परेश रावल की गलती से पार्टी की सोशल मीडिया रणनीति हुई बेनकाब

कांग्रेस को घेरने वाली भाजपा की सोशल मीडिया रणनीति को परेश रावल ने गलती से ट्वीट कर दिया. ऐसा भाजपा पहले भी कर चुकी है.

WrittenBy:ऑल्ट न्यूज
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#Jhoothicongress शीर्षक वाले गूगल डॉक्यूमेंट को भाजपा सांसद परेश रावल ने ट्विटर पर शेयर किया. कांग्रेस के कथित दोगलेपन के कई उदाहरणों को सूचीबद्ध करने वाले डॉक्यूमेंट को रावल ने 27 फरवरी को शाम 3:40 बजे प्रकाशित किया.

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#Jhoothicongress उस राजनितिक हमले का विषय था जिसे भाजपा के द्वारा सोशल मीडिया पर प्रचारित किया जाना था. यह ट्वीट भाजपा के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने किया है.

गूगल डॉक्यूमेंट में ऐसे कई ट्वीट्स के लिस्ट थे जिसे पार्टी सदस्यों द्वारा हैशटैग #Jhoothicongress के साथ ट्वीट किया जाना था. ये ट्वीट्स हिंदी और अंग्रेजी दोनों में थे और बहुत सारे मुद्दे को लेकर इन ट्वीट्स के माध्यम से कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाया जाना था.

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यह डॉक्यूमेंट स्पष्ट रूप से पार्टी और उनके (आईटी सेल) सदस्य के लिए था और इसको सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया जाना था. रावल ने यह डॉक्यूमेंट प्रकाशित कर महसूस किया कि उन्होंने ऐसा करने में जल्दबाजी कर दी तो उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. लेकिन तबतक देर हो चुकी थी, क्योंकि सोशल मीडिया पर डैमेज कंट्रोल के प्रयास अक्सर लोग नोटिस करते हैं.

अब इस गूगल डॉक्यूमेंट को नहीं देखा जा सकता जबकि पहले इसे ‘रिक्वेस्ट एक्सेस’ कर देखा जा सकता था.

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जल्द ही #Jhoothicongress ट्रेंड ट्विटर पर फ़ैल चुका था.

सोशल मीडिया पर यह प्रवृति पहले भी देखी जा चुकी है. ऑल्ट न्यूज़ ने बताया था कि कैसे सोशल मीडिया पर #DemonetisationSuccess के लिए एक गूगल डॉक्यूमेंट को निर्देश के साथ कि क्या ट्वीट करना है और कौन सा हैशटैग उपयोग करना है बनाकर फैलाया जा रहा था. ऐसे कई उदहारण हैं. कुछ व्हाट्सएप ग्रुप जो भाजपा को समर्थन देने के लिए बनाये गए हैं उन ग्रुपों से हैशटैग के रिक्वेस्ट के स्क्रीन्शॉट नीचे देखे जा सकते हैं.

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ऐसे डॉक्यूमेंट का लिंक आमतौर पर व्हाट्सएप सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर साझा किया जाता है. इनके विषय का केंद्र मुख्य रूप से किसी राजनेता या राजनितिक पार्टी की प्रशंसा करना या विपक्ष की निंदा करना होता है. ये सारे डाक्यूमेंट्स यह दर्शाते हैं कि विचारों को कैसे बनाया और पेश किया जाता है और एक ट्रेंड बनाकर सोशल मीडिया को अपने विचारों के अनुसार मोड़ने के संगठित प्रयास की झलक भी दिखाते हैं.

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