कारी मोहम्मद इकबाल: पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हिंदुस्तानी को मीडिया ने बताया आतंकी

कारी मोहम्मद इकबाल के भाई मोहम्मद फारुक ने कहा कि जब मीडिया चैनलों ने उसे लश्कर का आतंकी और पुलवामा का मास्टरमाइंड बताया तो उनकी परेशानी और बढ़ गई. 

7 तारीख को पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुई भारी गोलीबारी में 47 वर्षीय कारी मोहम्मद इकबाल की मौत हो गई. कारी पुंछ में जामिया जिया उल उलूम में शिक्षक के तौर पर काम करते थे. लेकिन भारतीय मीडिया ने उसे आंतकी बताते हुए ख़बरें चलाईं. टीवी चैनलों ने बताया कि कारी मोहम्मद इकबाल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी थे. जो भारतीय एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के कोटली में मारे गए. 

जैसे कि न्यूज़18 इंडिया और CNN-न्यूज़18 ने कई शो चलाए. इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार किशोर आजवाणी ने दावा किया कि इकबाल, एक ‘लश्कर कमांडर’ था, जो कि पीओके में ‘आतंक की फैक्ट्रियां’ चलाता था. यहां तक कि न्यूज़18 ने एक ख़बर भी प्रकाशित की. हालांकि, न्यूज़ 18 ने इस बारे में बाद में माफीनामा जारी किया.

इसी तरह ज़ी न्यूज़ ने भी इकबाल की एक खून से सनी तस्वीर दिखाई और बताया कि ‘एनआईए का सबसे वांछित’ आतंकवादी, जो पीओके के कोटली में छिपा हुआ था, आतंकी शिविरों का कमांडर था, वो मारा गया.  

रिपब्लिक टीवी ने भी कुछ ऐसी ही ख़बर प्रकाशित की. इसके बाद पुंछ पुलिस ने इस मामले में स्पष्टीकरण जारी किया और कहा कि कारी कोई आतंकी नहीं थे बल्कि वो सीमापार से हुई गोलीबारी का शिकार बने. 

इस मामले पर बात करते हुए कारी मोहम्मद इकबाल के भाई मोहम्मद फारुक ने बताया कि 8 मई की सुबह जब लोग शोक में शामिल होने आए तो किसी ने उन्हें मीडिया पर फैली फेक न्यूज़ के बारे में बताया. 

वो कहते हैं, “किसी ने हमें दिखाया कि ज़ी न्यूज़, न्यूज़18 और कुछ मीडिया चैनलों ने कारी मोहम्मद इकबाल को लश्कर का आतंकी और पुलवामा का मास्टरमाइंड बताकर खबर चलाई है. लिहाजा हमारी परेशानी और बढ़ गई.”

कारी मोहम्मद इकबाल जिस स्कूल में पढ़ाते थे उसके वाइस प्रिंसिपल शाहिद अहमद हबीब बताते हैं कि वो बीते 20 साल से उन्हें जानते थे. 

वह कहते हैं, “कारी साहब बहुत ही शरीफ और सम्मानित व्यक्ति थे. करीब 20 साल से हमारे स्कूल में शिक्षक के तौर पर काम कर रहे थे. जब हमने सुना कि मीडिया ने उन्हें आतंकवादी बताया तो हमें बहुत दुख हुआ. हमने तुरंत पुंछ के डिप्टी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को बताया कि मीडिया में ऐसा ऐसा चल रहा है. उन्होंने तुरंत मीडिया द्वारा चलाई जा रही खबर का खंडन किया.”

आपको बता दें कि ग्राउंड रिपोर्ट के लिखे जाने तक जिन भी चैनलों ने कारी मोहम्मद इकबाल को आतंकवादी बात कर झूठी खबर चलाई थी उनमें से केवल एक चैनल न्यूज़ 18 हिंदी ने माफीनामा प्रसारित किया है. 

मीडिया द्वारा इस गैर जिम्मेदाराना और असंवेदनशीलता से न सिर्फ कारी मोहम्मद का परिवार बल्कि उनका गांव, उनका स्कूल और पूरे पुंछ शहर के लोग आहत और नाराज हैं. वो कहते हैं कि सरकार को इन चैनलों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में वो किसी और को आतंकी न बताएं. 

देखिए हमारी ये वीडियो रिपोर्ट. 

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