एनएल सेनाः मीडिया की आजादी को बनाए रखने के लिए

दुनिया को थोड़ा और बेहतर करने की चाह. एक मुश्किल लक्ष्य को साधकर, उसकी तह में जाने, गहन पड़ताल कर सच को सामने लाने वाली ग्राउंड रिपोर्ट.

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हमारे बहुत से चाहने वाले और साथ ही नफरत करने वालों ने बीते कुछ सालों में बार-बार हमें आगाह किया कि ऐसी स्वतंत्र मीडिया कम्पनी खड़ा कर पाना कितना मुश्किल या मूर्खतापूर्ण है जो सिर्फ अपने पाठको और दर्शकों के सहयोग से चले. उनके तर्क भी कुछ ऐसे थे मसलन भारतीय खबरों के लिए पैसा नहीं खर्चते. किसी भी तरह की मीडिया को चलाने के लिए आपके पास सरकारी या निजी संस्थानों से लम्बे समय तक विज्ञापन पाने का जरिया होना चाहिए. फिर भी हमने दो सालों में अपने सब्सक्राइबर की एक ऐसी बिरादरी बनाई है जो स्वतंत्र मीडिया के प्रति हमारे विचार से सहमत हैं और इसे स्वतंत्र रखने के लिए खर्च करने को भी तैयार है.

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महज एक साल में हमारे सब्सक्राइबर्स की संख्या तीन गुणा बढ़ी है. ये संख्या इसलिए बढ़ी है क्योंकि लोग इस बात के लिए जागरूक हैं और मानते हैं कि निष्पक्ष खबरें देने वाला मीडिया कितना असुरक्षित होता है और उसे मजबूत बनाने के लिए आम जनता को थोड़ा बहुत खर्च करना चाहिए. मौजूदा डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में ऐसे तमाम खिलाड़ी मौजूद हैं जो अपना सारा खर्चा अपने सब्सक्राइबर के जरिए निकालते हैं. न्यूज़लॉन्ड्री के लिए ऐसा करना कैसा रहेगा.

अब जैसे-जैसे हम अपना विस्तार करेंगे, हमें आपके और ज्यादा सहयोग की जरूरत पड़ेगी. जो खबरें भुला दी गईं या फिर बड़े मीडिया संस्थानों द्वारा नजरअंदाज कर दी गई उन खबरों की पड़ताल और खोजी खबरों के लिए. ऐसा नहीं है कि बड़े मीडिया हाउस बुरे या भ्रष्ट होते हैं बल्कि बड़े संस्थानों को चलाने के लिए बड़े संसाधनों की जरूरत होती है लिहाजा वे संभलकर चलते है. यह ऐसा मॉडल हैं जिसमें कुछ तयशुदा खामियां हैं, और इसकी लागत बहुत ज्यादा है. यहां लोगों की दर्शकों या पाठकों की संख्या ही इसकी सफलता का अंतिम पैमाना होता है. हम सबको पता है कि रेटिंग के मामले में ‘बिग बॉस‘ हमेशा ‘सत्यमेव जयते‘ को पछाड़ देगा.

समग्र खोजी और ग्राउंड रिपोर्ट के लिए समय और संसाधनों की जरूरत पड़ती है. यह खर्चीला भी है. ऐसा इसलिए है कि जब आप विज्ञापन या दर्शकों के पीछे भागते हैं तब 45 मिनट का स्टूडियों में बैठकर बनाया गया चिल्ल-पों वाला शो हमेशा ही एक बेहतर बिजनेस मॉडल होता है बनिस्बत इसकी तुलना में एक या दो रिपोर्टरों को, एक कैमरामैन के साथ दूर-दराज के इलाकों में भेजकर 10 दिन एक स्टोरी के लिए लगाना और शायद फिर भी वह न मिले.

यहीं पर हमें खबर के कद्रदानों की जरूरत पड़ती है.

एनएल सेना का हिस्सा बनिए और खबरों की मूलअवधारणा को बदल डालिए. एनएल सेना- एक ऐसी शांतिपूर्ण सेना है जो खबरों को स्वतंत्र और निर्द्वंद्व बनाने का कारती है.

दुनिया भर में ज्यादा से ज्यादा स्वतंत्र मीडिया हाउस जनता के धन के सहयोग के जरिए बड़ी खबरों और रिपोर्ट कर रहे हैं जिन्हें बड़े मीडिया हाउस अक्सर दरकिनार कर देते हैं. नोर्वे का द कोरेस्पोंडेंट ने क्राउड फंडिंग के जरिए 10 लाख यूरो जुटाया. और स्पेन के एल एस्पनॉल ने क्राउड फंडिंग के जरिए दो महीनों में 37 लाख यूरो इकट्ठा किया. इससे ये साबित होता है कि खबरों की आजादी और पेड मीडिया से बचने यही एक रास्ता है जो उसके पाठकों या दर्शकों के सहयोग से चले. ऐसे लोग जो स्वतंत्र मीडिया के महत्व को जरूरी नहीं समझते और उसकी चिल्लपों से संतुष्ट हैं उनके लिए मार्गरेट मीड ने कहा हैः ‘‘इसमें कोई शक नहीं है कि विचारशील और प्रतिबद्ध लोगों का एक छोटा सा समूह पूरी दुनिया को बदल सकता है. वास्तव में यही वो चीज है जो हमेशा रहती है.”

तो हम खुद इसी विश्वास पर काम करते हैं क्यूंकि बापू ने भी कहा था, “अगर तुम दुनिया बदलना चाहते हो तो पहले अपने आप को बदलो.” ( मिडिया के लिए, हम इस बात को जोड़ना चाहते हैं).

तो अब आप न केवल न्यूजलॉन्ड्री को सब्सक्राइब ही नहीं कर सकते बल्कि एनएल सेना का हिस्सा बनकर इसके और ज्यादा प्रभावशाली सदस्य बन सकते हैं.

आप सीधे तौर पर हमारी स्टोरी में भी सहयोग कर सकते हैं, स्टोरी के विवरण के साथ ही एनएल सेना के पेज पर उसका बजट भी दिखाया गया है. यहां आप इसे देख सकते हैं.

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नीचे एनएल सेना का सदस्य बनने के लिए अलग-अलग चंदे के स्लैब दिए जा रहे हैं, और किसके बदले क्या मिलेगा यह भी दिया गया है.

बिशप / राशि: 10,000 रु.

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  • आपका नाम स्टोरी के पैट्रन में दर्ज होगा.
  • ‘आई पे टू कीप न्युज फ्री’ का मग आपको मिलेगा.
  • 6 महीने का लिबरेटर सब्सक्रिप्शन.
  • निजी तौर पर एनएल सेना का बिशप बैज (वास्तिविक) और फेसबुक की कवर पिक्चर
  • न्युजलांड्री के सोशल मीडिया अकाउंट पर बोलने का मौका

नाईट / राशि: 20,000 रु.

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  • स्टोरी के पैट्रन में आपका नाम दर्ज होगा.
  • ‘आई पे टू कीप न्यूज़ फ्री’ का मग और कॉस्टर का एक सेट.
  • 6 महिने का लिबरेटर सब्सक्रिप्शन.
  • निजी तौर पर एनएल सेना का नाईट बैज (वास्तिविक) और फेसबुक की कवर पिक्चर.
  • न्युजलॉन्ड्री के सोशल मीडिया अकाउंट पर बोलने का मौका.

रूक / राशी: 30,000 रु.

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  • स्टोरी के पैट्रन में आपका नाम दर्ज होगा.
  • ‘आई पे टू कीप न्युज फ्री’ का मग, कॉस्टर का एक सेट और एनएल हफ्ता नोट पैड.
  • 6 महीने का लिबरेटर सब्सक्रिप्शन.
  • निजी तौर पर एनएल सेना का कासल बैज (वास्तिविक) और फेसबुक की कवर पिक्चर
  • न्यूज़लॉन्ड्री के सोशल मीडिया अकाउंट पर बोलने का मौका

किंग या क्वीन / राशि: 40,000 रु.

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  • स्टोरी के पैट्रन में नाम दर्ज होगा.
  • ‘आई पे टू कीप न्युज फ्री‘ का मग, कॉस्टर का एक सेट, एनएल हफ्ता नोट पैड और अमार बारी तोमार बारी नक्सलबारी की एक कॉपी ( एनएल कॉमिक सिरीज की एक किताब)
  • 6 महीने का लिबरेटर सब्सक्रिप्शन
  • निजी तौर पर एनएल सेना का किंग या क्वीन बैज (वास्तिविक) और फेसबुक की कवर पिक्चर
  • न्यूज़लॉन्ड्री के सोशल मीडिया अकाउंट पर बोलने का मौका

जेडी ग्रांड मास्टर/ राशि: 50,000 रु.

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  • स्टोरी के पैट्रन में नाम दिया जाएगा
  • ‘आई पे टू कीप न्युज फ्री‘ का मग, कॉस्टर का एक सेट, एनएल हफ्ता नोट पैड और अमार बारी तोमार बारी नक्सलबारी की एक कॉपी ( एनएल कॉमिक सिरीज़ की किताब)
  • 6 महीने का गेम चेन्जर सब्सक्रिप्शन
  • निजी तौर पर एनएल सेना का जेडी ग्रैंडमास्टर बैज (वास्तिविक) और फेसबुक की कवर पिक्चर
  • न्यूज़लॉन्ड्री के सोशल मीडिया अकाउंट पर बोलने का मौका

तो आईये ख़बरों की दुनिया को बदलने के लिए मिलकर प्रयास करते हैं. हमारा पहला एनएल सेना प्रोजेक्ट बेल्लारी में अवैध खनन पर था जो पूरा हो चुका है. इस समय एनएल सेना के तीन प्रोजेक्ट जारी हैं. हमारे तीन पत्रकार स्टोरी पर काम कर रहे हैं. इससे जुड़िये या अगर आप के मन में कोई सवाल है तो आप हमें बेहिचक लिख दीजिए nlsena@newslaundry.com पर या फिर #NLSena हैशटैग के साथ ट्वीट भी कर सकते हैं .

अभिनंदन शेखरी के साथ.

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