अनुच्छेद 370- एक दुःस्वप्न भरी जुड़वा प्रेम कथा

बिहार के दो युवकों की कश्मीरी लड़कियों से शादी का मामला बढ़ता जा रहा है.

Article image

इस साल अगस्त महीने के पहले सप्ताह में जब भारत की संसद ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य का विभाजन करते हुए उसकी स्वायत्तता से संबंधित अनुच्छेद 370 में संशोधन किया था, उस वक्त सोशल मीडिया पर एक संवेदनहीन चुटकुला काफी वायरल हुआ था. उस चुटकुले का मर्म था कि अनुच्छेद 370 में संशोधन के बाद अब कश्मीर से कोई भी खूबसूरत दुल्हन ला सकेगा.

यह चुटकुला फिर राजनीतिक नारे में बदल गया और कुछ राजनेताओं ने इससे संबंधित घोषणाएं भी कीं, और तो और हाल के दिनों में लोकगीतों का एक अलबम भी जारी हुआ है, जिसमें देवी मां से कश्मीरी दुल्हन की मांग की है. मगर जब हकीकत में दो बिहारी युवक कश्मीरी दुल्हन लेकर बिहार आये तो वह ब्याह उनके और उनके परिवार वालों के लिए दुःस्वप्न साबित हो रहा है.

imageby :

यह कहानी बिहार के सुपौल जिले के एक छोटे से गांव राम बिशनपुर की है. उस गांव के मोहम्मद इदरिश के पुत्रों के साथ यह घटना घटी है, जो जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के बनिहाल में राजमिस्त्री का काम करते थे और दो स्थानीय मुस्लिम युवतियों को इन बिहारी युवतियों से प्रेम हो गया था.

अनुच्छेद 370 में संशोधन के बाद जब जम्मू-कश्मीर राज्य में कर्फ्यू लगा दिया गया और संचार सेवाओं को ठप कर दिया गया तो ये युवक वहां से चंडीगढ़ आ गये. उनके आने के बाद इन युवतियों ने अपने प्रेमियों को संदेश भेजा कि अगर वे यहां आकर उन्हें नहीं ले जाते तो वे जान दे देंगी. इस पर एक भाई वहां गया और दोनों युवतियां उसके साथ आ गयीं. बिहार में दोनों की शादी भी हुई, मगर तभी जम्मू-कश्मीर की पुलिस यहां आकर दोनों युगलों को अपने साथ लेकर चली गयी.

imageby :

हम युवकों के परिवार से मिलने के लिए राम बिशनपुर गांव भी गये. गांव में जब मो. इदरिश के घर पहुंचे तो हम यह देख कर दंग रह गये कि वह एक अत्यंत निर्धन परिवार है और मो. इदरिश अपनी पत्नी के साथ एक फूस के जर्जर झोपड़े में रहते हैं.

मो. इदरिश ने बताया, ‘‘उनके तीन बेटे मोहसिन, परवेज और तवरेज पिछले तीन सालों से जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के बनिहाल में रहकर राज मिस्त्री का काम करते थे. इस इलाके के मुस्लिम समाज के युवकों ने हाल के दिनों में रोजी-रोजगार के लिए कश्मीर जाना शुरू कर दिया था, ऐसे ही लोगों के साथ उनके बेटे भी गये थे. उनका काम ठीक-ठाक जम गया था कि तभी 370 को हटाने का हंगामा होने लगा. ऐसे में उन्होंने खुद ही अपने बेटों से कहा कि या तो घर आ जायें या किसी और राज्य चले जायें. उनके बेटे रामबन से निकल कर चंडीगढ़ आ गये और वहां रोजगार करने लगे. बड़ा बेटा मोहसिन उन लोगों से मिलने गांव आ गया.’’

मो. इदरिश ने संभवतः सामाजिक कारणों से अपने बेटों के कश्मीरी युवतियों से प्रेम का जिक्र नहीं किया.

उन्होंने कहा, ‘‘बेटों के चंडीगढ़ आने के बाद रामबन की इन दो युवतियों साइमा और नाडिया ने उनके बेटों से फोन करके कहा कि वे उन्हें यहां से अपने साथ ले जाये, नहीं तो वे लोग जान दे देंगी. साइमा और नाडिया भी सगी बहनें हैं. इस संदेश के आने के बाद परवेज रामबन गया और साइमा और नाडिया को अपने साथ लेकर बिहार आ गया.’’

यहां मधुबनी जिले की अदालत में 22 अगस्त को दोनों जोड़ों ने शादी की और वहीं एक लोकल काजी से निकाहनामा भी बनवा लिया. इन दोनों से संबंधित दस्तावेज भी मो. इदरिश के पास है. फिर सभी लोग राम बिशनपुर आ गये.

अभी उनके आने के दो दिन भी नहीं बीते थे कि स्थानीय राघोपुर थाने की पुलिस उनके घर आ पहुंची और दोनों युवतियों और उनके बेटों को उठा कर अपने साथ ले गयी. उन लोगों ने कहा कि उनके दोनों बेटों के खिलाफ इन दोनों कश्मीरी युवतियों का अपरहरण करने की शिकायत है. शिकायत दोनों युवतियों के भाई ने बनिहाल पुलिस स्टेशन में की है. हालांकि दोनों युवतियों ने पुलिस के सामने भी और बाद में सुपौल में मैजिस्ट्रेट के सामने भी बयान दिया कि उनका किसी ने अपहरण नहीं किया है, वे बालिग हैं और अपनी मर्जी से यहां आयी हैं और इन दोनों भाइयों से शादी की है. मगर पुलिस और अधिकारी नहीं माने. कहने लगे कि उन्हें अपना बयान जम्मू-कश्मीर की अदालत में ही देना पड़ेगा.

imageby :

अपनी पत्नी के साथ  मो. इदरिश

24 अगस्त को हिरासत में लिये गये ये जोड़े सुपौल में रखे गये. फिर जम्मू-कश्मीर की पुलिस दोनों युवतियों के भाई के साथ पहुंची और 28 अगस्त को उन्हें जम्मू-कश्मीर ले जाया गया. उसके बाद से क्या हुआ इसकी जानकारी मो. इदरिश को नहीं है.

मो. इदरिश ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की पुलिस उनके तीसरे बेटे तवरेज को भी अपने साथ लेकर गयी है. जबकि इस पूरे मामले से उसका कोई लेना-देना नहीं है. दोनों माता-पिता अपने बच्चों को लेकर आशंकित हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आगे की कार्रवाई क्या करें. इन तीन बेटों की कमाई से ही उनका जीवन चलता था, अब तीनों पुलिस हिरासत में हैं.

इस बारे में जब हमने सुपौल के राघोपुर पुलिस थाने में बात की तो बताया गया कि उनलोगों को जम्मू-कश्मीर पुलिस अपने साथ लेकर गयी है. अब जो करना है, उन्हें ही करना है. वहां क्या हो रहा है, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.

सुपौल जिले के एसपी मृत्युन्जय कुमार चौधरी ने कहा, ‘‘हमने अभियुक्तयों को को जम्मू कश्मीर पुलिस को सौंप दिया है. उन्हें वहां की पुलिस अपने साथ ले गई है. अब उनके साथ जो करना है, वही करेंगे.’’

वहीं जब जम्मू-कश्मीर के बनिहाल थाने में जहां दोनों बहनों के भाई ने मामला दर्ज कराया था. रामबन की एसपी अनिता शर्मा ने इस मामले को लेकर कहती हैं,’’ फिलहाल लड़के पुलिस कस्टडी में है. लड़कियों को फैमिली के पास भेज दिया गया है. हम जल्द उनका मेडिकल कराने की कोशिश में हैं, उसका बाद उनका स्टेटमेंट लिया जायेगा. तभी आगे क्या होगा बता पायेंगे.

इस तरह इन दोनों जोड़ों के प्रेम के लिए अनुच्छेद 370 में संशोधन की कहानी एक दुःस्वप्न साबित हो रही है. असल का प्रेम चुटकुलों जितना आसान साबित नहीं हो रहा.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like