बिहार के गोपालगंज में पत्रकार को दिनदहाड़े मारी गोली

तीन आरोपियों में से पुलिस ने दो को गिरफ्तार कर लिया है, तीसरे की खोज जारी है.

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बिहार में अपराधियों के हौंसलें बुलंद हैं. चुनाव आचार संहिता लगने के बाद भी कानून व्यवस्था चरमराई हुई है, जिसका एक उदाहरण मंगलवार सुबह को देखने मिला. गोपालगंज के स्थानीय अखबार में काम करने वाले युवा पत्रकार राजन पांडेय को मांझागढ़ पुरानी बाजार में बुलेट सवार तीन अपराधियों ने सरेआम गोली मार दी. गोली लगने के बाद मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से अब उन्हें इलाज के लिए गोरखपुर रेफर कर दिया गया है.

प्रभात खबर में काम करने वाले स्थानीय पत्रकार संजय कुमार न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कहते हैं, “अभी तो पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही है, लेकिन शुरुआती तौर पर यह मामला दो तरीके का लग रहा है, पहला तो जमीन विवाद और दूसरा पंचायत चुनाव. क्योंकि अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर राजन तैयारी कर रहे थे और तीनों आरोपियों में शामिल एक आरोपी भी पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. हांलाकि पुलिस ने मामले में राजन द्वारा बताए तीन आरोपियों में से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है वहीं तीसरे की खोज जारी है.”

कानून व्यवस्था के सवाल पर संजय कहते हैं, “इस घटना ने कानून व्यवस्था पर तो सवाल खड़ा कर ही दिया है. रही बात पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर तो, वह हम लोग पुलिस अधिकारियों से मिलकर उठाएंगे. राजन हिंदुस्तान अखबार के लिए काम किया करते थे, लेकिन अभी भी हमारे जिले के पत्रकार संघ के अध्यक्ष ने इस मामले पर कुछ नहीं कहा है, पता नहीं शायद पत्रकार के मरने के बाद अपना बयान जारी करेंगे या पुलिस अधिकारियों से मिलेंगे.”

बिहार के पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने राजन पांडेय का एक वीडियों ट्वीटर पर शेयर किया है. यह वीडियो राजन को अस्पताल ले जाते समय रिकार्ड किया गया है, जिसमें वह आरोपियों का नाम ले रहे हैं और बता रहें हैं कि वह जब सुबह अपने कोचिंग के लिए जा रहे थे, तब आरोपियों ने उन्हें गोली मार दी.

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न्यूज़ 18 इंडिया की खबर के मुताबिक, राजन समाजिक कार्यों में भी बढ-चढ़ कर भाग लेते रहे हैं और कोरोना काल और गोपालगंज में आई बाढ़ के समय भी राजन ने जरूरतमंदों के बीच में राहत सामग्री पहुंचाई थी.

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