लेखिका डॉ. कोटा नीलिमा ने सुप्रीम कोर्ट में पत्रकार अर्णब गोस्वामी और नविका कुमार के खिलाफ समाचार कवरेज और टीवी डिबेट्स के माध्यम से नफरत फैलाना का आरोप लगाया है.
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को दायर एक आवेदन में कहा गया है कि टेलीविज़न की डिबेट और नफरत फैलाने वाले भाषण पर किए एक स्वतंत्र अध्ययन से पता चला है कि पत्रकार अर्णब गोस्वामी और नविका कुमार "मीडिया ट्रायल" और नफरत फैलाने वाली खबरें प्रसारित कर रहे हैं. साथ ही मामले को कवर करते समय इन टीवी एंकरों पर एक नियोजित कार्य प्रणाली का आरोप भी है.
प्रसिद्ध लेखिका और शोधकर्ता डॉ. कोटा नीलिमा ने अधिवक्ता सुनील फर्नांडीस के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया है. आवेदन में पत्रकार अर्णब गोस्वामी और नविका कुमार द्वारा किए गए समाचार कवरेज और बहस की सामग्री का मूल्यांकन कर टीवी डिबेट्स के माध्यम से इन दोनों विवादास्पद एंकरों द्वारा एक ही विषय पर डिबेट करने और नफरत फैलाने के बारे में बताया है.
रिपोर्ट में अर्णब गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी पर किए गए 32 सप्ताह की समाचार सामग्री, 55 घंटे के प्रोग्राम, और 76 डिबेटों का विश्लेषण किया है जबकि टाइम्स नाउ की नविका कुमार के 24 दिनों की न्यूज सामग्री, 20 घंटे के प्रोग्राम और 32 डिबेट पर विस्तृत विश्लेषण शामिल है.
आवेदन के अनुसार, अध्ययन से पता चलता है कि 31 जुलाई, 2020 से 15 सितंबर, 2020 तक अर्नब द्वारा की गई कुल डिबेट का 65% और 16 जून, 2020 से 6 अक्टूबर, 2020 तक नविका कुमार द्वारा की गईं कुल डिबेटों का 69% सिर्फ बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु पर था.
आवेदन के मुताबिक इन एंकरों ने न सिर्फ बड़ा और अतिरिक्त समय सिर्फ एक ही विषय के लिए समर्पित किया बल्कि इस दौरान इनकी 'न्यूज कवरेज' और 'टीवी डिबेट' का तरीका और भाषा भी अत्यधिक जहरीली और ध्रुवीकरण की थी, जिनमें चरित्र हरण, अश्लील मजाक और वाहियात आरोप शामिल थे. मालूम हो कि डॉ. कोटा नीलिमा ने सुप्रीम कोर्ट में सुदर्शन टीवी के शो के प्रसारण के खिलाफ चल रहे मामले में भी हस्तक्षेप किया था.