आर्थिक मदद के इस अमेरिकी कार्यक्रम पर फिलहाल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रोक लगा रखी है. भारत में इसके जरिए विपक्ष को विलेन बनाने का अभियान चला.
अमेरिका से लेकर भारत तक और दुनिया के तमाम देशों में पिछले कई दिनों से यूएसएआईडी या यूएसएड को लेकर चर्चा हो रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसे आर्थिक बोझ कह रहे हैं तो ये भी सच है कि इस अमेरिकी मदद कार्यक्रम के जरिए कई देशों में स्वास्थ्य, शिक्षा समेत कई अहम क्षेत्रों में विकास के काम हो रहे थे. लेकिन भारत में इसे लेकर विपक्ष पर तीखा निशाना साधा गया.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तो सदन के पटल पर दर्जनभर सवालों के जरिए इस ओर इशारा किया कि मानो इसके जरिए बस देश विरोधी साजिश हो रही थी. विपक्ष उनके निशाने पर था. लेकिन क्या सच में ऐसा है? उन्होंने कुछ संस्थाओं का नाम लेकर पूछा कि इन्हें पैसा मिल रहा है या नहीं. लेकिन आखिस सच क्या है? वो कौन सी संस्थाएं हैं, जिन्हें यूएसएड से पैसा मिला है.
हमने अमेरिकी सरकार की ओर से सार्वनिक जानकारी पर नजर डाली तो पता चला कि देश में दर्जनभर से ज्यादा संस्थाओं को बीते साल में करीब 170 मिलियन डॉलर की मदद मिली है. आइए उन पांच प्रमुख संस्थाओं के बारे में जानते हैं, जिन्हें ये मदद मिली है.