वर्मा ने दावा किया कि लोकसभा में टिकट इसीलिए नहीं मिला क्योंकि उन्हें नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल को हराना है.
विधानसभा चुनावों में नई दिल्ली विधानसभा सीट पर रोमांचक त्रिकोणीय मुकाबला चल रहा है. आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मुकाबला दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों से हैं. शीला दीक्षित के बेटे संदीप और साहिब सिंह वर्मा के बेटे परवेश उनके सामने चुनौती पेश कर रहे हैं.
5 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले सभी राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. खासकर भाजपा और ‘आप’ के बीच खूब खींचातानी देखी जा रही है. पार्टी के इतर उम्मीदवार भी एक दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं.
इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने भारतीय जनता पार्टी के नेता और उम्मीदवार परवेश वर्मा से बात की. वर्मा पर हेट स्पीच से लेकर वोटरों को लालच देने के लिए जूते और रुपये बांटने समेत बीते दिनों में कई तरह के आरोप लगे हैं. आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने वाले वर्मा से जब उन पर लग रहे आरोपों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "एक एनजीओ ने मंदिर में महिलाओं के लिए जूते उपलब्ध कराए थे, मुझे सिर्फ उन्हें वितरित करने को कहा गया था." वर्मा ने उन पर लगाए आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया.
इससे पहले वर्मा साल 2022 में एक हेट स्पीच को लेकर चर्चा में आए थे. उन पर मुसलमानों के बहिष्कार का आह्वान करने के आरोप लगे. इसकी सफाई में वर्मा ने कहा कि उन्होंने सब मुस्लिमों के लिए ये बात नहीं कही थी. ये बात उनके लिए थी, जो आसानी से लोगों को निशाना बनाते हैं. माना गया कि इसी विवाद के चलते उनका लोकसभा चुनाव से टिकट कटा. जब वर्मा से उस भाषण को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उनका टिकट इसीलिए कटा क्योंकि अब विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल को हराना है.
क्या परवेश वर्मा के दावों में सच्चाई है या फिर यह सिर्फ चुनावी रणनीति का हिस्सा है? जानने के लिए देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट.