चुनाव आयोग और पीआईबी की दुविधा : कितने मतदाताओं के बीच नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री चुने गये

चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और पीआईबी भारत सरकार का एक मात्र मीडिया संगठन है. लेकिन इन दोनों ही संस्थाओं ने 2019 के चुनावी संबंधी सूचनाओं का दस्तावेज़ केवल अंग्रेजी में ही तैयार किया है.

WrittenBy:अनिल चमड़िया
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भारत के निर्वाचन आयोग ने 2019 के चुनाव के मद्देनजर एक मीडिया हैंड बुक छापा है और वह उसकी वेबसाइट पर भी उपलब्ध है. यह एक मात्र दस्तावेज़ है, जिसके आधार पर आम लोगों तक उनकी भाषा में आंकड़ों और सूचनाओं को पहुंचाया जा सकता है. लेकिन इस हैंड बुक में इस तथ्य को लेकर स्पष्टत: नहीं है कि 2014 के आम चुनावों के लिए कुल मतदाताओं की संख्या कितनी थी.

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चुनाव आयोग के मीडिया हैंड बुक की पृष्ठ संख्या तीन में बताया गया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त मतदाताओं की कुल संख्या 834 मिलियन यानी लगभग 83 करोड़ 40 लाख थी.

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आयोग द्वारा प्रकाशित मीडिया हैंड बुक की पृष्ठ संख्या 64 में भी देश में मतदाताओं की संख्या कुल 83.40 करोड़ होने के तथ्य को दोहराया गया है

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लेकिन चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित मीडिया हैंड बुक की पृष्ठ संख्या 82 में 2014 में मतदाताओं की कुल संख्या 814.5 मिलियन बतायी गयी है. 81 करोड़ से ज्यादा बतायी गयी है.

इस संबंध में जब आयोग के महानिदेशक धीरेन्द्र ओझा का ध्यान इस तरफ खींचा गया तो उन्होंने बताया कि मीडिया हैंड बुक के पृष्ठ में 2014 के चुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या के तथ्य के साथ प्री-समरी  लिखना छूट गया है.

आयोग के मीडिया हैंड बुक में महानिदेशक धीरेन्द्र ओझा का संदेश भी प्रकाशित किया गया है. लेकिन पृष्ठ संख्या 82 में 2014 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की जो संख्या बतायी गयी है ,उसके आधार पर मतदाताओं  की संख्या में बढ़ोतरी का विश्लेषण भी प्रस्तुत किया गया है. विश्लेषण के अनुसार 2014 की तुलना में 2019 में 84 मिलियन मतदाताओं की संख्या बढ़ी है और इसमें 18-19 वर्ष के मतदाताओं की संख्या 15 मिलियन है जो कि कुल मतदाताओं की संख्या का 1.66 प्रतिशत है.

2014 में मतदाताओं की कुल संख्या के आधार पर किया गया यह विश्लेषण भी स्वाभाविक रुप से संदिग्ध हो जाता है.

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मीडिया के जरिये आम लोगों तक चुनाव संबंधी जानकारी पहुंचाने के लिए भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय ( पीआईबी) ने भी जनरल एलेक्शन 2019 शीर्षक से 365 पृष्ठों का भारी भरकम और बेहद महंगा एक दस्तावेज़ प्रकाशित किया है. इस दस्तावेज की पृष्ठ संख्या 5 में चुनाव आयोग के मीडिया हैंड बुक की पृष्ठ संख्या 82 में कुल मतदाताओं की संख्या 814.5 मिलियन को हूबहू रखा गया है

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जबकि पृष्ठ संख्या 127 पर 2014 में कुल मतदाताओं की संख्या 834082814 बतायी गयी है. इसी पृष्ठ पर 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को देश की कुल आबादी 1 अरब पैतीस करोड़ में केवल सतरह करोड़ मतदाताओं का समर्थन हासिल कर प्रचंड बहुमत हासिल होने की सूचना भी उपलब्ध है.

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चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और पीआईबी भारत सरकार का एक मात्र मीडिया संगठन है. लेकिन इन दोनों ही संस्थाओं ने 2019 के चुनावी संबंधी सूचनाओं का दस्तावेज़ केवल अंग्रेजी में ही तैयार किया है. जबकि तीसरे चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है. सरकारी संस्थाओं में बुनियादी तौर पर अंग्रेजी में काम करने की संस्कृति विकसित हुई है और अंग्रेजी के दस्तावेजों का ही हिन्दी में अनुवाद संस्करण प्रकाशित करने की औपचारिकता पूरी की जाती है. अनुवाद पर लाखों रुपये का बजट खर्च किया जाता है.

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