साल 2023 में मुख्यमंत्री रहते अरविंद केजरीवाल ने भलस्वा लैंडफिल के कचरे को साल 2024 तक ख़त्म करने करने का वादा किया था.
कुछ लोगों के लिए यह एक लैंडफिल साइट यानि कूड़े का पहाड़ है तो कुछ के लिए यह कमाई का जरिया. वहीं, उत्तर पश्चिमी दिल्ली के भलस्वा में इसके आस-पास रहने वाले लोगों के लिए यह बीमारियों की जड़ से ज्यादा कुछ नहीं है.
साल 2023 में मुख्यमंत्री रहते अरविंद केजरीवाल ने भलस्वा लैंडफिल के कचरे को साल 2024 तक ख़त्म करने करने का वादा किया था. हालांकि, वादा तो पूरा नहीं हुआ लेकिन केंद्र और दिल्ली की सरकार सुप्रीम कोर्ट में जरूर इसे लेकर जवाबदेही में जुटी है.
वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि पेयजल की असुविधा और गंदगी उनके इलाके की प्रमुख समस्याओं में से एक है. स्थानीय निवासी समीर बताते हैं, “लोग नाक बंद कर के चलने पर मजबूर हो जाते हैं ताकि दुर्गन्ध को सहन ना करना पड़े.” एक अन्य शख्स बताते हैं कि उनके घर में पीने का तो दूर नहाने तक के लिए साफ नहीं बल्कि ‘काला पानी’ आता है.
स्थानीय निवासी पूनम राजनीतिक वादों पर नाराजगी जताती हैं, वे कहती हैं, “नेता सिर्फ वोट मांगने आते हैं, प्रदूषण के कारण हम लोग बीमार पड़ रहे हैं, खांस रहे हैं, कुछ को बुखार है.”
भलस्वा डेरी बादली निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है. जिसका नेतृत्व 2015 से आम आदमी पार्टी के अजीश यादव कर रहे हैं. इस बार बादली निर्वाचन क्षेत्र से उनके खिलाफ कांग्रेस के देवेंद्र यादव और भाजपा से दीपक चौधरी चुनावी मैदान में हैं.
देखिए भलस्वा से हमारी ये खास रिपोर्ट.