पटना में बीजेपी का गढ़ कुम्हरार: बदहाली के बावजूद अटूट वफादारी, केसी सिन्हा बदल पाएंगे इतिहास?

पटना जिले की कुम्हरार विधानसभा, यहां से बीजेपी महज एकबार हारी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बीजेपी यहां से कुत्ते को भी खड़ा कर दे तो लोग उसे भी वोट देंगे.

WrittenBy:बसंत कुमार
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पटना जिले में एक विधानसभा क्षेत्र है, कुम्हरार. एक दौर में इसे पटना सेंट्रल के नाम से जाना जाता था. यह बीजेपी का अभेद्य किला है. 1990 से लगातार यहां बीजेपी जीत दर्ज कर रही है. पहले तीन बार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी यहां से विधायक रहे. उसके बाद अरुण सिन्हा. हालांकि इस बार बीजेपी ने सिन्हा की जगह- संजय कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है. 

इलाके में बदहाली है, सड़कें खराब हैं. कूड़ा नहीं उठता बावजूद इसके यहां के लोग कहते हैं, “बीजेपी के नाम पर अगर यहां से कुत्ता भी खड़ा होगा तो जीत जाएगा.”

कायस्थ बाहुल्य इस इलाके में बीजेपी ने दूसरी बिरादरी से आने वाले संजय गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस, से इंद्रदीप चंद्रवंशी मैदान में है. तो वहीं जनसुराज ने जानेमाने शिक्षक केसी सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है.

हमने यहां के हालात और चुनावी राजनीति को लेकर सिन्हा से बात की है. सिन्हा का दावा है कि उनकी पार्टी सत्ता में आती हैं तो शिक्षा के क्षेत्र में ज़रूरी काम होंगे ताकि युवाओं को पढ़ाई के लिए पलायन न करना पड़ा. बिहार एक ऐसा राज्य है जहां पढ़ाई और कमाई दोनों के लिए युवाओं को पलायन करता पड़ता है. 

देखिए यह रिपोर्ट - 

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