संभल में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने 89 लोगों को गिरफ्तार किया है और 86 लोगों की तलाश कर रही है.
संभल की शाही जामा मस्जिद में बीते साल हुए सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद से शहर में उथल पुथल मची है. जहां अब तक हिंसा में शामिल 89 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है वहीं पुलिस 86 लोगों की तलाश कर रही है. यानी वे फरार हैं. इसके अलावा पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 74 लोगों के पोस्टर सार्वजनिक जगहों पर भी लगाए हैं जिनकी अभी तक कोई पहचान नहीं हुई है. इनकी पहचान बताने वालों के लिए पुलिस ने इनाम रखा है.
बता दें कि अब तक हुई गिरफ्तारियों में एक गिरफ्तारी 4 दिसंबर को गुलशन जहां के बेटे 24 वर्षीय फैज़ान की भी हुई. जब ये गिरफ्तारी हुई तो पुलिस ने इन्हें दो तस्वीरें दिखाकर कहा था कि ये आपका बेटा है जो पत्थरबाजी कर रहा था. तब इन्होंने कहा था कि ये मेरा बेटा नहीं है, न ही उस पर ऐसे कपड़े हैं. बावजूद इसके फैज़ान को जेल भेज दिया गया.
लेकिन अब करीब तीन महीने बाद इस कहानी में नया मोड़ आ गया है. दरअसल पुलिस ने जिन 74 संदिग्धों की तस्वीरें संभल में सार्वजनिक स्थानों पर लगाई हैं उनमें एक तस्वीर वह भी है, जिसे फैज़ान की बताया गया है. अब सवाल है कि जब फैज़ान की गिरफ्तारी हो चुकी है. तो फिर ये तस्वीर सार्वजनिक जगहों पर उन अनएडेंटिफाइड लोगों में क्यों चस्पा की गई है.
वहीं हमने अपनी इस स्टोरी के दूसरे पार्ट में हसन और अजीम का भी जिक्र किया है. अगर आपने संभल पर हमारी पहली ग्राउंड रिपोर्ट देखी है तो आपको हसन और अजीम याद होंगे. हसन जिसके हाथ पर गोली लगी थी और अजीम जिसके पैर में गोली लगी थी. फिलहाल ये दोनों जेल में बंद हैं. हसन के परिवार और उनके वकील का दावा है कि हसन का हाथ खराब होने की कगार पर है लेकिन उसका इलाज नहीं कराया जा रहा है.
वीडियो में देखिए हमारी संभल से पूरी ग्राउंड रिपोर्ट-