play_circle

-NaN:NaN:NaN

For a better listening experience, download the Newslaundry app

App Store
Play Store

एनएल चर्चा 377: इमरजेंसी के 50 साल और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सवालों के घेरे में चुनाव आयोग

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्तेभर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.

     

एनएल चर्चा में इस हफ्ते साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की 50वीं सालगिरह और महाराष्ट्र राजनीति में चुनावी धांधली को लेकर उठते सवालों पर विस्तार से बात हुई.

इसके अलावा ईरान-इजराइल युद्धविराम, अमेरिका की ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा पाने की स्वीकारोक्वित, अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बने शुभांशु शुक्ला, भारत सरकार ने इजराइल से भी भारतीय नागरिकों को निकालना शुरू किया, यूपी के इटावा में दो पिछड़ी जाति के कथावाचकों को मारा और सर मुंडवाया, अमेरिका ने भारत यात्रा करने वाले नागरिकों को सुरक्षा को लेकर जारी की चेतावनी और मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव के काफिले की गाड़ियां इंदौर में तेल भरवाते ही हुईं बंद जैसे मुद्दे भी हफ्ते भर सुर्ख़ियों में रहे. 

इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ सह संपादक संतोष सिंह, और वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सीनियर रिपोर्टर सुमेधा मित्तल, स्तंभकार आनंद वर्धन और सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूजलॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. 

चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “देवेंद्र फडणवीस की विधानसभा सीट जहां वे चुनाव जीते वहां पर आठ प्रतिशत से ज़्यादा नए मतदाता जुड़े, इस पर चुनाव आयोग ने सफाई दी है वह बहुत लचर सफाई है, किसी भी सीट पर अगर चार प्रतिशत से ज़्यादा वोटर बढ़े हैं तो वहां फिजिकल वेरिफिकेशन करना ज़रूरी है जो कि नहीं किया गया.”

इस मुद्दे पर सुमेधा कहती हैं, “चुनाव आयोग यह बोलता है कि चार प्रतिशत से ज़्यादा वोटर बढ़ना और दो प्रतिशत से ज़्यादा वोटर कम होना जांच के दायरे में आता है, और किसी भी नए वोटर को जोड़ने की एक यथाचित प्रक्रिया है. 370 जो बूथ हैं उसमें 70 प्रतिशत से ज़्यादा बूथ पर चार प्रतिशत से ज़्यादा नए वोटर जुड़े हैं. बूथ एक छोटा सा एरिया होता है और उसमें इतने नए लोगों का जुड़ना सवाल खड़े करता है.”

सुनिए पूरी चर्चा - 

Subscribe now to unlock the story


paywall image

Why should I pay for news?

Independent journalism is not possible until you pitch in. We have seen what happens in ad-funded models: Journalism takes a backseat and gets sacrificed at the altar of clicks and TRPs.

Stories like these cost perseverance, time, and resources. Subscribe now to power our journalism.

  • Paywall stories on both Newslaundry and The News Minute
  • Priority access to all meet ups and events, including The Media Rumble
  • All subscriber-only interaction – NL Chatbox and monthly editorial call with the team
  • Stronger together merch – Fridge magnets and laptop stickers on annual plan

500

Monthly

4999

Annual
1001 off

Already a subscriber? Login

You may also like