कोर्ट ने कहा, पत्रकारों के खिलाफ अपर्याप्त सबूत है.
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बिजनौर कोर्ट में पांच पत्रकारों के खिलाफ दायर चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लेने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा, पांचों पत्रकारों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी वकील नीरज कुमार ने कहा, "अदालत ने पत्रकारों के खिलाफ अपर्याप्त सबूत के कारण आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया". साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पुलिस अधीक्षक, बिजनौर को "मामले में की गई गलत जांच" के बारे में लिखित रूप से सूचित किया जाए.
पुलिस ने पत्रकार आशीष तोमर, शकील अहमद, मोइन, आमिर और लखन के खिलाफ यह आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज की थी, कि एक गांव में वाल्मीकि परिवार को दबंगों ने पानी भरने से रोका तथा महिला लोकेश देवी के मकान पर उक्त पत्रकारों ने मकान पर बिकाऊ शब्द लिखवा दिया. कोर्ट ने फैलसा देते हुए कहा कि, पत्रकारों द्वारा समाचार प्रकाशित किया जाना स्वयं में अपराध नहीं है.