समान्यतः पहली बार सांसद बने सदस्यों को टाइप V बंगला मिलता है. या कुछ को आरएमएल अस्पताल के सामने बने सिंधु या नर्मदा अपार्टमेंट में फ्लैट दिए जाते हैं.
तेलुगु देशम पार्टी के नेता राम मोहन नायडू तीसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं. जून, 2024 में जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनी तो नायडू को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री नियुक्त किया गया. कैबिनेट पद पर होने के बावजूद नायडू सिंधु अपार्टमेंट के फ्लैट में रह रहे हैं, जहां वे सांसद के तौर पर अपने पिछले दो कार्यकालों के दौरान रहे थे. हालांकि, अब उन्हें 22, अकबर रोड पर एक सरकारी बंगला आवंटित किया गया है, लेकिन वे अभी तक उसमें शिफ्ट नहीं हुए हैं.
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के कासगंज से पहली बार सांसद बने 34 वर्षीय करण भूषण सिंह हैं. उन्हें 21, अशोका रोड पर टाइप-VIII बंगला आवंटित किया गया है. लुटियंस दिल्ली की यह प्राइम प्रॉपर्टी जंतर-मंतर से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर स्थित है.
छह बार लोकसभा सांसद रह चुके बृज भूषण सिंह 2019 से 2024 तक इसी बंगले में रहे हैं. कई महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें 2024 के आम चुनाव में भाजपा ने टिकट नहीं दिया. उनकी जगह पार्टी ने उनके बेटे करण भूषण को मैदान में उतारा, उन्हें जीत भी मिली.
कई दूसरे सांसदों और मंत्रियों ने चुनाव हारने के बाद अपना बंगला खाली कर दिया वहीं बृजभूषण सिंह ने ऐसा नहीं किया. अपने बेटे के साथ वो इसी में रह रहे थे. जबकि नियमों के मुताबिक, पूर्व सांसदों को लोकसभा भंग होने के एक महीने के अंदर अपना सरकारी आवास खाली करना होता है. बीते दिसंबर, 2024 में यह आवास आधिकारिक तौर पर करण भूषण सिंह को आवंटित हो गया.
ऐसा कैसे हुआ हमने इस वीडियो में इसी सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश की.