व्यंग्य: हनुमानजी का तस्करी प्रसंग

हनुमानजी की जाति-धर्म की बहस में व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के क्षेपकों का दूसरा भाग जिसमें बजरंगबली को बतौर तस्कर हरिशंकर परसाई ने उल्लिखित किया.

WrittenBy:हरिशंकर परसाई
Date:
Article image

लक्ष्मण मेघनाद की शक्ति से घायल पड़े थे. हनुमान उनकी प्राण-रक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश से ‘संजीवनी’ नाम की दवा लेकर लौटे थे कि अयोध्या के नाके पर पकड़ लिए गए. पकड़ने वाले नाकेदार को पीटकर हनुमान ने लिटा दिया. राजधानी में हल्ला हो गया कि बड़ा बलशाली ‘स्मगलर’ आया हुआ है. पूरी फोर्स भी उसका मुक़ाबला नहीं कर पा रही.

आखिर भरत और शत्रुघ्न आए. अपने आराध्य रामचन्द्र के भाइयों को देखकर हनुमान दब गए. शत्रुघ्न ने कहा- इन स्मगलरों के मारे हमारी नाक में दम है, भैया. आप तो सन्यास लेकर बैठे गए हैं. मुझे भुगतना पड़ता है.

भरत ने हनुमान से पूछा- कहां से आ रहे हो?

हनुमान- हिमाचल प्रदेश से.

-क्या है तुम्हारे पास? सोने के बिस्किट, गांजा, अफीम?

-दवा है.

शत्रुघ्न ने कहा- अच्छा, दवाइयों कि स्मगलिंग चल रही है. निकालो, कहां है?

हनुमान ने संजीवनी निकाल कर रख दी. कहा- मुझे आपके बड़े भाई रामचंद्र ने इस दवा को लेने के लिए भेजा था.

शत्रुघ्न ने भरत की तरफ देखा. बोले- बड़े भैया यह क्या करने लगे हैं? स्मगलिंग मे लग गए हैं. पैसे की तंगी थी तो हमसे मांग लेते. स्मगलिंग के धंधे मे क्यों फंसते हैं? बड़ी बदनामी होती है.

भरत ने हनुमान से पूछा- यह दवा कहां बेचोगे?

हनुमान ने कहा- लंका ले जा रहा था.

भरत ने कहा अच्छा, उधर उत्तर भारत से स्मगल किया हुआ माल बिकता है. कौन खरीदता है? रावण के लोग?

हनुमान ने कहा- यह दवा तो मैं राम के लिए ले जा रहा था. बात यह है की आपके बड़े भाई लक्ष्मण घायल पड़े हैं. मरणसन्न हैं. इस दवा के बिना वे बच नहीं सकते.

भरत और शत्रुघ्न ने एक दूसरे की तरफ देखा. तब तक रजिस्टर में स्मगलिंग का मामला दर्ज हो चुका था.

शत्रुघ्न ने कहा- भरत भैया, आप ज्ञानी है. इस मामले में नीति क्या कहती है? शासन का क्या कर्तव्य है?

भरत ने कहा- स्मगलिंग यों तो अनैतिक है, पर मामला अपने भाई-भतीजों का है. अगर फायदा होता हो, तो यह काम नैतिक हो जाता है. जाओ हनुमान, ले जाओ दवा.

भरत ने मुंशी से कहा रजिस्टर का पन्ना फाड़ दो.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like