हालांकि, सरकार की तरफ से झाग को नियंत्रित करने के लिए लगातार डिफॉमिंग केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है.
दिल्ली में यमुना में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ चुका है. कालिंदी कुंज यमुना के पानी में जहरीली झाग साफ-साफ देखी जा सकती है. मालूम हो कि छठ पर्व मौके पर दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि यमुना साफ हो गई है.
हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में तब दिल्ली सरकार के इस दावे की हकीकत आपको दिखाई थी. ऐसे में छठ बीत जाने के करीब 20 दिन बाद हम एक बार फिर यमुना किनारे पहुंचे. इस बार हमें जो तस्वीर नजर आई, वह अलग थी. 28 अक्टूबर को छठ महापर्व की सुबह जहां कालिंदी कुंज का पानी साफ नजर आ रहा था तो वहीं आज उसी कालिंदी कुंज पर यमुना का पानी काला नजर आ रहा है. उसमें जहरीला झाग भी साफ तौर पर देखा जा सकता है.
हालांकि, सरकार की तरफ से झाग को नियंत्रित करने के लिए लगातार डिफॉमिंग केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है. जब हम कालिंदी कुंज घाट पर पहुंचे तो वहां पर सात नावों के जरिए डिफॉमिंग केमिकल का छिड़काव किया जा रहा था. इसके अलावा केमिकल के छिड़काव के लिए नदी में अब वॉटर स्प्रिंकलर भी लगा दिया गया है.
हकीकत यह है कि दिल्ली में अभी भी रोजाना 641 बिलियन लीटर अनुपचारित सीवेज का पानी गिर रहा है. हमने एक बार फिर वजीराबाद से लेकर कालिंदी कुंज तक यमुना का दौरा किया और उसकी तस्वीर इस वीडियो में पेश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि वासुदेव घाट, जहां पर यमुना के बगल में अलग से एक तालाब बना दिया गया था हमने उसे जगह का भी दौरा किया. इस दौरान हमने पाया कि यमुना के किनारे वह तालाब अभी भी मौजूद है. हालांकि, उसकी सूरत थोड़ी बदल गई है.
देखी हमारी यह वीडियो रिपोर्ट-
सरकार ने विज्ञापन की दरों में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है लेकिन हम सब्सक्रिप्शन की दरें 26 फीसदी घटा रहे हैं. इस ऑफर का लाभ उठाइए और विज्ञापन मुक्त पत्रकारिता को सशक्त बनाइए.
यमुना में तैरते मृत जानवर, गिरते नाले और दिल्ली सरकार की ‘नकली’ सफाई
दिल्ली: यमुना में ‘जहर’, गंदगी और राजनीति का ‘चुनावी दंगल’