डीबी ग्रुप के सुधीर अग्रवाल ने कहा, आंकड़े दिखा रहे हैं कि अब कोविड के पहले जैसी स्थिति बन रही है.
कोरोना काल में प्रिंट मीडिया को सबसे ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा. लॉकडाउन के कारण अखबार का प्रसार न होना, अखबार से कोरोना फैलने की अफवाह और विज्ञापनदाताओं द्वारा विज्ञापन न देने के कारण प्रिंट मीडिया को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है.
लेकिन लगता हैं कि अब हालात सुधर रहे हैं. त्यौहारी सीजन के कारण अब मार्केट में भी तेजी है जिसके कारण प्रिंट मीडिया में रिकवरी का रेट भी तेज हो गया है. एक्सचेंज फॉर मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले इस बार मीडिया ने करीब 75 प्रतिशत तक रिकवरी कर ली है.
रिपोर्ट में एड एक्स डेटा के मुताबिक बताया गया है कि, “अप्रैल महीने के मुकाबले अगस्त महीने में प्रतिदिन विज्ञापन की संख्या में 5.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली.”
जुलाई से सिंतबर के बीच प्रिंट पर विज्ञापन में शीर्ष पांच श्रेणियों में शामिल है कार, विभिन्न श्रेणी, टू व्हीलर, रियल एस्टेट और ओटीसी उत्पाद. इन शीर्ष श्रेणियों में अप्रैल और जून में विज्ञापन की मात्रा 21 प्रतिशत थी जो जुलाई- सितंबर में बढ़कर 33 प्रतिशत हो गई.
इस रिपोर्ट में दैनिक भास्कर समूह और बीसीसीएल समूह के अधिकारियों से बातचीत में बताया गया है कि कैसे त्यौहारी सीजन आते ही प्रिंट में विज्ञापन की संख्या भी बढ़ गई है, जिससे अब अखबार रिकवरी कर रहे हैं.
डीबी ग्रुप के सुधीर अग्रवाल कहते हैं, “हमारे इस क्वाटर के आंकड़े दिखा रहे हैं कि कैसे हालात में सुधार हुआ है. नवरात्रि के कारण भी विज्ञापन में बढ़ोतरी हुई साथ ही अब हम कोविड-19 से पहले जैसे हालात थे उस तरफ बढ़ रहे है.”
वहीं बीसीसीएल के मैल्कौल्म राफेल कहते हैं, “रियल एस्टेट क्षेत्र में घरों की बढ़ी बिक्री दिखाती है कि प्रिंट मीडिया के कारण बिल्डर पैसा कमा रहे हैं. प्रिट मीडिया के विज्ञापनों से दो हफ्तों में 200 से ज्यादा फ्लैट बिके हैं. रियल एस्टेट से इतर बात करें एजुकेशन सेक्टर की तो वहां विज्ञापन में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही जेईई, नीट के परिणामों के बाद अब कोचिंग सेंटरों के विज्ञापन बढ़ गए हैं.”
रिपोर्ट में मारूति सुजकी के मार्केटिंग और सेल्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव कहते हैं, हम कार लॉन्चिग के लिए टीवी मीडिया पर विज्ञापन देते थे, लेकिन कोई भी कार इस दौरान लॉन्च नहीं हुई, जिसके कारण प्रिंट मीडिया में विज्ञापन जारी रहा. वह कहते हैं पिछले साल हमने 41 प्रतिशत विज्ञापन प्रिंट मीडिया पर खर्च किया था जो इस साल भी यही रहने की उम्मीद है.
हायर अप्लायंस के इंडिया प्रमुख एरिक ब्रगैंन्जा कहते हैं, “ विज्ञापन हमारे उद्देश्यों के बारे में होता है और हमारे लिए प्रिंट मीडिया हमारे उद्देश्य को पूरा करता है इसलिए हम त्यौहारी सीजन में प्रिंट मीडिया के माध्यम से अपने अभियान को चला रहे हैं.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि जो प्रिंट मीडिया लॉकडाउन के समय विज्ञापन पर ऑफर दे रहे थे, अब उन्होंने अगस्त महीने से वह भी खत्म कर दिया है.