अनंत सिंह का परिवार पिछले तीन दशकों से यहां की राजनीति पर हावी रहा है. एक बार सूरजभान सिंह भी यहां से विधायक चुने गए थे. अनंत सिंह और सूरजभान सिंह, दोनों ही हत्या के मामलों में दोषी करार दिए जा चुके हैं.
मोकामा का नाम तो आप सबने अब तक सुन ही लिया होगा. चुनाव के बीचों-बीच यहां दिन दहाड़े दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई. हत्या का आरोप मोकाम से जेडीयू के प्रत्याशी अनंत सिंह पर लगा. जिसके बाद सिंह के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज कर लिया गया है.
अनंत सिंह का नाम बिहार के बाहुबलियों में गिना जाता है. लेकिन उसके इतर अनंत सिंह इस बार एक और कारण से चर्चा में हैं. 243 विधायकों वाले बिहार में अनंत सिंह इस बार ऐसे प्रत्याशी के रूप में सामने हैं, जिनके इंटरव्यू के लिए दिल्ली से आए पत्रकार ललायित दिखते हैं. हालांकि, इन इंटरव्यू में अनंत सिंह की ओर इलाके के लिए जनता के लिए कोई ठोस रोडमैप परे और उनके आपराधिक इतिहास पर चर्चा ज्यादा होती है.
लेकिन बात सिर्फ इतनी भर नहीं है, अनंत सिंह का तो विकास हुआ है पर उस मोकामा का क्या जहां 1990 से लेकर अब तक (2000 से 2005 को छोड़कर) अनंत सिंह या उनके परिवार का सदस्य विधायक रहा हो. वहां विकास की क्या स्थिति है? यही सवाल हमें मोकामा तक खींच लाया है और इसी का जवाब हमने इस रिपोर्ट में खोजने की कोशिश की है.
देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट.
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