हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्तेभर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
एनएल चर्चा में इस हफ्ते सरकार द्वारा मनरेगा की जगह लाई गई नई योजना 'जी राम जी', केरल फिल्म फेस्टिवल में कुछ फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक और बांग्लादेश में हिंसा को लेकर विस्तार से बात हुई.
इसके अलावा नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर पैसे की हेरा फेरी के आरोप को अदालत ने किया ख़ारिज, केरल में अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में 19 फिल्मों की स्क्रीनिंग पर लगाई रोक, ऑस्ट्रेलिया में यहूदी संप्रदाय के हनुका फेस्टिवल के दौरान दो लोगों ने की फायरिंग जिसमें 15 लोगों की हुई मौत, सरकार ने लोकसभा में ‘शांति’ नाम का बिल पास किया, दिल्ली में प्रदूषण के चलते हालात ख़राब और ग्रैप-4 लागू, बांग्लादेश में हसन अब्दुल्लाह नाम के नेता ने दिया भारत को लेकर विवादित बयान, बिहार के नवादा में कपड़ा विक्रेता मोहम्मद अतहर हुसैन की लूटपाट और पिटाई के बाद हुई मौत, लखनऊ में ख़राब एक्यूआई के चलते भारत और साउथ अफ्रीका का क्रिकेट मैच हुआ रद्द, लिओनेल मेसी का भारत दौरा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक महिला डॉक्टर को नियुक्ति पत्र देते हुए नक़ाब खींचने की घटना आदि ख़बरें भी हफ्तेभर की सुर्खियों में शामिल हैं.
इस बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार कादंबिनी शर्मा, दयाशंकर मिश्रा और पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक अन्ना एम.एम. वेट्टिकाड शामिल हुईं. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने चर्चा में हिस्सा लिया. न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने चर्चा का संचालन किया.
केरल फिल्म फेस्टिवल विवाद से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “केंद्र सरकार ने कुछ फिल्मों को दिखाने की अनुमति नहीं दी जिसमें से चार फ़िल्में ग़ज़ा और फिलिस्तीन के मुद्दे पर हैं, इन फिल्मों के रोके जाने के पीछे क्या वजह हो सकती है और केरल सरकार ने कहा है कि वह फ़िल्में दिखाएगी ऐसे में क्या केंद्र के साथ टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है?”
इस बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए अन्ना वेट्टिकाड कहती हैं, “केरल सरकार का तो सहयोग है लेकिन विदेश मंत्रालय कहना है कि जिन फिल्मों पर रोक लगाई गई है, उनका असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ सकता है. हालांकि, यह बेहद अजीब बात है क्योंकि कोई यह साबित नहीं कर सकता कि इन फिल्मों का असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ सकता है.”
सुनिए पूरी चर्चा -

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