दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
योगीजी का रामराज्य ठकुराने में तब्दील हो गया है. हर दिन महिलाओं के साथ अत्याचार और दुराचार की नई-नई इबारतें लिखी जा रही हैं. हाथरस में 20 साल की दलित लड़की से चार लड़कों ने सामूहिक बलात्कार किया, फिर उसके शरीर को इस कदर यातनाएं दी कि पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस ने इस मामले में हद दर्जे की संवेदनहीनता दिखाते हुए पहले तो सही मामला दर्ज नहीं किया, बाद में उसे सही इलाज मिलने में इतना वक्त बर्बाद कर दिया कि पीड़िता की मौत हो गई.
इस घटना का सबसे परेशान करने वाला पहलू है उत्तर प्रदेश की राजनीति और पुलिस प्रशासन के बीच जातीय जुगलबंदी. इसी पहलू को ध्यान में रखते हुए हमने इस बार की टिप्पणी की है. उत्तर प्रदेश में आए दिन घट रही इन तमाम घटनाओं के पीछे जाति की अहम भूमिका है.
21-22 सितंबर की दरम्यानी रात जब हाथरस की पीड़िता की लाश उसके गांव पहुंची तब आधी रात को उसके परिवार वालों को घर में कैदकर, खेत में, अकेले में पुलिस ने उसकी लाश फूंक दिया. परिवार वाले अपनी बेटी को आखिरी बार देख भी नहीं सके.
लेकिन खबरिया चैनलों के एंकर-एंकराओं की चमड़ी बहुत मोटी है. इस मौके पर भी सबने सुशांत, चीन जैसे मुद्दों की आड़ ली और हाथरस पर बात करने से बचते रहे.
इस बार टिप्पणी में हम आपके लिए लेकर आए हैं बेहद खास सुपर डुपर मेगा एक्सक्लूसिव इंटरव्यू, सुधीर चौधरीजी का. जी हां इस हफ्ते के ‘फ़ेकम फ़ेक’ इंटरव्यू में हमने बात की ज़ी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी से. तो देखिए टिप्पणी और अपनी राय हमें दीजिए.
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