विरोध प्रदर्शन के दौरान कई छात्रों और अध्यापकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जबकि कुछ के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई.
एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग) परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं और धांधली को लेकर देशभर से आए सैकड़ों प्रतिभागियों और शिक्षकों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर 31 जुलाई गुरुवार को प्रदर्शन किया. छात्रों के साथ इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जानी-मानी शिक्षिका और केडी कैंपस की फॉउंडर नीतू मैम समेत कई अध्यापक भी उनका साथ देने जंतर मंतर पहुंचे. विरोध प्रदर्शन के दौरान कई छात्रों और अध्यापकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जबकि कुछ के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई.
इसके बाद अगले दिन यानी 1 अगस्त, शुक्रवार को भी बड़ी संख्या में छात्र दोबारा जंतर मंतर पर जुटे. लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को वहां से खदेड़ दिया. छात्रों ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने पर भी उन्हें रोका जा रहा है और प्रशासन उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश कर रहा है. इस दौरान कई छात्रों को हिरसात में लिया गया.
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि वे लंबे समय से एसएससी परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि परीक्षा प्रक्रिया में बार-बार तकनीकी खामियां, पेपर लीक और रिजल्ट में देरी जैसी गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं, जिससे उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है. छात्र लगातार परीक्षा केंद्रों का गलत आवंटन, तकनीकी गड़बड़ियां, परीक्षाओं का अचानक रद्द होना, आंसर की में गलतियां, छात्राओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं.
एक छात्र ने बताया, "हर साल हम परीक्षा की तैयारी में अपना खून-पसीना लगाते हैं, लेकिन जब पेपर लीक होता है या रिजल्ट में गड़बड़ी आती है तो कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. हम बस यही चाहते हैं कि भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष हो और समय पर हो."
न्यूज़लॉन्ड्री की टीम ने (मौके) पर मौजूद कई छात्रों और अध्यापकों से बात की. सभी का यही कहना था कि जब तक परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं लाई जाती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.
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