केंद्रीय मंत्री को हराने वाले सीपीआई (एमएल) के सांसद सुदामा प्रसाद से बातचीत.
लोकसभा में शीतकालीन सत्र बिना किसी सार्थक चर्चा के समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. विपक्ष, खासकर कांग्रेस पार्टी अडाणी के मुद्दे को लेकर चर्चा करवाना चाहती है वहीं, भाजपा कांग्रेस के खिलाफ जॉर्ज सोरोस का मामला ले आई है. आखिर लोकसभा की कार्यवाही सार्थक तरीके से क्यों आगे नहीं बढ़ पा रही है? यह सवाल जब हमने लोकसभा के सांसद सुदामा प्रसाद से पूछा तो जवाब में उन्होंने कहा, “पहली बार देख रहा हूं कि ये सरकार नहीं चाहती है कि सदन चले और लोकहित के सवालों पर चर्चा पर हो.”
बिहार के आरा लोकसभा क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को हराकर प्रसाद लोकसभा पहुंचे हैं. इससे पहले ये लगातार दो बार से तरारी विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे. हालांकि इनके सांसद बनने के बाद यहां हुए उपचुनाव में पार्टी ये सीट हार गई. इन पर आरोप लगा कि इन्होंने ठीक से प्रचार नहीं किया. इस आरोप पर प्रसाद कहते हैं, “चुनाव में जीत हार होती है. हम लोगों ने भाजपा को दो बार हराया था. वहां और लोकसभा में भी हराया.”
मालूम हो कि प्रसाद हाल ही में तब चर्चा में आए जब रेलवे की स्थायी समिति सदस्यों को अध्ययन यात्रा के दौरान उपहार में एक ग्राम सोने का सिक्का और 100 ग्राम चांदी का ब्लॉक दिया गया. प्रसाद भी इस समिति के सदस्य हैं. उपहार को लेकर प्रसाद ने पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की और उसे वापस कर दिया.
तो आखिर आपने उपहार क्यों नहीं लिया? इस सवाल के जवाब में प्रसाद कहते हैं, “ये सोना-चांदी देने का प्रचलन सही नहीं है. आमजनों के लिए रेलवे यात्रा बेहतर बनाने की जरूरत है. लोग ट्रेन में लटक-लटक कर यात्रा करते हैं. लोगों को कन्फर्म टिकट नहीं मिलता है. इसे ठीक करने पर मुझे खुशी होगी न कि सोना-चांदी लेकर.”
इसके अलावा भी हमने सुदामा प्रसाद से अन्य कई मुद्दों पर विस्तार से बात की है. देखिए पूरा इंटरव्यू.