किसान फसल बर्बाद होने से परेशान हैं और सरकारी अधिकारी नहीं चाहते कि वे अपनी परेशानी भी किसी से साझा कर सकें.
राजस्थान के किसान आजकल टिड्डियों के हमले से तबाह हैं. एक तरफ मेहनत और लागत से लगायी गई फसल बर्बाद हो रही है तो दूसरी तरफ वे किसी से अपनी परेशानी भी नहीं बता पा रहे हैं क्योंकि उन्हें कृषि अधिकारियों का डर दिखाया जा रहा है. इसी तरह का एक मामला शनिवार को सामने आया जब टिड्डी के हमले से हुए नुकसान पर बीकानेर जिले के खाजुवाला ब्लॉक के एक गांव में ग्राउंड रिपोर्ट करने गए इस पत्रकार से बात करने पर अवतार सिंह नाम के एक किसान पर कृषि अधिकारी ने मुकदमा दर्ज करा दिया.
मामला खाजुवाला के गांव चक 24 बीडी का है जहां 25 जनवरी को तबाह किसानों से बातचीत करने के दौरान गांव में कृषि विभाग के कुछ अधिकारी भी मौजूद थे जो इस संवाददाता को देखकर दरयाफ्त करने लगे और परोक्ष रूप से खबर न करने का दबाव बनाने लगे.
अपनी बातचीत के दौरान अधिकारी कहने लगे कि यहां कुछ नहीं हुआ है, आप क्यों समय खराब कर रहे हैं. अधिकारी ने कहा, “हमने यहां समय पर ऐक्शन लेकर और दवाई वगैरह छिड़कवाकर सब ठीक कर दिया है.”
क्या कुछ ठीक किया गया है, यह पड़ताल करने के लिए जब वहां के किसानों के खेतों का दौरा किया गया तो स्थिति वास्तव में नाजुक दिखायी दी. अवतार सिंह नाम के एक किसान के खेतों में खड़ी सरसों, तारामीरा, चने और गेहूं की फसल बिल्कुल नष्ट हो गई है. अवतार सिंह ने अपने सरसों और चने के खेत में ही खड़े होकर अपन आपबीती सुनाई. वहां खड़े कुछ और किसानों ने भी अपनी खेती की बर्बादी की कहानियां सुनाई.
खाजुवाला से बीकानेर की ओर वापसी के रास्ते में फोन से सूचना मिली कि अवतार सिंह के खिलाफ़ दिनेश नाम के एक कृषि अधिकारी ने राजकीय काम में बाधा डालने और गाली-गलौज करने की शिकायत थाने में दे दी है.
इसका पता चलने के बाद फोन पर थाने में इस शिकायत के बारे में जब पूछा गया तो पहले पुलिस अधिकारी ने पूछने वाले का नाम पता जानने की कोशिश की, फिर काफी देर तक इस मामले से अनभिज्ञता जताते रहे. अंत में अधिकारी ने यह स्वीकारा कि अवतार सिंह के खिलाफ एक कृषि अधिकारी ने शिकायत दर्ज करवाई है हालांकि मामले का जांच अधिकारी वे नहीं हैं, इसलिए विवरण नहीं दे सकते.
थाने से शिकायत की पुष्टि होने के बाद बीकानेर जाने के बजाय यह संवाददाता वापस अवतार सिंह के पास चला गया. गांव पहुंचते-पहुंचते रात के आठ बज चुके थे. अंधेरे में अवतार सिंह के आंगन में 60-70 किसान जमा थे. अवतार सिंह से विस्तार से इस बारे में बात की गयी.
उन्होंने शिकायत के बारे में अवगत करवाया. इसके अलावा वहां बैठे कई किसानों ने कृषि अधिकारियों की रिश्वतखोरी और टिड्डी के हमले से हुए नुकसान को दबाने की कई बातें भी बतायीं.
पश्चिमी राजस्थान में इस बार बड़े पैमाने पर टिड्डियों के हमले से फसल बर्बाद होने की खबर है. राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर और सिरोही सबसे ज्यादा प्रभावित जिले हैं जहां तीन लाख हेक्टेयर ज़मीन पर टिड्डियों का हमला हुआ है और करीब 4000 हेक्टेयर फसली ज़मीन को नुकसान हुआ है. यह हमला बीती मई में शुरू हुआ था. अकेले श्रीगंगानगर जिले की एक लाख हेक्टेयर ज़मीन टिड्डियों के हमले से प्रभावित है जबकि कुल असर राजस्थान के नौ जिलों में है. इस बारे में खबरें लगातार छप रही हैं लेकिन कृषि अधिकारी द्वारा किसान पर मुकदमा किए जाने का यह पहला मामला है.
खाजुवाला के किसानों को सहज विश्वास नहीं हो रहा था कि उनके साथ हुए इस अत्याचार की खबर छप सकती है. वहां से निकलते वक्त डरे हुए अवतार सिंह ने कहा, “ आप इन अधिकारियों से कहीं डर तो नहीं जाओगे? ये लोग हमारे साथ क्या कर रहे हैं वो तो आप देख ही रहे हैं. आप इनके डर से हमारी खबर को मत दबा देना. आपसे बड़ी उम्मीद है. आप बस पीछे मत हटना.”
देश भर में नागरिकता के सवाल पर चल रहे आंदोलनों के बीच फसलों की बर्बादी की खबर दब गयी है. शुक्रवार को नोखा के विधायक बिहारी लाल राज्य सरकार का इस ओर ध्यान खींचने के लिए राजस्थान असेंबली में एक टोकरी में टिड्डियां भर कर घुस आए थे.
सरकार लगातार दावा कर रही है कि टिड्डियों से बचाव के लिए काम जारी है लेकिन जमीन पर ऐसा कुछ नज़र नहीं आ रहा. किसानों ने खुद भी काफी मेहनत की है ताकि टिड्डियों से फसल को बचा सकें.
किसान फसल बर्बाद होने से परेशान हैं और सरकारी अधिकारी नहीं चाहते कि वे अपनी परेशानी भी किसी से साझा कर सकें.
साभार- मीडिया विजिल