प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की यह सलाह बिहार विधानसभा चुनावों के अलावा विभिन्न राज्यों में होने वाले उपचुनावों के मद्देनजर जारी की गई है.
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को किसी भी तरह का चुनावी पोल प्रकाशित नहीं करने की सलाह दी है.
मंगलवार को जारी एक एडवाइजरी में काउंसिल ने कहा कि चुनाव आयोग से प्राप्त हुई सूचनाओं पर विचार करते हुए हम प्रिंट मीडिया को सलाह देते हैं कि वह ऐसे लेख प्रकाशित करने से परहेज करे जो किसी भी तरह से वोटिंग की अवधि के दौरान चुनाव के परिणामों की भविष्यवाणी करते हैं.
काउंसिल ने इस दौरान बिहार के लिए तो समय अवधि का भी उल्लेख करते हुए कहा है कि मीडिया को मतदान शुरू होने वाले दिन 28 अक्टूबर की सुबह से मतदान के अंतिम दिन 7 नवंबर को शाम 6.30 बजे तक किसी भी प्रारूप में चुनावी पोल प्रकाशित नहीं करने चाहिए.
यह एडवाइजरी बिहार विधानसभा चुनावों के अलावा विभिन्न राज्यों में होने वाले उपचुनावों, जिनमें मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर चुनाव होना है के लिए भी है.
इस बारे में काउंसिल का मानना है कि ज्योतिषियों, राजनीतिक विश्लेषकों या किसी भी व्यक्ति द्वारा चुनावी अवधि के दौरान किसी भी रूप या तरीके से चुनाव के परिणामों की भविष्यवाणी करना धारा 126 ए का उल्लंघन है.
गौरतलब है कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एक संविधिक स्वायत्तशासी संगठन है. जो प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने व उसे बनाए रखने के साथ ही जनअभिरूचि का उच्च मानक सुनिश्चित करने और नागरिकों के अधिकारों व दायित्वों के प्रति उचित भावना उत्पन्न करने का दायित्व निभाने का काम करता है.