हमारी यह डॉक्यूमेंट्री सलीम मलिक, सलीम खान, गुलफिशां फातिमा, शादाब अहमद और अतहर खान की अनकही कहानी है.
साल 2020 में राजधानी में हुए दंगों के बाद दिल्ली पुलिस ने 758 एफआईआर दर्ज की और 2619 लोगों को गिरफ़्तार किया. इनमें से 59 एफआईआर दिल्ली में रची गई इस साजिश के ईर्द-गिर्द थी, जिनमें सीएए-एनआरसी का विरोध करने वालों को निशाना बनाया गया.
पुलिस के मुताबिक, 6 मार्च 2020 को दर्ज एफआईआर में उसने 18 लोगों को आरोपी बनाया. इन पर हिंसा की साजिश रचने, विरोध प्रदर्शन करने और कथित तौर पर चक्का जाम कर इलाके में अशांति फैलाने के आरोप हैं. इनमें ज्यादातर उन मुस्लिमों को आरोपी बनाया गया, जो सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में शामिल थे.
बीते चार साल से ऐसे ज्यादातर आरोपी जेल के अंदर हैं, उनमें से सिर्फ 6 को ही जमानत मिल पाई है.
हमारी यह डॉक्यूमेंट्री उनमें से 5 पर केंद्रित है. सलीम मलिक, सलीम खान, गुलफिशां फातिमा, शादाब अहमद और अतहर खान, ये वो लोग हैं, जिन्हें इस असहमति की कीमत चुकानी पड़ी.
देखिए न्यूज़लॉन्ड्री की ये खास पेशकश.