हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्तेभर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
इस हफ़्ते चर्चा में ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध, G-7 सम्मेलन और ट्रंप की पाकिस्तानी सेना प्रमुख से मुलाक़ात जैसे मुद्दों पर विस्तार से बात हुई.
इसके अलावा ईरान से भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए शुरू किया गया ऑपरेशन सिंधु, जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति द्वारा जारी रिपोर्ट, कर्नाटक में कमल हसन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ पर सुप्रीम कोर्ट ने हटाया प्रतिबंध, जी -7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से की मुलाकात, अहमदाबाद में पिछले हफ्ते हुए एयर इंडिया विमान हादसे में 211 की डीएनए जांच के जरिए पीड़ितो की पहचान और 189 शवों को उनके परिवारों को सौंपा गया, स्टेटिस्टिक्स मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में बढ़ी बेरोज़गारी की दर और अमित शाह के अंग्रेजी भाषा को लेकर दिए गए बयान जैसे मुद्दे भी हफ्ते भर सुर्ख़ियों में रहे.
इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान प्रोफेसर अनुराधा चेनॉय और स्मिता शर्मा शामिल हुईं. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रबंध संपादक मनीषा पाण्डे और सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं चर्चा का संचालन न्यूजलॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “अमित शाह का यह बयान कि हम एक ऐसा समाज तैयार कर रहे हैं कि कुछ समय में लोगों को यहां अंग्रेजी बोलने में शर्म आएगी, सच्चाई से मुंह मोड़ने वाली बात है. इस देश में अंग्रेज़ी को जिस तरह से स्वीकृति मिली है इसका फ़ायदा हमें अन्य विकासशील देशों की तुलना में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज़्यादा मिला है, अंग्रेजी इस देश में एस्पिरेशन की भाषा है. ऐसे में शीर्ष नेतृत्व का इस तरह की बात करना ग़ैर ज़रूरी और गैर ज़िम्मेदाराना है.”
इस मुद्दे पर मनीषा कहती हैं, “हर मां बाप चाहता है कि उनका बच्चा अंग्रेजी बोले और इसकी एक होड़ लगी रहती है. यह आगे चलकर जॉब में भी मदद करती है, लेकिन कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि जो मातृ भाषा में व्यक्ति सीखता है वह ज़्यादा बेहतर सीखता है. इसलिए अगर हम खुद की चीन या फ्रांस से तुलना करें तो वे अपनी मातृ भाषा में ही सीख रहे हैं और ज़्यादा आत्मविश्वास से भरे हैं.”
सुनिए पूरी चर्चा -
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