचिका दायर कर सकते हैं.
शनिवार को लगातार तीसरे दिन अर्णब की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा हम अदालत के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने इस केस की सुनवाई शनिवार को की. इस पर जस्टिस शिंदे ने कहा हम जल्द से जल्द आदेश देने की कोशिश करेंगे.
बता दें कि मुंबई पुलिस ने बुधवार को ही अर्णब को 2018 के एक आत्महत्या मामले में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद निचली अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
वहीं शुक्रवार को अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. महाराष्ट्र विधानसभा की विशेषाधिकार समिति की ओर से जारी नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अर्णब की तत्काल गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रति अपशब्दों का इस्तेमाल करने को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव ने अर्णब गोस्वामी के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- “विधानसभा के सचिव दो सप्ताह बाद इस केस की अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर रहें.”
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने की. वहीं इस मामले में वरिष्ठ वकील अरविंद दातार को न्यायमित्र नियुक्त किया गया है.
क्या है 2018 का मामला
साल 2018 में 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक ने अलीबाग के अपने घर में आत्महत्या कर ली थी. इस दौरान पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अर्णब गोस्वामी और दो अन्य लोगों ने उन्हें 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया. इस कारण उनकी आर्थिक स्थिति बेहद बिगड़ गई है और उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा है.
इस मामले को कोर्ट ने पहले सबूत ना होने के कारण बंद कर दिया था. इस केस को पुलिस ने फिर से खोला है. अन्वय नाइक की बेटी ने गृहमंत्री अनिल देशमुख से मिलकर इस मामले की फिर से जांच कराने की मांग की थी. जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है.