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एनएल चर्चा के 115वें एपिसोड में विशाखापट्ट्नम में जहरीली गैस के रिसाव से हुई मौत, पुलित्जर अवार्ड पर हुआ विवाद, मजदूरों के लिए चलाई गई ट्रेनों में टिकट वसूला गया, और लॉकडाउन में खुली शराब की दुकान जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई.
इस बार चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार निवेदिता खांडेकर, शार्दूल कात्यायन और न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाथ एस शामिल हुए. चर्चा का संलाचन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
अतुल ने चर्चा की शुरूआत करते हुए विशाखापट्ट्नम की घटना पर कहा कि इस तरह की औद्योगिक घटना की एक स्मृति जो हमारे जेहान में हैं वह हैं भोपाल गैस त्रासदी, आज अचानक से हमारे सामने सुबह उसी तरह की घटना हुई है. निवेदिता से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना को हम कैसे देखे, क्योंकि अभी इस घटना की शुरुआती जानकारी ही हमारे सामने आई है, इसलिए अभी यह कह पाना काफी मुश्किल है कि इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है?
निवेदिता जवाब में कहती हैं, “जिम्मेदारी तो अभी हम फिक्स नहीं कर सकते क्योंकि ऐसे मामलों में सरकार और प्राइवेट कंपनी दोनों ही बचने की कोशिश करते है. एनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट नाम की एक रिपोर्ट जो हर कंपनी को बनाना पड़ता हैं, इस रिपोर्ट के बाद ही पर्यावरण मिनिस्ट्री किसी भी बिजनेस को खोलने के लिए मंजूरी देता है. हम अक्सर देखते हैं कि इस तरह की रिपोर्ट फर्जी तरीके से बनाए जाते हैं, जिससे की उन्हें मंजूरी मिल जाए. देश के कई पर्यावरणविद समय-समय पर सरकार को इस तरह की घटनाओं को लेकर आगाह करते रहते हैं. सरकार को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कानून में बदलाव करने की जरूरत है.”
अतुल ने मेघनाथ और शार्दूल को चर्चा में शामिल करते हुए पूछा कि भोपाल की गैस त्रासदी में हमने एक चीज देखा था कि त्रासदी होने के बाद घटना के जिम्मेदार लोगों को किस तरह से बचाया गया और साथ ही मामले की जांच किस तरह की गई, यह हम सब को पता है. विशाखापट्टनम कि घटना ज्यादा चिंताजनक इसलिए हैं क्योंकि देश में कोविड-19 के वजह से लॉकडाउन की स्थिति है और गैस रिसाव की घटना ने इस हालात को ज्यादा खतरनाक बना दिया है.
इस का जवाब देते हुए मेघनाथ कहते है, “जो बात निवेदिताजी ने भी कहीं की बिजनेसमैन को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार नियमों को ताक पर रख देती है. इस एक उदाहरण हैं मध्य प्रदेश जहां शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने कहा हैं कि जो भी कंपनी अगले 1000 दिनों में प्रदेश में निवेश करेगी उस पर कोई भी सेफ्टी नियम लागू नहीं होगें. एक तरफ आप देख रहे है कि आंध्र प्रदेश की घटना हमारे सामने हैं और उससे भी बड़ी घटना जो भोपाल में घटी थी, इन सब के बावजूद भी सरकारें कानून बनाकर छूट दे रही हैं. इससे यह साफ दिख रहा है कि सरकारों के ऊपर तनाव बहुत ज्यादा है.”
इस मुद्दे पर शार्दूल कहते है, “विशाखापट्टनम की घटना पर प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दे दिए है तो वही एलजी कंपनी ने कहा है कि गैस रिसाव को रोक लिया गया है. इस बीच सरकार ने 10 लाख रूपए घायलों को देने की घोषणा की है, साथ ही 1 करोड़ रूपए मृतको के परिजनों को भी दिए जाएंगे. हालांकि यह गैस इतनी खतरनाक नहीं हैं. यह गैस सेंट्रल नर्व सिस्टम पर अटैक करती है, जो ज्यादा एक्सपोजर मिलने पर असर करती है.”
इसके अलावा भी बाकी विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई. पूरी चर्चा सुनने के लिए यह पॉडकास्ट सुने. न्यूजलॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
पत्रकारों की राय, क्या देखा पढ़ा और सुना जाए.
निवेदिता खांडेकर
शार्दूल कात्यायन
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