घटना के 4 महीने गुजर जाने के बावजूद भी यूपी सरकार ने मृतकों का आधिकारिक आंकड़ा या सूची जारी नहीं की है.
प्रयागराज महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के दिन यानि 29 जनवरी को भगदड़ मची. पहले तो सरकार ने टालमटोल की. फिर 24 घंटे बाद 30 लोगों के मरने की बात स्वीकार की. इसके बाद 5 फरवरी को न्यूज़लॉन्ड्री ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया यह संख्या 30 नहीं बल्कि कम से कम 79 थी.
इसके बाद विधानसभा सत्र के दौरान 19 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नया आंकड़ा दिया और कहा कि 30 नहीं 37 लोगों की मौत हुई है.
अब बीबीसी ने भी अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कुंभ के दौरान हुई भगदड़ में कम से कम 82 लोगों की मौत की पुष्टि की है. बीबीसी की इस रिपोर्ट ने न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्ट को पुख्ता विस्तार देने का काम किया है.
बीबीसी ने बताया कि सरकार ने भगदड़ में मारे गए इन 82 में से 36 लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दिया, जबकि 26 परिवारों को 5-5 लाख रुपये तो बाकी बचे 20 परिवारों को कोई मुआवजा नहीं मिला.
न्यूजलॉन्ड्री ने अपनी पड़ताल में पाया था कि मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में महाकुंभ की भगदड़ के बाद 69 लोगों के शव पहुंचे थे. इनमें 5-5 लाख रुपये मुआवजा पाने वाले करीब 24 परिवार वहीं हैं, जिनका नाम इस 69 लोगो की सूची में दर्ज है. जैसे कमलावती चौहान, रीता देवी, रामपति देवी, सुनैना देवी के अपनों अब भी सरकार से न्याय की दरकार है.
सुनैना देवी के पति उदय प्रताप ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है. कोर्ट ने कहा है कि सरकार इस मामले में अधिक पारदर्शिता अपनाये. साथ ही, मुआवजे पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है.
ऐसे में सवाल बना हुआ है कि महाकुंभ की भगदड़ में असल में कितने लोग मारे गए और घटना के 4 महीने से ज्यादा गुजर जाने के बावजूद भी यूपी सरकार ने मृतकों का आधिकारिक आंकड़ा या सूची जारी क्यों नहीं की है.
देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट.
महाकुंभ में दर्जनों मौत, लंबे जाम, भीड़ और ‘अव्यवस्था’ पर भारी पड़ रही आस्था?
EXCLUSIVE: अस्पताल, पुलिस के रिकॉर्ड में महाकुंभ भगदड़ से 79 लोगों की मौत का आंकड़ा दर्ज