श्री श्री रविशंकर का यह कहना कि अगर अयोध्या विवाद का फैसला हिंदुओं के हित में नहीं आया तो देश में गृहयुद्ध फैल सकता है, असल में अदालत की अवमानना और केस को प्रभावित करने की कोशिश है. श्री श्री अतीत में भी अयोध्या विवाद में मध्यस्थ बनने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन इस बार जो उन्होंने बयान दिया है, उसने एक साथ कई सीमाएं तोड़ दी हैं. इसी पर आधारित है इस बार की टिप्पणी.