पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह तो पता चल गया कि इनकी मौत गोली लगने से हुई लेकिन यह गोली किसने चलाई इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है.
8 फरवरी 2024 को उत्तराखंड के हल्द्वानी में पुलिस और आम लोगों के बीच हिंसा भड़की, कर्फ्यू लगा, इंटरनेट बंद कर दिया गया और देखते ही गोली मारने के आदेश (शूट एट साइट) जारी किए गए. इस हिंसा में छ: लोगों की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी सहित आम लोग घायल हुए. मरने वालों में 22 वर्षीय शाबान, 43 वर्षीय जाहिद और उनके 17 साल के बेटे अनस, 53 वर्षीय मोहम्मद इसरार, फहीम कुरैशी और बिहार के रहने वाले प्रकाश कुमार सिंह शामिल थे.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह तो पता चल गया कि इनकी मौत गोली लगने से हुई लेकिन यह गोली किसने चलाई इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है, जबकि घटना को करीब बीस महीने हो चुके हैं.
मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि इनकी मौत पुलिस की गोली से हुई. लेकिन पुलिस ने इससे इनकार किया. मृतक फहीम, जाहिद, अनस और इसरार के परिजनों ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने अपील की है कि उनके मामले में एफआईआर दर्ज कर, स्वंतत्र एजेंसी से जांच कराई जाए और सरकार मुआवजा दे.
देखिए ये रिपोर्ट.
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